परिचय
साइनोसाइटिस (Sinusitis) क्या है?
साइनोसाइटिस एक संक्रमण है, जिसमें साइनस ब्लॉकेज के कारण एक या एक से ज्यादा साइनस में सूजन आ जाती है। यह अल्पकालिक लगभग चार सप्ताह तक रह सकता है, जिसे तीव्र साइनोसाइटिस (Sinusitis) कहा जाता है। वहीं, लगभग तीन महीने तक रहने वाले संक्रमण (Infection) को क्रोनिक साइनोसाइटिस (Chronic Sinusitis) कहा जाता है।
साइनोसाइटिस (Sinusitis) कितना सामान्य है?
यह बीमारी आम है, जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है। इसके कारणों को नियंत्रित कर के इससे निपटा जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
लक्षण
साइनोसाइटिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Sinusitis)
साइनोसाइटिस की बीमारी होने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं।
- सिरदर्द (Headache) होना
- खांसी आना, विशेष रूप से रात में अधिक खांसी का आना
- बुखार (Fever) रहना
- माथे या चेहरे में दर्द महसूस करना
- नाक (Nose) का बहना
- गले में खराश
ये लक्षण लगभग 7 से 21 दिनों में ठीक हो जाते हैं। यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण आप में लंबे समय तक बने रहते हैं, तो आप डॉक्टर से मिलें।
- आंखों के नीचे काले घेरे, सूजन और दर्द,
- माथे पर सूजन,
- तेज सिर दर्द होना,
- गर्दन में अकड़न,
- लगातार उलझन महसूस करना,
- सांस लेने में दिक्कत महसूस होना।
यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हर किसी का शरीर अलग तरीके से कार्य करता है। अपनी स्थिति के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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कारण
साइनोसाइटिस के क्या कारण हैं? (Cause of Sinusitis)
साइनोसाइटिस के कारण बैक्टीरिया, एलर्जी (Allergy) की समस्या, प्रदूषण या नाक के पॉलिप्स हो सकते हैं। इसके अलावा, यह अक्सर सर्दी होने के बाद होता है या फिर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में (खाने, पीने, श्वास या स्पर्श) आने के बाद हो जाता है। इसके अलावा, क्रोनिक साइनसिसिस (Chronic Sinusitis) सिकुड़े हुए साइनस या बहुत ज्यादा ड्राई साइनस की वजह से भी हो सकता है।
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खतरा
किन कारणों से साइनोसाइटिस का खतरा बढ़ जाता है? (Cause of Sinusitis)
इस बीमारी के कई जोखिम कारक हैं जैसे:
- एलर्जी या पर्यावरण प्रदूषण के साथ नियमित संपर्क में रहना,
- एचआईवी (HIV) / एड्स (AIDS), सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसे विकार,
- अस्थमा (Asthma) की समस्या,
- धुआं।
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
साइनोसाइटिस का उपचार कैसे किया जाता है?
