अक्सर इंग्वाइनल हर्निया और हाइड्रोसिल को लेकर भ्रमित रहते हैं लोग
इंग्वाइनल हर्निया और हाइड्रोसिल दो अलग-अलग बीमारी हैं पर क्योंकि ये पेट के निचले हिस्से और खासतौर पर अंडकोष को प्रभावित करती हैं इसलिए कई बार इनमें अंतर करना मुश्किल हो जाता है। इंग्वाइनल हर्निया को वेक्षण हर्निया भी कहते हैं, इस तरह का हर्निया पेट के निचले हिस्से में होता है। इसमें आंत अंडकोष की पतली नली की सहायता से अंडकोष में खिसक जाती है। वहीं हाइड्रोसिल में अंडकोषों में पानी भर जाता है, इसमें कभी दर्द होता तो कभी नहीं। दोनों मामलों में सूजन की वजह से लोग अक्सर इंग्वाइनल हर्निया और हाइड्रोसिल (Hydocele) में अंतर नहीं कर पाते। जानें क्यों ये दोनों बीमारी होती हैं और कैसे इसमें अंतर पता किया जा सकता है।
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जानिए इंग्वाइनल हर्निया और हाइड्रोसिल के बीच अंतर
हाइड्रोसिल (hydrocele)
हाइड्रोसिल (Hydrocele) पुरुषों को होने वाली बीमारी है। हर 100 में से 10 पुरुषों को यह बीमारी होती है। इस बीमारी में अंडकोषों में पानी भर जाने के कारण उनका आकार बढ़ जाता है। ज्यादातर मामलों में ये अंडकोष के एक तरफ होता है मगर कई बार दोनों तरफ भी हो सकता है। हाइड्रोसिल (Hydrocele) के ज्यादातर मामले जन्मजात होते हैं, लेकिन ये बीमारी भविष्य में किसी चोट, सूजन आदि कारणों से भी हो सकती है।
हाइड्रोसील मुख्य रूप से 2 प्रकार की हो सकती हैं, जिसमें शामिल हो सकते हैंः
कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील- जब अंडकोष की थैली पूरी तरह बंद नहीं पाती है और इसके साथ में अंडकोष में दर्द और सूजन की भी समस्या होने लगती है, तो ऐसी स्थिति को कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील (Communicating Hydrocele) कहा जाता है। इसकी समस्या मुख्य रूप से हर्निया के मरीजों में हो सकती है।
नॉनकम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील- इसकी स्थिति होने पर अंडकोष की थैली बंद होने पर बचा हुआ द्रव शरीर में जमा नहीं हो पाता है। नॉनकम्युनिकेटिंग हाइड्रोसी (Non Communicating Hydrocele) की समस्या मुख्य रूप से नवजात शिशुओं में देखी जा सकती है। खासकर अगर आपका शिशु एक साल से कम उम्र का है, तो उसे इसके होने का जोखिम अधिक हो सकता है।
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हाइड्रोसील के लक्षण क्या हैं?
हाइड्रोसील के लक्षण निम्न हो सकते हैं, जिसमें शामिल हैंः
- अंडकोष में अचानक दर्द होना
- दर्द निवारक दवाओं से उपचार के कुछ समय बाद दोबार से दर्द शुरू हो जाना
- अंडकोष में सूजन होना
- अंडकोष का आकार बढ़ा होना
- चलने में तकलीफ होना
- बैठने में परेशानी महसूस करना
हाइड्रोसील के कारण क्या हैं?
निम्न स्थितियां हाइड्रोसील की समस्या का कारण बन सकती हैं, जिसमें शामिल हैंः
- गर्भावस्था के आखिरी महीनों का समय- अगर कोई महिला प्रेग्नेंसी के तिसरी तिमाही में हैं और लेबर पेन के करीब है, लेकिन उसे किसी तरह की समस्या होती है, तो गर्भ में पल रहे बच्चे को इसके होने का खतरा अधिक हो सकता है। हालांकि, यह सिर्फ मेल शिशुओं को ही प्रभावित कर सकता है।
- हर्निया की स्थिति होना
- आनुवंशिकी कारण
- अंडकोष में चोट लगना
- प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण होना
हाइड्रोसिल (Hydrocele) का इलाज
आमतौर पर हाइड्रोसिल खतरनाक नहीं होता है और इसकी वजह से अंडकोषों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। शुरुआती अवस्था में हाइड्रोसिल को दवाओं से भी ठीक किया जा सकता है बढ़ जाने के बाद इसका ऑपरेशन करना पड़ता है। जब हाइड्रोसिल (Hydrocele) बढ़ जाता है तो इसका दर्द असहनीय हो जाता है। इसकी वजह से रक्त संचार में समस्या हो सकती है। ऐसे में सर्जरी से इसका उपचार किया जाता है। कई मामलों इंजेक्शन के जरिए अतिरिक्त द्रव्य अंडकोषों से बाहर निकाल लिया जाता है।
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इंग्वाइनल हर्निया (inguinal hernia) क्या है?
