पहली और दूसरी लहर ने हमारे हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह चुनौतीपूर्ण बना दिया है और हमारी स्वास्थ्य प्रणालियों की खामियों को उगाजर कर दिया है। हम अपनी बड़ी आबादी को कारगर तौर पर और जिम्मेदार हेल्थकेयर व्यवस्था के तौर पर जरूरत के समय में समर्थन देने में पूरी तरह विफल रहे हैं। दूसरी लहर
के दौरान, यह स्पष्ट संकेत था कि हमारे पास उचित आक्सिजन (Oxygen) प्रणाली के साथ साथ आक्सिजन वितरण और परिवहन व्यवस्था के साथ पर्याप्त आइसोलेषन बेड नहीं हैं। यह पाया गया कि उस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान हमें टेस्टिंग किट आरटी-पीसीआर टेस्टिंग (RT-PCR) सुविधाओं की गंभीर किल्लत का सामना करना पड़ा था, वहीं आज हम कोविड19 के बीमा मरीज दावे निपटान में बड़ी अस्पताल प्रवेष नीतिगत खामियां देख रहे हैं। समय रहते तीसरी लहर से बचाव के लिए कुछ जरूरी मेडिकल टेस्ट (Necessary medical test) भी समय-समय पर कराते रहना चाहिए। जानिए इन जरूरी मेडिकल टेस्ट (Necessary medical test) के बारे में-
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जरूरी मेडिकल टेस्ट (Necessary medical test)
ये ऐसे कुछ उदाहरण हैं, जो इसका स्पश्ट संकेत देते हैं कि हेल्थकेयर नीति निर्माण व्यवस्था और उसके जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में खामियां हैं। इन विफलता या खामियों की संपूर्ण कई तथ्यों का खुलासा हुआ है, लेकिन इस अव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान देने वाला कारक यह है कि भारत में हेल्थकेयर सेक्टर को कम प्राथमिकता दी गई है। यह हमारी जरूरतों को समझने और हमारी प्राथमिकताओं को सामने लाने का उचित समय है, जिससे कि ऐसे आपात समय के दौरान हमें मदद मिल सके। जवाबदेह सरकार और जवाबदेह वह है, जो अपने भविष्य को संवारने और सुरक्षित बनाने के लिए पिछले अनुभवों से सबक लें। हमें भी कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर से सीखने की जरूरत है और भारत में वास्तविक रूप से तीसरी लहर का प्रभाव पड़ने से पहले विभिन्न जांचों को समझने की जरूरत है।
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बचाव के लिए एक्सपर्ट टिप्स (Expert Tips)
हम कोरोनावायरस के कई वैरिएंट पहले ही देख चुके हैं और जिस वैरिएंट ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया, वह है ‘डेल्टा वैरिएंट’। जीनोम सिक्वेंसिंग डेटा के जरिये किए गए एक अध्ययन के अनुसार यह पता चला है कि जनवरी से जुलाई के बीच डेल्टा वैरिएंट कितनी तेजी से फैला। इसकी जानकारी नीचे तालिका में दी गई हैः
- इससे स्पष्ट होता है कि यह खतरनाक वैरिएंट कितनी तेजी से फैला रहा है। भारत के मामले में, हमने जनवरी महीने में काफी कम मामले दर्ज किए थे, लेकिन हमारी लापरवाही के कारण बाद में मामलों में 94 प्रतिषत तक की तेजी आ गई। अप्रैल और मई में, पूरी दुनिया इस वैरिएंट की चपेट में आ गई थी। आज वैज्ञानिक और विषेशज्ञ अभी यह अनुमान लगाने में लगे हुए हैं कि यह वैरिएंट तीसरी लहर लाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। अब हमें इस परिदृष्य का गहनता से विष्लेशण करने और कुछ सख्त प्रोटोकाॅल पर अमल करने और साथ ही तीसरी लहर से मुकाबले के लिए तैयार रहने की भी जरूरत है।
