अपनी बात किसी तक पहुंचाने के लिए भाषा को महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। भाषा के माध्यम से किसी भी बात की गहराई को आसानी से समझाया जा सकता है। अगर आप किसी के दर्द को कम करना चाहते हैं, तो भाषा में सकारात्क शब्दों का चयन कर आप उसे आसानी से कह सकते हैं। अगर बात किसी पेशेंट की आती है, तो पेशेंट्स से बात करते समय अपनापन, प्यार और भाषा के माध्यम से भावनाओं का आदान-प्रदान उन्हें काफी हद तक राहत पहुंचाने का काम करता है। डायबिटीज के पेशेंट के लिए भी भाषा एक अहम भूमिका निभाती है। डायबिटीज केयर के लिए लैंग्वेज (The Use of Language in Diabetes Care) क्या सच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसे लेकर ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं है। डायबिटीज केयर के लिए लैंग्वेज कैसी होनी चाहिए और इसकी मदद से क्या फायदे पहुंच सकते हैं, यह आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे।
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डायबिटीज केयर के लिए लैंग्वेज (The Use of Language in Diabetes Care)
विशेषज्ञों का इस बारे में कहना है कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों से बात करते समय विशेष सावधानी या ख्याल रखना चाहिए। अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ डायबिटीज एजुकेटर और अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार लैंग्वेज का इस्तेमाल डायबिटीज के पेशेंट पर बहुत असर करता है। जब भी हेल्थ केयर प्रोवाइडर डायबिटीज के पेशेंट को उनकी बीमारी के बारे में जानकारी देते हैं या फिर उनसे टेस्ट के बारे में उन्हें बताते हैं, तो उस समय उनके शब्द प्रोत्साहित करने वाले होने चाहिए। ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, जिससे नेगेटिविटी या नकारात्मकता प्रदर्शित होती हो। ऐसे शब्द पेशेंट को कमजोर करने का काम करते हैं। अगर डायबिटीज के पेशेंट को कोई भी बात आप सकारात्मक तरीके से बताते हैं, तो वह अपनी बीमारी को बहुत बड़ी बीमारी ना समझ कर ऐसी बीमारी समझते हैं, जिसे ठीक किया जा सकता है। डायबिटीज केयर के लिए लैंग्वेज महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- डायबिटीज एक कॉम्प्लेक्स और चैलेंजिंग डिजीज जिसमें कई फैक्टर्स शामिल हैं।
- बीमारी का इलाज लाइफस्टाइल में सुधार और डायट पर ध्यान देकर किया जा सकता है लेकिन ये बीमारी लंबे समय तक व्यक्ति को परेशान कर सकती है, इसलिए पेशेंट को सहनभूति की अधिक जरूरत होती है।
- कई बार नकारात्मक बातें पेशेंट को स्ट्रेस दे सकती हैं, जिसके कारण बीमारी के बढ़ जाने का खतरा अधिक होता है। डायबिटीज के पेशेंट्स को प्रेरणा ऐसे व्यक्तियों से ही मिल सकती है, जो उसके साथ अपनेपन का व्यवहार करें।
- परिवार का अपनापन और पेशेंट का हर पल साथ उन्हें बीमारी से उभारने में मदद कर सकता है। आप चाहे तो इस बारे में डॉक्टर से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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डायबिटीज केयर के दौरान लैंग्वेज में स्टिगमा-फ्री बातें हो शामिल
कुछ बातें ऐसी होती है, जो व्यक्ति को अंदर तक हिला कर रख देती है या फिर नकारात्मक छाप छोड़ती हैं। हेल्थ रिलेटेड स्टिगमा एक साइकोलॉजिक फैक्टर है, जो डायबिटीज के साथ जी रहे लोगों में नकारात्मकता पैदा करने का काम करता है। डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति के लिए अंकंट्रोल्ड डायबिटिक ( “uncontrolled,” “diabetic,”), नॉनकॉम्प्लीएंट (noncompliant) आदि शब्दों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। ये शब्द लेजी और अनमोटिवेटेड लगते हैं, जो पेशेंट्स के लिए ठीक नहीं माने जाते हैं। आपको इन शब्दों का इस्तेमाल करने से पूरी तरह से बचना चाहिए। डायबिटीज केयर के लिए लैंग्वेज (The Use of Language in Diabetes Care) का चयन करते समय पॉजिटिव एटिट्यूड रखें।
शायद आपको लग रहा होगा कि आखिरकार बीमारी को ठीक करने के लिए भाषा भला कैसे महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकती है लेकिन ये बिल्कुल सच है। स्ट्रेंथ बेस्ड लैंग्वेज का इस्तेमाल करने ध्यान केंद्रित होता है। ये लोगों में कैपेबिलिटी, टैलेंट, एबिलिटी, पॉसिबिलिटी, वैल्यू और होप को उजागर करने का काम करता है।
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भाषा का इस्तेमाल करते समय रखें सावधानी!
