हाइपोथाइरायडिज्म
थायराइड डाइट प्लान जानने से पहले हमें हाइपोथाइरायडिज्म के बारे में जानना बेहद ही जरूरी होता है। हाइपोथाइरायडिज्म की बीमारी तब होती है जब शरीर में दो थायराइड हार्मोन कम हो जाते हैं। उसके तहत ट्राईआयोडोथायरोनिन (टी3) (triiodothyronine (T3)) और थाइरोक्सिन (टी4) (thyroxine (T4)) का लेवल काफी नीचे हो जाता है। इस मामले में थायराइड डायट प्लान हेल्थ कंडीशन को सुधारने में मदद करता है। इस केस में पूरी शिद्दत के साथ मरीज को कुछ खाद्य पदार्थ का सेवन न कर व कुछ अन्य खाद्य पदार्थों को खाकर थायराइड लेवल को बैलेंस कर सकते हैं। ताकि हमारा शरीर इन हार्मोन को आसानी से एब्जॉर्ब कर सके।
हाइपरथायराइडिज्म
हाइपरथायराइडिज्म की बीमारी तब होती है जब शरीर में ज्यादा थायराइड हार्मोन होते हैं। इस अवस्था को थायरोटॉक्सीकोसिस (thyrotoxicosis) भी कहा जाता है। इस मामले में ओवरएक्टिव या बढ़े हुए थायराइड ग्लैंड सामान्य से ज्यादा मात्रा में हार्मोन का उत्पादन करते हैं। ऐसे में इस मामले में थायराइड डाइट प्लान की जरूरत पडती है।
थायरायड के कारण होने वाली परेशानी
शरीर में मौजूद थायराइड खास प्रकार के केमिकल्स का रिसाव करते हैं, जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म सुचारू रूप से काम करता है। वर्तमान में चार प्रकार के थायराइड संबंधी समस्याएं होती है। उसी के तहत हाइपोथायराइडिज्म (Hypothyroidism) में हमारा शरीर पर्याप्त मात्रा में हार्मोन प्रोड्यूस नहीं कर पाता है, वहीं हाइपरथायराइडिज्म ( hyperthyroidism ) के तहत हमारा शरीर सामान्य से ज्यादा मात्रा में हार्मोन प्रोड्यूस करता है। थायराइड ट्यूमर और थायराइड कैंसर के कारण भी हमारा हार्मोन इम्बैलेंस हो सकता है। इन तमाम मेडिकल कंडीशन के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता पड़ती है। वहीं हम चाहें तो थायराइड डाइट प्लान को अपनाकर हम समस्याओं को कम कर सकते हैं।
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थायराइड डाइट प्लान अपनाने से पहले लें डॉक्टर की सलाह
थायराइड डाइट प्लान को अपनाने से पहले हमेशा डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। दवाओं को लेकर या फिर आप थायराइड डाइट प्लान के तहत जिन खाद्य पदार्थ का सेवन कर रहे हैं उसके रिएक्शन को लेकर डॉक्टर की सलाह लें। उदाहरण के तौर पर थायराइड की दवा कुछ दवाओं जैसे बेटा ब्लॉकर्स (beta-blockers) और हाई आयरन फूड (high-iron foods) के साथ इन्टरैक्शन कर सकता है। इसलिए दवा संबंधी और खानपान लेकर हमेशा डॉक्टर की सलाह लें।
थायराइड डाइट प्लान के तहत वैसे फूड्स जिसे आप आसानी से खा सकते हैं
- मछली : बता दें कि मछली में सेलेनियम नाम का न्यूट्रिएंट्स होता है। जो थायराइड की बीमारी में काफी लाभकारी होता है। सेलेनियम जलन को रोकने में लाभकारी होता है। इसलिए एक्सपर्ट इसे थायराइड डाइट प्लान में शामिल करने की सलाह देते हैं।
- नट्स : ब्रॉजिल नट्स, मैकाडेमिया नट्स, हेजेलनट्स नट्स में काफी मात्रा में सेलेनियम पाया जाता है। जो थायराइड फंक्शन को सुचारू रूप से काम करने में मदद करते हैं। रोजाना के लिए न्यूट्रिएंट्स पाने के लिए आप इसे एक या दो नट्स को दूसरे नट्स के साथ सेवन कर सकते हैं। उतने में ही आपके शरीर को जरूरतभर के लिए नट्स मिल जाएगा।
- ग्रेन्स : सुझाव दिया जाता है कि इसे थायराइड की दवाओं के कुछ घंटे पहले सेवन करना चाहिए या फिर दवा खाने के कुछ घंटे बाद में सेवन करना चाहिए।
- फ्रेश फल और सब्जियां : कुछ खास प्रकार के खाद्य पदार्थ जैसे ब्लू बेरीज, चेरीज, स्वीट पोटैटो (शकरकंद), शिमला मिर्च जैसे खाद्य पदार्थं को थायराइड डाइट प्लान में शामिल कर सकते हैं। बता दें कि इन खाद्य पदार्थ में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और न्यूट्रीएंट्स पाया जाता है। इसका सेवन करने से हार्ट डिजीज की संभावनाएं कम हो जाती है।
- डेयरी : फोर्टीफाइड मिल्क में सिर्फ विटामिन डी नहीं होता बल्कि उसमें कैल्शियम, प्रोटीन और आयोडीन जैसे खास तत्व पाए जाते हैं। इनका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है।
- बीन्स : थायराइड डाइट प्लान में आप चाहे तो बीन्स को शामिल कर सकते हैं। बता दें कि बींस में काफी मात्रा में एनर्जी देने वाले पोषक तत्व होते हैं। जो हमारे शरीर से हायपोथायराडिज्म को कम करने में मददगार होते हैं। बींस में प्रोटीन के साथ एंटीऑक्सीडेंट, कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेड्स और विटामिन्स और मिनरल्स पाया जाता है। इसे थायराइड डाइट प्लान में शामिल कर हम कई बीमारियों से निजात पा सकते हैं।
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