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टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस पर क्या है स्टडी?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/02/2022

    टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस पर क्या है स्टडी?

    शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल और हेल्दी फूड हैबिट होना जरूरी है, लेकिन बदलती जीवनशैली ने जहां कुछ अच्छे बदलाव हुए हैं तो वहीं कुछ अनहेल्दी बदलाव। अब ऐसे बदलाव किसी न किसी डिजीज इन्वाइट कर ही देते हैं। ऐसी ही लाइफस्टाइल डिजीज की लिस्ट में शामिल है डायबिटीज (Diabetes)। आज इस आर्टिकल में टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के बारे में समझेंगे और साथ ही जानेंगे स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस (Statins And Exercise Intolerance) के बारे में। स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस (Statins And Exercise Intolerance) पर क्या है स्टडी और आप कैसे ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को बैलेंस में रख सकते हैं। 

    टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) क्या है?

    जब बॉडी में इंसुलिन लेवल लो होने लगे और बॉडी इंसुलिन का ठीक तरह से इस्तेमाल ना कर पाए, तो ऐसे स्थिति में डायबिटीज टाइप-2 की समस्या शुरू हो जाती है। टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) सामान्य है और यह 40 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों में ज्यादा देखी जाती है, लेकिन कम उम्र के लोगों में भी टाइप-2 डायबिटीज की समस्या दस्तक दे सकती है। डायबिटीज अपने साथ कई अन्य गंभीर बीमारियों का भी रास्ता खोल देती है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार डायबिटीज के मरीजों में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular Disease) का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए ब्लड शुगर लेवल बैलेंस में रखना बेहद जरूरी है। इसलिए आर्टिकल में स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस (Statins And Exercise Intolerance) को भी समझेंगे, जिससे बॉडी के इम्बैलेंस होते ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को बैलेंस में रखने में मदद मिल सकती है।

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    स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस (Statins And Exercise Intolerance) क्या है? 

    स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस को एक-एक कर आगे समझते हैं- 

    स्टैटिन (Statins) क्या है? 

    स्टैटिन प्रिस्क्राइब्ड ड्रग है और इसके सेवन से बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद मिलती है। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (US Food & Drug Administration) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार यह मेडिसिन बैड कोलेस्ट्रॉल को बाहर कर लिवर की सहायता प्रदान करती है। वहीं नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार स्टैटिन (Statins) के सेवन से मरीजों को लाभ मिला है। चलिए अब एक्सरसाइज इंटॉलरेंस के बारे में समझने की कोशिश करते हैं। 

    एक्सरसाइज इंटॉलरेंस (Exercise Intolerance) क्या है?

    एक्सरसाइज इंटॉलरेंस को अगर सामान्य शब्दों में समझें तो उम्र, सेक्स, बॉडी टाइप और मसल मास के अनुसार शारीरिक क्षमता को दर्शाता है। अब कुछ लोगों की एक्सरसाइज इंटॉलरेंस कम हो सकती है, तो कुछ लोगों की ज्यादा। इसके साथ ही एक्सरसाइज के बाद होने वाले दर्द, थकान या ऐसी ही कोई और परेशानी को दर्शाता है। यह ध्यान रखें कि एक्सरसाइज इंटॉलरेंस (Exercise Intolerance) कोई डिसऑर्डर नहीं है और ना ही कोई बीमारी है। ऐसा दूसरे हेल्थ कंडिशन की वजह से होता है। इसलिए अब आगे समझेंगे टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस (Statins And Exercise Intolerance) से जुड़े रिसर्च क्या हैं। 

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    टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस पर क्या है रिसर्च रिपोर्ट? (Statins And Exercise Intolerance research on Type 2 Diabetics)

    स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस (Statins And Exercise Intolerance)

    नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार स्टैटिन लगातार शारीरिक गतिविधि के स्तर को प्रभावित नहीं करता है। रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस का आपस में कोई तालमेल नहीं है, लेकिन अगर स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस (Statins And Exercise Intolerance) को किसी थेरिपी (Therapy) की तरह देखा जाए, तो ऐसा संभव नहीं है। स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस के लिए अभी भी कुछ रिसर्च किये जा रहें हैं। 

