एमआरआई यानि कि मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग के बारे में तो आपने सुना ही होगा। एमआरआई में शरीर के सभी हिस्सों की जांच की जा सकती है। वैसे एमआरआई के बारे में अधिकतर लोग जानते होंगे। आज हम बात कर रहे हैं, एमआरआई डिफेकोग्राफी (MRI Defecography) की , जो कि एक विशेष प्रकार का टेस्ट है, जो मलत्याग के रास्ते और आंतों की जांच के लिए किया जाता है। एमआरआई डिफेकोग्राफी (MRI Defecography ), एमआरआई से कितना अलग है, जानते हैं यहां-
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एमआरआई डिफेकोग्राफी (MRI Defecography ) क्या है?
मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) एक नॉन-इनवेसिव टेस्ट है, जिसका उपयोग कई मेडिकल स्थितियों का निदान करने के लिए किया जाता है। मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) एक प्रकार का स्कैन है, जो शरीर के अंदर की छवियों का उत्पादन करने के लिए मजबूत मैग्नेटिक क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग किया जाता है। एमआरआई स्कैनर एक बड़ी ट्यूब होती है, जिसमें कई पॉवरफुल मैग्नेटिक लगे होते हैं। इन छवियों की समीक्षा कंप्यूटर मॉनीटर पर की जा सकती है। अब बात करते हैं,
मैग्नेटिक रेसोनेंस डेफेकोग्राफी की, जोकि एक विशेष प्रकार की एमआर इमेजिंग है, जहां मलत्याग के रास्ते के विभिन्न चरणों में इमेजिंग की जाती है। यह मलाशय और श्रोणि तल की संरचना और कार्य के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इसमें आंतों से लेकर स्पाइन तक पूरा कवर करता है।
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एमआरआई डिफेकोग्राफी का उपयोग कब करते हैं? (Use)
चिकित्सक एमआर डिफेकोग्राफी का उपयोग निम्नलिखित चरणों में करते हैं:
- मल त्याग के दौरान पैल्विक मांसपेशियां कितनी अच्छी तरह काम कर रही हैं, इसके बारे में जानकारी प्राप्त करें।
- रेक्टल फंक्शन को देखने के लिए
- कब्ज की गंभीर स्थिति होन पर
- रेक्टल फंक्शन और पेल्विक फ्लोर डिसऑर्डर (जिसे पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन भी कहा जाता है)
- हर्निया, पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स या रेक्टल प्रोलैप्स जैसी स्थितयों में
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एमआरआई डिफेकोग्राफी के दौरान किन बातों का रखें ध्यान (Tips)
एमआरआई डिफेकोग्राफी के समय आपको अस्पताल का गाउन पहनने की आवश्यकता हो सकती है। एमआरआई से पहले खाने और पीने के बारे में दिशानिर्देश भी फॉलो करें। डॉक्टर के कहे बिना किसी प्रकार की दवाएं या भोजन न लें। कुछ कंट्रास्ट एमआरआई टेस्ट के दौरान इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है। जिससे पहले डॉक्टर आपसे यह निश्चिय कर लेंगे कि आपको कहीं अस्थमा या आयोडीन से संबंधित कोई समस्या या एलर्जी तो नहीं है। एमआरआई परीक्षा आमतौर पर गैडोलीनियम नामक कंस्ट्रास्ट का उपयोग किया जाता है। आयोडीन कंट्रास्ट एलर्जी वाले रोगियों में गैडोलीनियम का उपयोग किया जा सकता है। आयोडीन कंट्रास्ट की तुलना में एक रोगी को गैडोलीनियम कंट्रास्ट से एलर्जी होने की संभावना बहुत कम होती है।
एमआरआई डिफेकोग्राफी के दौरान अपने साथ इन चीजों का न रखें
- गहने, घड़ियां, क्रेडिट कार्ड और यंत्र
- पिन, हेयरपिन, धातु के जिपर
- पेन, पॉकेट चाकू और चश्मा
- मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक घड़ियां और ट्रैकिंग डिवाइस।
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एमआरआई डिफेकोग्राफी
पारंपरिक एमआरआई इकाई एक गोलाकार चुंबक से घिरी एक बड़ी सिलेंडर के आकार की ट्यूब होती है। आप एक मेज पर लेटेंगे जो चुंबक के केंद्र में खिसकती है।कुछ एमआरआई इकाइयाँ, जिन्हें शॉर्ट-बोर सिस्टम कहा जाता है, को डिज़ाइन किया गया है ताकि चुंबक आपको पूरी तरह से घेर न सके। कुछ नई एमआरआई मशीनों में बड़े व्यास का बोर होता है, जो बड़े रोगियों या क्लॉस्ट्रोफोबिया वाले लोगों के लिए अधिक आरामदायक हो सकता है। “ओपन” एमआरआई इकाइयां पक्षों पर खुली हैं। वे बड़े रोगियों या क्लौस्ट्रफ़ोबिया वाले लोगों की जांच के लिए विशेष रूप से सहायक होते हैं। खुली एमआरआई इकाइयां कई प्रकार की परीक्षाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली छवियां प्रदान कर सकती हैं। ओपन एमआरआई का उपयोग करके कुछ परीक्षाएं नहीं की जा सकतीं। अधिक जानकारी के लिए अपने रेडियोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
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प्रक्रिया के दौरान कैसा महसूस हाेता है?
अधिकांश एमआरआई परीक्षा दर्द रहित होते हैं। हालांकि, कुछ रोगियों को स्थिर रहना असहज लगता है। अन्य लोग एमआरआई स्कैनर में क्लॉस्ट्रोफोबिक महसूस कर सकते हैं। क्याेंकि स्कैनर के अंदर एक प्रकार की ध्वनि आ रही होती है। डर के कारण कई बार लोग बेहोश भी हो जाते हैं। आपके शरीर के जिस हिस्से का एमआरआई हो रहा है, वह आपको ज्यादा दिक्कत हो रही है, तो रेडियोलॉजिस्ट या टेक्नोलॉजिस्ट को सूचित करें। इसी के साथ यह भी महत्वपूर्ण है कि आप छवियों को प्राप्त करते समय पूरी तरह से स्थिर रहें, जो आमतौर पर एक बार में केवल कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक होती हैं। आपको पता चल जाएगा कि छवियों को कब रिकॉर्ड किया जा रहा है, क्योंकि जब रेडियोफ्रीक्वेंसी पल्स उत्पन्न करने वाले कॉइल सक्रिय होते हैं तो आप जोर से टैपिंग या थंपिंग आवाज सुन और महसूस करेंगे। कुछ केंद्र इयरप्लग प्रदान करते हैं, जबकि अन्य एमआरआई मशीन द्वारा की गई ध्वनियों की तीव्रता को कम करने के लिए हेडफोन का उपयोग करते हैं।
इस तरह से आपने जाना एमआरआई डिफेकोग्राफी के दौरान क्या प्रक्रिया होती है और इसकी जरूरत कब पड़ती है। लेकिन इसे कभी भी अपने मन से नहीं करवाना चाहिए। जब डॉक्टर आपको इसकी सलाह दें, तभी इसे करवाएं। इसे करवाने से पहले डॉक्टर से यह भी समझ लें कि आपको एमआरआई डिफेकोग्राफी के दौरान किन बातों का ध्यान रखना और जिस दिन आप एमआरआई डिफेकोग्राफी करवा रहे हैं, उस दिन आपको पहले से रही दवा कब और कैसे लेनी चाहिए। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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