डॉक्टर कान, नाक, गले, चेस्ट की जांच करेंगे और साइनोसाइटिस के निदान के लिए मेडिकल स्टेथोस्कोप का उपयोग करेंगे। इसके अलावा, अगर डॉक्टर को फंगल साइनसिसिस इंफेक्शन या ट्यूमर की शंका होती है, तो डॉक्टर नाक की एंडोस्कोपी, साइनस सीटी स्कैन (CT scan) या एमआरआई (MRI) भी कर सकते हैं।
बीमारी के कारणों को निर्धारित करने के लिए, डॉक्टर साल भर में आपको कितनी बार साइनोसाइटिस होता है?, पूछ सकते हैं या फिर लक्षणों का पता लगाने के लिए आपके द्वारा की जाने वाली गतिविधियों के बारे में वो बात कर सकते हैं। इसके अलावा, आवश्यकता होने पर एक्स-रे या अन्य परीक्षण कराने की सलाह दे सकते हैं।
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साइनोसाइटिस का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment of Sinusitis)
- बीमारी के कारण होने वाली बेचैनी की भावना को कम करने के लिए, आप भीड़ में स्प्रे या ड्रॉप का उपयोग कर सकते हैं। हल्के सिरदर्द के लिए, आप पेरासिटामोल युक्त पेनकिलर का उपयोग कर सकते हैं जैसे कि पैनाडोल या एफेरगन।
- डॉक्टर सूजन को कम करने के लिए एंटीहिस्टामाइन या कॉर्टिकोस्टेरॉइड नेजल स्प्रे का उपयोग करने को कह सकते हैं। संक्रमण के कारण होने वाली साइनस सूजन के लिए, डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लिखेंगे।
- साइनस बीमारी का इलाज करते समय डॉक्टर आपको फंगल साइनोसाइटिस से निपटने के लिए सर्जरी की भी सलाह दे सकते हैं।
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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको इस बीमारी से निपटने में मदद कर सकते हैं:
- पानी अधिक पिएं,
- एल्कोहॉल न लें,
- धूम्रपान (Smoking) न करें,
- एक से दो घंटे के भीतर साइनोसाइटिस से प्रभावित क्षेत्र की दिन में चार बार गर्म सिकाई करें,
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें,
- डॉक्टर द्वारा बताए गए नेजल स्प्रे का उपयोग करें,
- खट्टे ग्रेपफ्रूट सीड एक्स्ट्रैक्ट शक्तिशाली प्राकृतिक एंटीबायोटिक होता है, जो रोगाणुओं, परजीवी, बैक्टीरिया, वायरस और कैंडीडा यीस्ट सहित 30 प्रकार के फंगस को रोकने के लिए उपयोग किए जाते हैं। साइनस का इंफेक्शन होने पर, आप इसका नाक में डालने वाला स्प्रे भी ले सकते हैं, जिसका इस्तेमाल करने से आपको नाक में राहत मिलेगी और इंफेक्शन भी कम हो सकता है।
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- साइनस एक सांस संबंधी समस्या है। इस प्रकार की समस्याओं से राहत पाने के लिए थोड़ा-सा काला जीरा लें और उन्हें एक पतले कपड़े में बांधे लें। तुरंत राहत पाने के लिए थोड़ी देर इस कपड़े में से माध्यम से सांस लें। ऐसा करने से सायनस के दर्द से राहत मिल सकती है।
- साइनस का दर्द होने पर यूकेलिप्टस का तेल भी फायदा देता है। इसके लिए गर्म पानी में पाइन तेल की कुछ बूंदें मिला कर उसकी भांप लें। साइनस के लक्षणों से राहत पाने के लिए आप दिन में एक से दो बार इसकी भांप ले सकते हैं। ऐसा करने से आपका जमा हुआ बलगम बाहर आसानी से आ सकता है और आपको राहत मिल सकती है।
- अपनी नाक और आंखों के चारों ओर तिल के तेल की हल्के से मसाज करें। यह आपकी नाक की रुकावट को साफ करने मे मदद करता है और सायनस के दर्द को भी कम कर सकता है।
- साइनस की समस्या में टी ट्री ऑयल भी फायदेमंद साबित हो सकता है। 2015 के एक नोट में यह सामने आया है कि टी ट्री ऑयल में मौजूद कंपाउंड अल्फा सबाइन में एंटीवायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो साइनस में फायदेमंद हो सकते हैं। इसके अलावा, टी ट्री ऑयल में सूजन कम करने के गुण भी होते हैं।
- बलगम बनाने वाले खाद्य पदार्थों जैसे मैदा से बनीं चीजें, अंडे, चॉकलेट, तला हुआ और प्रोसेस्ड फूड, चीनी और डेयरी उत्पादों आदि के सेवन करने से बचें। इसके साथ ही खूब सारा पानी पिएं।
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इस आर्टिकल में हमने आपको साइनोसाइटिस से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।