इंग्वाइनल हर्निया (Inguinal Hernia) तब होता है जब जन्म के दौरान अंडकोष आने के लिए बनी नली ठीक तरह से बंद नहीं हो पाती। इस खाली जगह से नसें और आंतों का कुछ हिस्सा अंडकोषों (testicles) में उतर जाता है। ऐसा होने पर अंडकोष का आकार बढ़ जाता है। अंडकोष में सूजन हो जाने के कारण हाइड्रोसिल और हर्निया में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। हर्निया का यह प्रकार पुरुषों में पाया जाता है और ये घातक रूप भी ले सकता है। हर्निया के लगभग 70 प्रतिशत रोगियों को ये हर्निया ही होता है जिसमें भयानक दर्द होता है।
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आपको बता दें कि इंग्वाइनल हर्निया, हर्निया का ही एक प्रकार होता है।
हर्निया मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं, जिनमें शामिल हैंः
इंग्वाइनल हर्निया – यह हर्निया का सबसे साधारण प्रकार माना जाता है। इसे वेक्षण हर्निया (inguinal hernia) के नाम से भी जाना जाता है। यह मुख्य रूप से जांघों के जोड़ में हो सकता है। हालांकि, इसमें आंत अंडकोष की पतली नली की सहायता से अंडकोष में खिसक सकती है जो अंडाकोष में सूजन और गंभीर स्थितियों में दर्द का कारण भी बन सकती है।
फेमोरल हर्निया – फेमोरल हर्निया (Femoral hernia) मुख्य रूप पेट के अंगों का जांघ से पैर से जाने वाली धमनी से बाहर निकल जाने की स्थिति में होता है। हर्निया या यह रूप मुख्य रूप से पुरुषों को अधिक प्रभावित कर सकता है।
अम्बिलिकल (नाभि) हर्निया – इसे नाभि हर्निया (Umbilical Hernia) भी कहा जाता है। हर्निया का यह प्रकार मुख्य रूप से नाभि से संबंधित होता है, जो पेट की सबसे कमजोर मांसपेशियों के नाभि से बाहर निकलने की स्थिति में हो सकता है।
हर्निया के लक्षण
हर्निया के कोई खास लक्षण नहीं होते लेकिन निम्न स्थितियां इसके जोखिम बढ़ा सकते हैं, जिसमें शामिल हैंः
- अंडकोष या पेट के निचले हिस्से में सूजन व दर्द की शिकायत होना
- मांसपेशियों में खिंचाव पड़ने व कुछ भारी सामान उठाने पर दर्द का बढ़ जाना
- वजन के बढ़ने, लगातार खांसी व छींके आने, कब्ज होने पर भी दर्द का स्तर बढ़ जाना
इंग्वाइनल हर्निया का इलाज
इंग्वाइनल हर्निया अगर बढ़ जाए तो सर्जरी एकमात्र सहारा रह जाती है। इसमें डॉक्टर्स सबसे पहले अंडकोष में उतरी आंतों या नसों को वापस जगह पर भेजते हैं। इसके बाद फटी हुई झिल्ली या एब्डॉमिनल वॉल पर टांके या अतिरिक्त सपोर्ट लगाकर उसे बंद कर दिया जाता है। सपोर्ट लगाने से भविष्य में इंग्वाइनल हर्निया (Inguinal Hernia) होने की संभावना कम हो जाती है। लेकिन सर्जरी के बाद रोगी को कई तरह की चीजों का ध्यान रखना होता है।
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निष्कर्ष
इंग्वाइनल हर्निया और हाइड्रोसिल में अक्सर अंतर करना मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में हमेशा डॉक्टर की मदद लें। क्योंकि इंग्वाइनल हर्निया और हाइड्रोसिल दोनों ही बीमारी बढ़ने पर खतरनाक हो सकती है।
अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ना भूलें।