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जीन टेस्ट क्या है और इस टेस्ट को क्यों करवाना चाहिए?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/07/2020

    जीन टेस्ट क्या है और इस टेस्ट को क्यों करवाना चाहिए?

    आपने राशि देखकर भविष्यवाणी के बारे में तो सुना होगा। भविष्य के बारे में अनुमान होने पर हम लोग कुछ उपाय करते हैं ताकि समस्या टल जाए। ठीक उसी तरह भविष्य में शरीर में क्या दिक्कत हो सकती है, इसकी जानकारी जीन टेस्ट (Genetic testing) से मिल सकती है। जीन टेस्ट करवाना यानी भविष्य में होने वाली बीमारियों के बारे में पहले से पता लगाना है।

    जीन टेस्ट में डीएनए के एक छोटे भाग का टेस्ट करके म्यूटेशन या जेनेटिक डिसऑर्डर के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है। हॉलीवुड की फेसम सेलिब्रिटी एंजेलिना जॉली ने कैंसर के खतरे को देखते हुए अपने दोनों ब्रेस्ट हटवा दिए। उनके परिवार में कैंसर पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा था। उन्हें शंका थी कि कहीं वो भी ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित न हो जाएं। जब उन्होंने जीन जेनेटिक्स टेस्ट कराया तो पता चला कि ब्रेस्ट कैंसर के लिए उनका जीन पॉजिटिव है। भविष्य के खतरे से निपटने के लिए एंजेलिना ने ब्रेस्ट को हटवा दिया। इससे आप समझ सकते हैं कि जीन टेस्ट कितना फायदेमंद है। अगर आप भी जीन टेस्ट के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं तो ये आर्टिकल जरूर पढ़ें।

    क्या होता है जीन टेस्ट?

    जेनेटिक टेस्टिंग में डीएनए के कैमिकल डाटाबेस के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है। जेनिटिक टेस्ट की हेल्प से जीन में हुए परिवर्तन के बारे में जानकारी मिलती है। ये परिवर्तन ही किसी रोग का कारण बन सकते हैं। हर व्यक्ति को आधे जीन्स मां से और आधे जीन्स पिता से मिलते हैं। कई बार कुछ खराब जीन्स भी हमे मां-पिता से मिल सकते हैं। खराब से मतलब किसी बीमारी के वाहक जीन्स से हैं।

    अगर कोई भी व्यक्ति टेस्ट करवाता है तो उसे किसी बीमारी को लेकर जीन के निगेटिव या फिर पॉजिटिव होने की बात पता चल सकती है। जोखिम को पहले से जानकर आप काफी हद तक उससे बचाव कर सकते हैं। दरअसल जीन टेस्ट को अगर सामान्य भाषा में साझा जाए तो इस टेस्ट की मदद से बच्चे में होने वाली जेनेटिकल डिसऑर्डर की जानकारी मिल सकती है। इस टेस्ट की मदद से माता या पिता से कौन सी जेनेटिकल बीमारी बच्चे में हो सकती है इसकी जानकारी मिल जाती है। ब्लड टेस्ट की मदद से किसी भी तरह के जेनेटिकल डिसऑर्डर की जानकारी मिल जाती है।

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    जीन टेस्ट या जेनेटिक टेस्टिंग किन लोगों को करवाना चाहिए?

    जेनेटिक टेस्टिंग हर किसी को करवाने की जरूरत नहीं होती है। कपल को ध्यान रखना चाहिए की उनके ब्लड रिलेशन में कोई जेनेटिकल डिसऑर्डर की समस्या से पीड़ित हैं, तो ऐसी स्थिति में जीन टेस्ट करवाना चाहिए। अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ को फैमली हिस्ट्री बताएं और फिर यह टेस्ट करवाएं। इसके साथ ही निम्नलिखित शारीरिक परेशानी होने पर भी जेनेटिक टेस्टिंग करवाई जा सकती है। जैसे:-

  • ब्रेस्ट कैंसर
  • ओवेरियन कैंसर
  • बाइपोलर डिसऑर्डर
  • शरीर का वजन अत्यधिक होना
  • सिस्टिक फाइब्रोसिस
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    इन ऊपर बताई गई बीमारी होने पर भी जेनेटिक टेस्टिंग करवाना चाहिए।

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    जेनेटिक टेस्टिंग: ऐसे पता चल जाती है बीमारी

