जानें मूल बातें
मायलोग्राम (Myelogram) टेस्ट क्या है ?
मायलोग्राम में एक्स रे और खास कॉन्ट्रास्ट मटेरियल डाई का इस्तेमाल करके हड्डियों और स्पाइन की हड्डियों के बीच मौजूद तरल पदार्थ वाली जगह की छवी बनाई जाती है। मायलोग्राम ट्यूमर, संक्रमण और हर्नियेटेड डिस्क जैसी स्पाइन की समस्या या आर्थराइटिस के कारण संकीर्ण हुए स्पाइनल कैनाल का पता लगाने के लिए किया जा सकता है।
स्पाइनल कैनाल में स्पाइनल कॉर्ड, स्पाइनल नर्वस रूट और सबराक्नॉइड स्पेस होते हैं।
मायलोग्राम टेस्ट क्यों किया जाता है?
जब दूसरे तरह के टेस्ट जैसे एक्स रे से स्पष्ट परिणाम नहीं मिलते तो स्पाइनल कॉर्ड, सबराक्नॉइड स्पेस या दूसरी सरंचनाओं में असमान्यताओं की जांच के लिए मायलोग्राम टेस्ट किया जाता है। मायलोग्राम का इस्तेमाल कई बीमारियों के मूल्यांकन के लिए किया जाता है जिसमें निम्न शामिल है,लेकिन यह इतने तक ही सीमित नहीं हैः
- हर्नियेटेड डिस्क (डिस्क का उभार और तंत्रिकाओं / या रीढ़ की हड्डी पर दबाव)
- रीढ़ की हड्डी या ब्रेन ट्यूमर
- संक्रमण और / या रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क के आसपास के टीशू में सूजन
- स्पाइनल स्टेनोसिस (रीढ़ की हड्डी के चारों ओर हड्डियों और ऊतकों में सूजन और जो कैनाल को संकीर्ण बनाते हैं)
- एंकीलूसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (एक बीमारी जो रीढ़ को प्रभावित करती है, जिससे हड्डियां एक साथ बढ़ती हैं)
- बोन स्पर्स
- आर्थराइटिस डिस्क
- डिजनरेटिव डिस्क डिसीज
- सिस्ट (बिनाइन कैप्सूल जो तरल पदार्थ से भरे होते हैं)
- स्पाइनल नर्व रूट का टूटना या चोट
- अर्कनोइडाइटिस (मस्तिष्क को कवर करने वाले एक नाजुक झिल्ली की सूजन)
डॉक्टर अन्य कारणों से भी मायलोग्राम टेस्ट की सलाह दे सकता है।
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पहले जानने योग्य बातें
मायलोग्राम टेस्ट से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
कई मामलों में CT स्कैन और MRI के कारण मायलोग्राम की आवश्यकता नहीं होती है।
स्पाइन की स्पष्ट छवि के लिए सीटी स्कैन के साथ मायलोग्राम टेस्ट किया जाता है। यदि मायलोग्राम में ट्यूमर दिखाई देता है या फिर लंबर पक्चर की वजह से स्पाइनल कैनाल में ब्लॉकेज है तो आपको तुरंत सर्जरी की जरुरत होती है।
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जानिए क्या होता है
मायलोग्राम टेस्ट के लिए कैसे तैयारी करें?
मायलोग्राम टेस्ट की तैयारी के लिए आपको क्या करना है इस बारे में डॉक्टर आपको पूरी जानकारी देगा।
आप जो दवाइयां ले रहे हैं, यदि किसी चीज से एलर्जी है (विशेष रूप से कॉन्ट्रास्ट मटीरियल से), हाल ही में हुई कोई बामारी ये मेडिकल कंडिशन के बारे में भी डॉक्टर को बताएं।
खासतौर पर डॉक्टर के लिए यह जानना ज़रूरी है कि-
- यदि आप कोई ऐसी दवाई ले रहे हैं जिसे प्रक्रिया से कुछ दिन पहले बंद करने की आवश्यकता है।
- कहीं आपको मायलोग्राम में इस्तेमाल होने वाले कॉन्ट्रास्ट मटीरियल से एलर्जी तो नहीं है।
मायलोग्राम से एक या दो दिन पहले कुछ दवाइयां बंद कर देनी चाहिए। इसमें शामिल है कुछ एंटीसाइकोटिक दवाएं, एंटीडिप्रेसेंट, ब्लड थिनर और कुछ अन्य दवाएं। सबसे महत्वपूर्ण दवा जिसे बंद किया जाना चाहिए वह है ब्लड थिनर (थक्कारोधी)। आमतौर पर प्रक्रिया से एक दिन पहले मरीज को ढेर सारा तरल पदार्थ पीने को कहा जाता है, क्योंकि यह हाइड्रेट रहने के लिए आवश्यक है। टेस्ट से कुछ देर पहले कुछ खाने की मनाही होती है, लेकिन आप तरल पदार्थ पी सकते हैं।
आपको कपड़े बदलकर गाउन पहनने के लिए कहा जा सकता है। साथ ही आपको गहने, चश्मा और मेटल की अन्य चीजें भी उतारने के लिए कही जाएंगी क्योंकि यह एक्स-रे छवियों को बाधित कर सकती हैं।
मायलोग्राम टेस्ट के दौरान क्या होता है?