डायबिटीज केयर के लिए लैंग्वेज (The Use of Language in Diabetes Care) का इस्तेमाल करते समय न्यूट्रल, नॉनजजमेंटल, फैक्ट बेस्ड, एक्शन और बायोलॉजिकल फैक्ट पर बेस्ड लैग्वेंज इस्तेमाल की जा सकती है। पेशेंट की देखभाल के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली दवाईयां जितनी महत्वपूर्ण होती है, उतना ही भाषा महत्व रखती है। चिकित्सा भाषा का रोगियों पर प्रभाव पड़ता है और अनुभव और समझ को परिभाषित करने में केंद्रीय भूमिका निभाता है। कोई किसी भी व्यक्ति की बातों को कैसे समझता है और फिर उन्हें किस रूप में लेता है, ये बात बहुत मायने रखती है। अगर भाषा सरल हो, तो ये जरूरी नहीं है कि भाषा को सकारात्मक रूप में ही लिया जाए।
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अगर आप किसी क्लीनिक में जाते हैं और आपको आपके नाम के माध्यम से बुलाने की वजह है मधुमेह का रोगी कहा जाए तो क्या आपको अच्छा लगेगा? यकीन नहीं। आपको अपनी पहचान में अपना नाम सुनना ही पसंद है ना कि डायबिटीज पेशेंट। ऐसी ही कई और छोटी-छोटी बातें होती हैं, जो डायबिटीज पेशेंट को बुरी लग सकती हैं। अगर आपके घर में कोई डायबिटीज पेशेंट है, तो बेहतर होगा कि अपनी भाषा पर बहुत ध्यान दें और ऐसे किसी भी शब्द का इस्तेमाल ना करें, जो उन्हें बुरा लग सकता है। शब्द शक्तिशाली हथियार की तरह होते हैं, जिनका इस्तेमाल स्वास्थ्य देखभाल करने वाले लोगों द्वारा मधुमेह से पीड़ित लोगों को सशक्त बनाने या उन्हें डिमोवेट करने के लिए भी किया जा सकता हैं।
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डायबिटीज की बीमारी का सामना किसी भी व्यक्ति को करना पड़ सकता है। भारत में डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में पेशेंट्स की संख्या बहुत बढ़ गई है। ना केवल हेल्थ केयर प्रोवाइडर को बल्कि डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति के घर वालों को भी कई छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना होगा, जिससे कि मधुमेह से पीड़ित रोगियों को स्ट्रेंथ मिल सके। ऐसी किसी भी भाषा का इस्तेमाल ना करें, जिससे कि वह डीमोटिवेट हो जाए। भले ही दवाएं अपना काम करती हो लेकिन आपका अच्छा व्यवहार भी लोगों को मोटिवेट कर सकता है और वह जल्द ठीक भी हो सकते हैं। कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो डायबिटीज पेशेंट भी एक नॉर्मल लाइफ जी सकते हैं।
इस आर्टिकल में हमने आपको डायबिटीज केयर के लिए लैंग्वेज (The Use of Language in Diabetes Care) को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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