डिल के अन्य मेडिकल लाभ (Medical benefits of Dill)
जैसा की पहले ही बताया गया है कि एनेथम ग्रेवोलेंस (Anethum graveolens) या डिल के पत्ते कई हेल्थ कंडिशंस में फायदेमंद होती हैं। इसके औषधीय गुणों के कारण कई रोगों में इसका इस्तेमाल फायदेमंद माना गया है। यह कुछ मेडिकल कंडिशंस इस प्रकार हैं:
- हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol)
- भूख में कमी (Loss of appetite)
- इंफेक्शंस (Infections)
- डायजेस्टिव ट्रैक्ट प्रॉब्लम्स (Digestive tract problems)
- यूरिनरी ट्रैक्ट प्रॉबलम्स (Urinary tract problems)
- स्पाज्म (Spasms)
- इंटेस्टाइनल गैस (Intestinal gas)
- स्लीप डिसऑर्डर्स (Sleep disorders)
- बुखार (Fever)
- सर्दी-जुकाम (Colds)
- खांसी (Cough)
- ब्रोंकाइटिस (Bronchitis)
- लिवर प्रॉब्लम्स (Liver problems)
- गॉलब्लेडर प्रॉब्लम्स (Gallbladder problems)
- मुंह और गर्दन में दर्द (Sore mouth and throat)
कुछ अन्य स्थितियों में भी इस हर्ब का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, डिल के प्रभाव के बारे में अभी अधिक एविडेंस की जरूरत है। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल है, तो अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। डायबिटीज में डिल के पत्ते (Dill leaves benefits for diabetes) लाभदायक हैं और इसमें कोई संदेह नहीं हैं। लेकिन, किसी भी चीज का अधिक सेवन (चाहे वो हर्ब ही क्यों न हो) हानिकारक हो सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना इन्हें लेने से बचें। इसके साथ ही, किसी भी चीज को कितनी मात्रा में लेना चाहिए, यह जानकारी होना भी आवश्यक है। क्योंकि इसके कई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। अब जानिए डिल के साइड-इफेक्ट्स के बारे में।
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डिल के साइड-इफेक्ट्स क्या हैं? (Side-effects of Dill)
शोधकर्ताओं के अनुसार, डायबिटीज में डिल के पत्ते (Dill leaves benefits for diabetes) का सेवन करना आमतौर पर सुरक्षित होता है। यही नहीं, इसे सभी स्थितियों में आमतौर पर सुरक्षित ही पाया गया है। किंतु, कुछ दुर्लभ परिस्थितियों में इसके कारण कई लोग कुछ समस्याओं का अनुभव भी कर सकते हैं जैसे एलर्जिक रिएक्शन (Allergic reactions), उल्टी आना (Vomiting), डायरिया (Diarrhea), ओरल प्रुरिटस (Oral pruritus), अर्टिकेरिया टंग (Urticaria tongue) और गले में सूजन (Throat swelling) आदि। ऐसा भी माना जाता है कि जिन लोगों को गाजरों से एलर्जी होती है, वो डिल के सेवन के बाद भी एलर्जिक रिएक्शन का अनुभव कर सकते हैं।
कुछ खास सिचुएशंस भी हैं, जिसमें डिल यानि एनेथम ग्रेवोलेंस (Anethum graveolens) के इस्तेमाल को लेकर केयरफुल रहना चाहिए। जैसे प्रेग्नेंसी (Pregnancy)और ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) में भी इसके प्रयोग की सलाह नहीं दी जाती है। जो लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं और लिथियम (Lithium) का इस्तेमाल कर रहे हैं और जिनकी सर्जरी होने वाली है उन्हें भी सर्जरी से दो हफ्तों पहले तक इसका सेवन करने से मना किया जाता है। यही नहीं अगर आपको कोई खास मेडिकल प्रॉब्लम (Medical problems) है या आप किसी खास दवा का सेवन कर रहे हैं, तो भी बिना डॉक्टर की सलाह के इस हर्ब को न लें। स्किन पर इस हर्ब का इस्तेमाल करने से कई लोग स्किन इरिटेशन (Skin irritation) का भी अनुभव कर सकते हैं। उन्हें स्किन में एलर्जी के लक्षण नजर आ सकते हैं जैसे लालिमा, खुजली, सूजन आदि।

उम्मीद है कि डायबिटीज में डिल के पत्ते (Dill leaves benefits for diabetes) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस हर्ब का डायबिटीज में इस्तेमाल करना लाभदायक माना गया है। इसके साथ ही कई बीमारियों में इसका प्रयोग किया जा सकता है। डिल के पत्तों या इसके एक्सट्रेक्ट के न्यूट्रिशनल लाभों के कारण में इसे कई कंडिशंस में प्रयोग किया जाता है। लेकिन, इसे कैसे और कितनी मात्रा में लेना है, इसके बारे में जानकारी अवश्य ले लें। इसके सेवन से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी लेना भी बेहद महत्वपूर्ण है। इसे लेने के बाद अगर आपको कोई भी समस्या या साइड-इफेक्ट होता है, तो तुरंत मेडिकल हेल्प (Medical help) लें।
डायबिटीज में डिल के पत्ते (Dill leaves benefits for diabetes) के बारे में अगर आपके मन में कोई भी सवाल है तो डॉक्टर से बात करना न भूलें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।