    हो सकता है कि आपको जेनेटिक टेस्टिंग के बारे में सुनकर अजीब महसूस हो रहा हो। इसे करवाने के लिए थोड़ी सी लार टेस्ट के लिए देनी पड़ती है। अब आप सोच रहे होंगे कि इस तरह का जीन टेस्ट किसी के लिए कैसे उपयोगी हो सकता है? दरअसल जीन टेस्ट आपकी फिजिकल एक्टिविटी, मेजर डिजीज आदि के बारे में जानकारी देता है। यानी कि आपका जीन टेस्ट पीढ़ी के बारे में भी कई खुलासे कर सकता है। ये सुनकर ही आप उत्साहित हो गए होंगे।

    डीएनए को डिकोड करके जेनेटिक इंफॉरमेशन निकाली जाती है। इससे पहले की जानकारी भी मिल सकती है। आपको भविष्य में कौन सी बीमारी हो सकती है, जीन टेस्ट से पता किया जा सकता है। ये टेस्ट फिटनेस और न्यूट्रिशन के लिए काम करने वाले जीन के बारे में बताता है। टेस्ट के रिजल्ट को तीन भागों में बांटा गया है।

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    न्यूट्रि-जेनेटिक्स (Nutri-genetics)

    जीन किस तरह से किसी खास मेटाबॉलिक प्रॉसेस को प्रभावित करता है और कैसे स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ता है, इस टेस्ट से इसकी जानकारी मिलती है। फूड और न्यूट्रिएंट्स प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जीन एक्सप्रेशन को प्रभावित करते हैं। डायट से रिलेटेड विटामिन, आयरन की जरूरत, खाने का तरीका, नमक, कैफीन सेंटिविटी आदि के बारे में जीन टेस्ट से जानकारी मिलती है। आप ऐसे समझिए कि खाने में आपको क्या लेना चाहिए या क्या नहीं, ये टेस्ट से पता चल जाता है। शरीर की आहार संबंधी आवश्यकताओं को जीन टेस्ट से पता किया जा सकता है।

    फिटनेस जीनोमिक्स (Fitness genomics)

    शरीर को किस तरह की फिजिकल एक्टिविटी से लाभ होगा, फिटनेस जीनोमिक्स इसकी जानकारी देता है। कुछ पैरामीटर जैसे एरोबिक्स कैपेसिटी, स्प्रिंटिंग, फ्लेक्सिबिलिटी आदि को शामिल किया गया है।

    हेल्थ जीनोमिक्स (Health genomics)

    हेल्थ जीनोमिक्स में मोटापा, हाई ब्लडप्रेशर, दिल का दौरा, डायबिटीज, कार्डिएक अरेस्ट और स्ट्रोक के लिए स्क्रीन किया जाता है।

    जीन टेस्ट के क्या हैं फायदे?

    जीन टेस्ट पॉजिटिव आने से जीवनशैली में बदलाव कर कैंसर का खतरा टल सकता है। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर डॉक्टर आपको इसकी पूरी जानकारी दे सकते हैं और जो सलाह हेल्थ एक्सपर्ट देते हैं उसकी सही तरह से पालन करना चाहिए।

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    क्या जीन टेस्ट का शरीर पर नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है?

    टेस्ट की वजह से व्यक्ति में एंग्जायटी की बीमारी और स्ट्रेस की समस्या भी हो सकता है। इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार जीन टेस्ट के दौरान परेशान न हों और घबराएं भी नहीं। दरअसल  बेहतर यह होगा कि जेनेटिक टेस्टिंग करवाने से पहले अपने आपको फिजिकली और मेंटली दोनों ही तरह से नॉर्मल रखें। अगर टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आता है, तो इसका अर्थ यह हुआ कि भविष्य में होने वाली बीमारी होने की जानकारी आपको पहले ही मिल सकती है। किसी भी बीमारी की जानकारी अगर पहले मिल जाए तो इलाज करना आसान हो जाता है और किसी भी बीमारी या कोई भी जानलेवा बीमारी से भी बचना आसान हो जाता है। इसलिए रिलैक्स रहें।

    पॉजिटिव रिपोर्ट से परेशान न हों। वहीं नेगेटिव से तो यह समझना आसान हो जाता है कि बीमारी का खतरा नहीं है लेकिन, रिपोर्ट अनसर्टेन भी हो सकती है। अनसर्टेन रिपोर्ट्स से बीमारियों की जानकारी नहीं मिल सकती है। ऐसी स्थिति होने पर टेस्ट की सलाह दी जा सकती है।

    अगर आपको इन सब बातों ने टेस्ट के लिए उत्साहित किया हो तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। आपको ये बात ध्यान रखने की जरूरत है कि आपका जीन टेस्ट तो नहीं बदल सकता है। आप लाइफस्टाइल में चेंज करके भविष्य में आने वाली बीमारियों से निपट सकते हैं । जीन टेस्ट कैसे करवाना है, इस बारे में डॉक्टर से जानकारी जरूर प्राप्त करें।

    डिस्क्लेमर

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