जुकाम और स्वाइन फ्लू
जुकाम और स्वाइन फ्लू (Seasonal flu & Swine flu) के लक्षण लगभग एक जैसे हैं, इसी वजह से कई लोग इनमें अंतर नहीं कर पाते। ऐसे में कई बार स्वाइन फ्लू को आम बुखार समझने की गलती हो जाती है, तो कई बार आम बुखार को स्वाइन फ्लू समझकर लोग घबरा जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसे लक्षण भी है जो जुकाम और स्वाइन फ्लू के बीच अंतर स्पष्ट करते हैं। आपको बता दें कि सीजनल फ्लू, जिसमें हम मौसमी बुखार भी कहते हैं उसमें हर साल कुछ न कुछ बदलाव होते रहते हैं।
कई बार ऐसा होता है जब आप सोकर उठते ही छींकना, खांसना, बुखार, मसल्स के मुवमेंट में असहजता महसूस करते हैं। इन तमाम लक्षणों से आप कैसे समझ पाएंगे कि आपको जुकाम है या फिर स्वाइन फ्लू। बता दें कि जुकाम व स्वाइन फ्लू के अलग-अलग लक्षण होते हैं। अपर्याप्त जानकारी से समस्या गंभीर हो सकती है, इसलिए जरूरी है कि बीमारी के बारे में जानकारी हासिल कर समस्या से निजात पाया जा सके। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए पढ़ें यह आर्टिकल।
कैसे करें पहचान?
सर्दी-जुकाम के समय पहले गले में खराश पैदा होती है और जलन होती है। नाक बंद हो जाती है या बहने लगती है। रोगी को बार-बार छींकना लगता है। हल्का बुखार भी आ जाता है। सामान्य लोगों में आमतौर पर सात दिनों के बाद जुकाम दूर हो जाता है, लेकिन यह स्वाइन फ्लू नहीं है। जुकाम और स्वाइन फ्लू में ये बड़ा अंतर है।
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स्वाइन फ्लू के लक्षण
जुकाम और स्वाइन फ्लू के लक्षण आमतौर पर सामान्य लगते हैं, लेकिन इनमें कुछ हद तक अंतर होता है। नीचे हम आपको कुछ ऐसे लक्षण बताने जा रहे हैं, जो स्वाइन फ्लू का संकेत हो सकता है, जैसे :
- गला खराब होना
- जुकाम होना
- आंखों में दर्द व पानी आना
- सिर दर्द करना
- खांसी होना
- मांसपेसियों में दर्द होना
- जी मचलाना
इसके अलावा स्वाइन फ्लू में आम फ्लू की तरह कई लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन सबसे खास बात यह है कि यह आम बुखार की तरह हफ्ते भर में ठीक नहीं होते।
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नोट- हर बीमारी के लक्षण हर व्यक्ति में अलग नजर आते हैं। ऐसे में अपनी स्थिति को लेकर अधिक जानकारी के लिए डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
बचाव व सावधानियां
जुकाम और स्वाइन फ्लू से बचाव
इस वायरस से संक्रमण व्यक्ति का खांसना और छींकना या ऐसी चीजों का स्पर्श करना जो दूसरों के संपर्क में भी आता है, उन्हें भी संक्रमित कर सकता है। जो संक्रमित नहीं है वे भी दरवाजे के हैंडल, टेलीफोन के रिसीवर या टॉयलेट के नल के स्पर्श के बाद स्वयं की नाक पर हाथ लगाने भर से संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए सावधानी बरतें। ऐसा कोई भी काम न लें जिससे समस्या बढ़ने का खतरा हो।
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जुकाम और स्वाइन फ्लू के लिए सावधानियां
सामान्य बुखार के दौरान रखी जाने वाली सभी सावधानियां इस वायरस के संक्रमण के दौरान भी रखी जानी चाहिए। जैसे बार-बार अपने हाथों को साबुन से धोना जरूरी होता है जो वायरस का खात्मा कर देते हैं। नाक और मुंह को हमेशा माक्स पहन कर रखना।
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सबसे अच्छा बचाव है वैक्सीन
एच1एन1 स्वाइन फ्लू से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है वैक्सीन लगवाना। दिसंबर 2009 से एच1एन1 वैक्सीन बाजार में उपलब्ध है और 6 माह से अधिक के बच्चे और हर उम्र वर्ग के व्यक्ति को ये वैक्सीन लगवाना चाहिए। जो लोग ऐसी जगहों पर रहते हैं, जहां स्वाइन फ्लू का खतरा है उन्हें यह वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए।
क्यों वैक्सीन लगवाना है जरूरी?