- नए कोरोनावायरस मामलों पर सख्ती से नजर रखना जरूरी है और इस संदर्भ के आगामी पैटर्न की उम्मीद के साथ मजबूत प्रोटोकाॅल या नीतियां बनाई जा सकती हैं और स्थानीय प्रषासन स्तर पर इन्हें अमल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, माइक्रो-कंटेनमेंट जोन के गठन और संबद्ध क्षेत्रों में लाॅकडाउन पर अमल करना, जहां पाॅजीटिविटी रेट खास स्तर तक बढ़ गई हो। हालात अनियंत्रित होने से पहले पाॅजीटिविटी रेट के लिए इस प्रत्याषित कदम को सरकार के प्रोटोकाॅल के अनुसार सुनिष्चित करना होगा।
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- टीकाकरण इस वायरस के खिलाफ एक प्रमुख जांच है और हमने डब्ल्यूएचओ के आंकड़े में भी यह देखा है कि जिन देषों में ज्यादा आबादी को टीका लग चुका है, वहां कोरोनावायरस का प्रसार या तो थम चुका है या वहां इस संक्रमण में काफी कमी आई है। आज, हमारे देष में 53 करोड़ से ज्यादा लोगों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है, लेकिन हमारी विषाल आबादी को देखते हुए यह आंकड़ा अभी भी काफी कम है। ज्यादा लोगों को टीकाकरण के दायरे में लाने के लिए नई नीतियां बनाए जाने की जरूरत होगी।
- हर किसी के घर तक टेस्टिंग किट उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए। आरटी-पीसीआर, सीटी और अन्य टेस्ट की पहुंच हर किसी तक सुनिष्चित करानी चाहिए।
- उचित ऑक्सिजन और दवा वितरण प्रणाली और संबद्ध प्रोटोकाॅल जरूरी बनाए जाने चाहिए और अस्पतालों, हेल्थकेयर कंेद्रों, चिल्ड्रेन आईसीयू, मेडिसिन षाॅप, षवदाह गृह आदि पर इन्हें अमल में लाया जाना होगा।
जरूरी दवाओं और उपकरणों की कालाबाजारी, जमाखोरी, नकली दवाओं के निर्माण एवं बिक्री के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाने चाहिए।
आपात चिकित्सा, मूल प्रक्रियाओं और कोविड 19 संबंधित प्रोटोकाॅलों को स्कूल और काॅलेज पाठ्यक्रमों में षामिल किया जाना चाहिए।
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व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर परः
कोराेना की यह तीसरी लहर, कहीं आप पर भारी न पड़ जाए इसलिए ध्यान रखें इन बातोंं का जिनमें शामिल हैं:
- मास्क पहनने, दूरी बनाए रखने और हाथ धोने पर सख्ती से अमल होना चाहिए।
- टीकाकरण को व्यक्तिगत मौलिक कर्तव्य के तौर पर समझा जाना चाहिए।
- लोगों को टेस्टिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और जरूरत होने पर उन्हें परिवहन सुविधा प्रदान की
जानी चाहिए।
- लोगों को कोविड 19 प्रोटोकाॅल और अपनी मर्जी से टीका लगवाने के लिए प्रोरित किया जाना चाहिए।
- समाजों को अपने क्षेत्र के नजदीक स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने की जरूरत पर जोर देना चाहिए।
- एक-दूसरे की सहायता करने की संस्कृति विकसित की जानी चाहिए।
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कोराेना की यह तीसरी लहर भारी न पड़ जाए आप पर इसलिए समय रहते सावधानी जरूरी है। यदि आपको कोरोना की आशंका लग रही है, तो साथ में कुछ जरूरी मेडिकल टेस्ट भी जरूर करवाएं। कोरोना की यह तीसरी लहर किसी पर भारी न पड़े, इसके लिए जरूरी है कि आप पहले से हर बचाव को ध्यान में रखते हुए चलें। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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