कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री (Cosmetic Dentistry) कई प्रकार की हो सकती है और यह आपके दांतों की समस्या पर निर्भर करती है। जानिए, इसके बारे में विस्तार से :
टीथ वाइटनिंग या ब्लीचिंग (Teeth Whitening and Bleaching)
टीथ वाइटनिंग या ब्लीचिंग उन लोगों के लिए सबसे अधिक लोकप्रिय विकल्प है, जो अपनी स्माइल को बदलने के लिए कोई आसान और फास्ट रास्ता चाहते हैं। यह उन लोगों के लिए भी बेहतरीन तरीका है जो ब्राइटनिंग से अधिक और कुछ नहीं चाहते या जो अधिक कमिटमेंट नहीं करना चाहते।
डेंटल विनियरस (Dental veneers)
डेंटल विनियर कई सालों से एक अच्छा विकल्प माना जाता है। विनियरस पतले पोर्सिलेन शैल होते हैं जो दांतों के फेशियल सरफेस पर फिट होते हैं। डेंटल विनियरस पतले, दांतों के रंग के पोर्सिलेन या रेसिन हैं (Porcelain or Resin) जो दांतों की सामने की सतह को कवर करते हैं। दांतों की सतह से इनेमल का लगभग आधा मिलीमीटर निकालने के बाद, इन पतले गोले को दांतों के सामने, उनके रंग, शेप, आकार या लंबाई को बदलकर बांध दिया जाता है। डेंटल विनियरस (Dental veneers) से दांत न केवल असली लगते हैं। बल्कि, इससे कई कॉस्मेटिक समस्याएं भी दूर होती हैं जैसे मुड़े हुए दांत या दमगढ़ इनेमल से दांतों के बीच में गैप आदि।
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डेंटल बॉन्डिंग (Dental Bonding)
कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री (Cosmetic Dentistry) के इस तरीके में दांतों के रंग का पुट्टी जैसा रेसिन (resin) लगाया जाता है। यह एक लम्बे समय तक चलने वाला प्लास्टिक मटेरियल होता है। इसे दांतों में लगाया जाता है और अल्ट्रावायलेट या लेज़र लाइट से मजबूत किया जाता है। आपके डेंटिस्ट इसे काट-छांट, शेप या पोलिश कर सकते हैं। इस बॉन्डिंग से टूटे, रिप्ड, क्रैक आदि दांतों की मरम्मत की जा सकती है।
इनलेस और ऑनलेस (Inlays and Onlays)
डॉ. अनुराग टंडन ने बताया कि ब्लाइंड लोगों की जिंदगी में रंगों की कमी होती है। उन्हें अक्सर रंगों को पहचानने में समस्या होती है। ये समस्या पुरुषों में जीन्स डिफेक्ट के कारण ज्यादा होती है। महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा रंग देख पाती हैं, लेकिन लगभग हर दसवें पुरुष में ये समस्या देखने को मिलती है। राहत की बात यह है कि ज्यादातर पुरुष हल्के या माइल्ड कलर ब्लाइंड होते हैं। इस समस्या का कोई सटीक इलाज नहीं है, लेकिन बाजार में मौजूद कलर ब्लाइंडनेस के लिए चश्मे मौजूद हैं। जो कुछ हद तक ऐसे लोगों को रंगों को देखने में मदद करते हैं।”
इनलेस और ऑनलेस को इनडायरेक्ट फिलिंग (Indirect Filling) भी कहा जाता है। इसमें सोने, पोर्सिलेन या अन्य कम्पोजिट मटेरियल का प्रयोग होता है। इस मेटेरियल को टूटे दांतों में भरा जाता है। इनलेस और ऑनलेस (Inlays and Onlays) एक दंत प्रयोगशाला में बनाई गई जाती हैं। फिलिंग को इनलेस तब कहा जाता है जब मटेरियल को दांत के सेंटर में भरा जाता है और ऑनलेस तब कहा जाता है जब फिलिंग में दांत के एक या अधिक बिंदु शामिल होते हैं। वे दांतों को मजबूत करने, उनके आकार को बहाल करने, और आगे नुकसान या गिरने से बचाने के लिए सहायता प्रदान करते हैं।
डेंटल इम्प्लांट्स (Implants)
डेंटल इम्प्लांट्स का प्रयोग टूटे या गुम हुए दांत के लिए किया जाता है। इसके लिए डेंटिस्ट छोटे से स्क्रू का प्रयोग उस जबड़ों में करते हैं जहां से दांत गायब है। इसमें एक बार हड्डी और सहायक ऊतक इंप्लांट हो जाते हैं, तो दांत उस जगह पर स्थायी हो जाते हैं। यदि आप कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री (Cosmetic Dentistry) चिकित्सा प्रक्रियाओं पर विचार कर रहे हैं, तो एक कॉस्मेटिक डेंटिस्ट को ढूंढना महत्वपूर्ण है जो विशेष रूप से आपके मनचाहे विकल्प प्रदान करता है। वे आपका मार्गदर्शन करेंगे कि कौन सी प्रक्रिया आपके लिए सबसे अच्छी होगी।
डेंटल क्राउन (Dental Crown)
डेंटल क्राउन पूरे दांत के फिट होने के लिए बनाया जाता है। इन्हें जरूरत के अनुसार दांतों के आसपास बनाया जाता है। उनका उपयोग उन दांतों का इलाज करने के लिए किया जाता है, जो मिस्डअप होते हैं या रूट कैनाल सर्जरी या लार्ज फिलिंग वाले होते हैं। इसके साथ ही, जिन दातों की शेप खराब हुई हों, उनके लिए टीथ शेपिंग का प्रयोग किया जाता है। यह तरीका दर्द रहित और तुरंत फायदेमंद हो सकता है।
कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री (Cosmetic Dentistry) से जुड़े रिस्क कौन से हैं?
कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री (Cosmetic Dentistry) के साथ कुछ जोखिम भी जुड़े हुए हैं। यह तरीके स्थायी नहीं हैं। इससे जुड़े रिस्क इस प्रकार हैं:
- कुछ मामलों में, इस तरीके में कुछ टिश्यू जटिलताएं शामिल होती हैं जो संक्रमण आदि का कारण बन सकती हैं। यह समस्या को ठीक करने और सुधार के लिए अधिक क्लीनिंग (Cleaning), परामर्श (Consultation) और रिवीजन सर्जरी का सहारा लिया जाता हैं।
- इससे जुड़ा दूसरा जोखिम हैं टूथ सेंसिटिविटी। जो आमतौर पर अस्थायी होती हैं लेकिन किन्हीं मामलों में स्थायी हो सकती हैं। गंभीर मामलों में रुट कैनाल (Root Canal) की भी जरूरत होती हैं।
- कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री (Cosmetic Dentistry) के कारण जबड़ों में समस्या हो सकती हैं, जिससे कुछ भी खाने में परेशानी होना सामान्य हैं।
- कुछ लोग कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री (Cosmetic Dentistry) के बाद भी दांतों के रंग के बिगड़ने का (Tooth Discoloration) का सामना कर सकते हैं।