स्पाइनल कैनल में डाई डालने के लिए कमर के पास छोटा छेद किया जाता है। एक्स-रे टेबल पर आप पेट के बल या करवट लेकर सो सकते हैं। डॉक्टर आपके लोअर बैक का वह हिस्सा साफ करेगा जहां छेद किया जाना है, उस हिस्स को सुन्न करने के लिए वहां दवा डाली जाती है।
सुन्न होने के बाद उस हिस्से के जरिए स्पाइनल कैनल में सुई डाली जाती है और एक्स-रे की स्ट्रीम्स की मदद से डॉक्टर सुई को सही जगह पर ले जाता है। स्पाइनल कैनल फ्लूड का सैंपल कैनल में डाई डालने के पहले ही ले लिया जाता है।
डाई डालने के बाद जब तक एक्स-रे की पिक्चर ली जाती है आपको सीधा लेटे रहना होगा।
पिक्चर लेने के बाद सुई वाली जगह पर बैंडेज लगाया जाता है। टेस्ट के बाद क्या करना है इस बारे में डॉक्टर बताएगा।
टेस्ट के दौरान सबराक्नॉइड स्पेस में सुई की मदद से डाई डाली जाती है। डाई स्पेस के जरिए चलती है जिससे नर्वस रूट और स्पाइल कॉर्ड अधिक स्पष्ट दिखाई देते हैं। डाई इस्तेमाल करने के पहले या बाद में पिक्चर ली जा सकीत है। टेस्ट से अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए एक्स रे के बाद सीटी स्कैन किया जाता है, जब डाई शरीर के अंदर रहता है तभी।
मायलोग्राम टेस्ट के बाद क्या होता है?
टेस्ट में 30 मिनट से 1 घंटे तक का समय लगता है। आपको परीक्षण के बाद 4 से 24 घंटे तक सिर ऊपर की ओर करके बिस्तर पर लेटने की आवश्यकता हो सकती है। किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए सिर को शरीर से नीचे करके न सोएं। टेस्ट के बाद अधिक शारीरिक गतिविधि जैसे सुबह दौड़ने और भारी सामान उठाने से बचें, कम से कम टेस्ट के बाद एक दिन तक। खूब सारा पानी पीना चाहिए। आपकी नियमित दवाओं के बारे में डॉक्टर जरूरी दिशानिर्देश देगा।
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परिणामों को समझें
मेरे परिणामों का क्या मतलब है?
डॉक्टर आपसे टेस्ट के परिणाम के बारे में बात करेगा।
सामान्य :
- डाई स्पाइनल कैनल में समान रूप से फैलती है।
- स्पाइन कॉर्ड का साइज, पोजिशन और शेप नॉर्मल है। रीढ़ की हड्डी को छोड़ने वाली नसें (नर्व) सामान्य है।
- स्पाइनल कैनल में कोई ब्लॉकेज या उसका संकीर्ण न होना।
असामान्य:
- डाई का प्रवाह अवरुद्ध या दिशा बदल जाती है। रपचर्ड हर्नियेटेड डिस्क, स्पाइनल स्टेनोसिस, नर्व इंजरी, फोड़ा, या ट्यूमर के कारण हो सकता है।
- रीढ़ की हड्डी को ढंकने वाले मेमब्रांस (एराचोनॉइड झिल्ली) में सूजन।
- रीढ़ की हड्डी को छोड़ने वाली एक या अधिक नर्व में चुभन।
टेस्ट को क्या प्रभावित करता है
इन कारणों से आपका परीक्षण नहीं किया जा सकता, या परिणाम मददगार नहीं होंगेः
- माइलोग्राम आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान नहीं किया जाता है, क्योंकि विकिरण विकासशील बच्चे (भ्रूण) को नुकसान पहुंचा सकता है।
- परीक्षण के दौरान लेटने में सहज न होना।
- आपकी रीढ़ की हड्डी में पहले सर्जरी हुई थी या रीढ़ की हड्डी का टेढ़ा होना। इन स्थितियों में डाई को स्पाइनल कैनल में डालना मुश्किल हो जाता है।
सभी लैब और अस्पताल के आधार पर मायलोग्राम टेस्ट की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
मायलोग्राम टेस्ट से जुड़े किसी सवाल और इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी तरह की चिकित्सा सलाह, निदान और उपचार प्रदान नहीं करता है।
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