मौसमी बीमारियों की तरह स्वाइन फ्लू भी बरसात आदि मौसम में ज्यादा तेजी से फैलता है। ऐसे में स्वाइन फ्लू वैक्सीन लेने से दो फायदे हैं। वैक्सीन की मदद से आप स्वाइन फ्लू के साथ-साथ दूसरे मौसमी बुखार से भी बच सकते हैं।
स्वाइन फ्लू से कैसे बचें?
स्वाइन फ्लू से बचने का सबसे पहला तरीका है सावधानी और सुरक्षा। कहते हैं कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी। इसलिए जरूरी है कि आप सावधानी बरतें ताकि स्वाइन फ्लू आप तक न पहुंचे। इसके लिए आपको नीचे बताई गई बातों पर ध्यान देने की जरूरत है :
स्वाइल फ्लू (H1N1) के उपचार के लिए घरेलू नुस्खें काफी कारगार होते हैं, जिन्हें आप अपना सकते हैः
- जब स्वाइन फ्लू फैल रहा हो, उस दौरान घर से बाहर कम से कम निकलें। खासतौर पर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। अगर जाना भी पड़े तो मुंह पर मास्क लगाकर निकलें।
- भीड़भाड़ से दूर रहें क्योंकि ऐसे में स्वाइन फ्लू फैलने का खतरा ज्यादा रहता है।
- शरीर को आराम दें, क्योंकि शरीर को जितना आराम मिलेगा इम्यून सिस्टम को इस बीमारी से लड़ने में उतना बेहतर काम करेगा।
- पानी, नारियल पानी और फलों के जूस का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें और डिहाइड्रेशन से बचें।
- बुखार तेज होने पर डॉक्टर की सलाह से दवा लें।
- छींक आने पर टीसू से नाक को ढकें और हाथों को अच्छे से धोएं।
- घर से बाहर जाते समय या परिवार के लोगों के बीच आने सर्जिकल मॉस्क पहनें।
- जानवरों से दूर रहें।
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स्वाइन फ्लू से बचने के लिए क्या घरेलू उपाय अपना सकते हैं?
स्वाइन फ्लू से बचने के लिए आप नीचे बताए गए घरेलू उपाय अपना सकते हैं, जैसे :
तुलसी भी है फायदेमंद : तुलसी गले और फेफड़ों को साफ रखती है और आपकी प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करके उसे संक्रमण से लड़ने में मदद करती है। इसके जड़, पत्ते, तने और बीज सभी का प्रयोग आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर किया जाता है।
लहसुन का करें इस्तेमाल : लहसुन में एलिसिन की उपस्थिति शरीर में एंटीऑक्सिडेंट की गतिविधियों को उत्तेजित करती है और उन्हें आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने के लिए बढ़ावा देती है। स्वाइन फ्लू (H1N1) से बचाव के लिए रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन की दो कच्ची कलियां गर्म पानी के साथ खा सकते हैं।
उम्मीद करते हैं आपको हैलो स्वास्थ्य का जुकाम और स्वाइन फ्लू में अंतर पर लिखा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इस आर्टिकल में हमने आपको सामान्य जुकाम या फ्लू और स्वाइन फ्लू के बीच के बारीक अंतर को बताने की कोशिश की है। अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया है, तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करने की कोशिश करें, ताकि उन्हें भी इन दोनों के बीच के अंतर की जानकारी हो और वो आने वाले खतरे को लेकर सतर्क हो जाएं और खुद को सुरक्षित रख सकें। इसके अलावा अगर आपके मन में जुकाम और स्वाइन फ्लू से जुड़े अन्य कोई सवाल हैं, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सभी सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।
अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना न भूलें।