    स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस (Statins And Exercise Intolerance) में आपस में कोई तालमेल नहीं बताया गया है, तो ऐसे में अगर आप टाइप 2 डायबिटीज के मरीज हैं तो आपको टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण और कारणों को समझना चाहिए, जिससे ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को बैलेंस रखा जा सके या इस बीमारी से खुद को दूर रखा जा सके।

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    टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Type 2 Diabetes)

    नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण निम्नलिखित हैं। जैसे:

    • बार-बार भूख (Increased hunger) लगना।
    • अधिक प्यास (Increased thirst) लगना।
    • बार-बार पेशाब (Frequent urination) जाना
    • बॉडी में एनर्जी (Energy loss) की कमी।
    • वजन कम (Weight loss) होना या ज्यादा होना।
    • थकान (Fatigue) महसूस होना
    • मुंह सूखना।
    • त्वचा में खुजली (Itching) की समस्या होना।
    • धुंधला दिखाई (Blurred vision) देना।

    डायबिटीज के लक्षणों को इग्नोर ना करें और डॉक्टर से कंसल्ट करें और इसके कारणों को समझें।

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    टाइप 2 डायबिटीज के कारण क्या हो सकते हैं? (Cause of Type 2 Diabetes)

    जब पैंक्रियाज (Pancreas) में इंसुलिन का निर्माण हो, लेकिन बॉडी उसे ठीक तरह से इस्तेमाल ना कर पाए तो टाइप 2 डायबिटीज की समस्या शुरू हो सकती है। इस बीमारी के अन्य कारण भी हो सकते हैं। जैसे:

    जीन (Gene): हर इंसान का डीएनए (DNA) अलग तरह का होता है, जो शरीर में इंसुलिन लेवल को बिगाड़ सकता है।

    वजन बढ़ना (Weight gain): वजन बढ़ने के कारण इंसुलिन (Insulin) का निर्माण कम हो पाता है, जो डायबिटीज (Diabetes) की समस्या का कारण बन सकती है।

    मेटाबोलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome): इंसुलिन रेजिस्टेंस व्यक्ति प्रायः हाय ब्लड शुगर (High Blood Sugar), हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) , ट्राइग्लिसराइड (Triglycerides) और कमर के आसपास अधिक फैट (Fat) जमा होने सहित कई तरह के मेटाबोलिक सिंड्रोम होने के कारण टाइप 2 डायबिटीज होती है।

    इन कारणों के साथ-साथ अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes)) के कारणों में शामिल है।

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    ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए क्या करें?  (Tips to control Blood Sugar Level)

    ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रखने के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें-

    • इंसुलिन (Insulin) का सेवन समय पर करें और डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार ही लें ।
    • एक्सरसाइज, योगासन या वॉकिंग का शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ-साथ डायबिटीज कंट्रोल करने में भी सहायक है। इसलिए रोजाना एक्सरसाइज (Workout), योगासन (Yoga) या वॉकिंग (Walking) करें।
    • शरीर में पानी की कमी भी ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को इमबैलेंस करने का काम कर सकती है। इसलिए सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार डायबिटीज मरीजों को जूस या डायट सोडा का सेवन ना कर ताजे पानी का सेवन करना चाहिए।
    • ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखने के लिए हाई प्रोटीन फूड (High Protein Food) का सेवन करना चाहिए।
    • डायबिटीज मरीजों को डायबिटिक मील (Diabetes meal) नियमित फॉलो करना चाहिए।

    इन ऊपर बताये पांच टिप्स डायबिटीज पेशेंट्स को जरूर फॉलो करना चाहिए। ऐसा करने से ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) इमबैलेंस होने का खतरा कम हो सकता है और आप हेल्दी रह सकते हैं।

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    अगर आप टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के बारे में और स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस (Statins And Exercise Intolerance) से जुड़े सवालों का जवाब तलाश कर रहें थें, तो उम्मीद करते हैं कि स्टैटिन और एक्सरसाइज इंटॉलरेंस  (Statins And Exercise Intolerance) के बारे में समझने में सुविधा हुई होगी। वैसे अगर आप या आपके कोई भी करीबी डायबिटिक हैं, तो उन्हें ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को बैलेंस बनाये रखने की सलाह दें, जिससे अन्य बीमारियों से दूर रहने में मदद मिल सकती है।

    स्वस्थ रहने के लिए अपने डेली रूटीन में योगासन शामिल करें। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर योगासन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जानिए।

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