टॉलरेंस, डिपेंडेंस और एडिक्शन शब्दों के बीच लोग अक्सर कंफ्यूज हो जाते हैं। कई बार लोग इन शब्दों का गलत उपयोग भी कर लेते हैं। हालांकि, इनकी डेफिनेशन अलग है। चलिए जानते हैं इनका मतलब क्या है? टॉलरेंस सामान्य है। ऐसा तब होता है, जब आप मेडिकेशन का यूज रेगुलरली करते हैं। आप जो मेडिसिन ले रहे हैं उसके प्रति यदि आपकी बॉडी ने टॉलरेंस डेवलप कर लिया है तो इसका मतलब है कि दवा के डोज ने प्रभावी तरीके से काम करना बंद कर दिया है। इसका मतलब ये भी है कि आपकी बॉडी उस दवा के प्रति अभ्यस्त (used to) हो गई है और अब आपको इस दवा के वे फायदे नहीं मिलेंगे जो पहले मिलते थे। ऐसे में डॉक्टर दवा का डोज बढ़ा सकता है, आपका रूटीन बदल सकता है या आपको कोई दूसरी दवा को प्रिस्क्राइब कर सकता है।