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इलेक्ट्रिक शॉक यानी बिजली का झटका लगने की वजह से मौत या गंभीर रूप से घायल होने की स्थिति को इलेक्ट्रोक्यूशन (electrocution) कहा जाता है। बिजली का झटका कम पावर का हो तो इससे ज्यादा नुसकान नहीं होता, लेकिन ज्यादा पावर वाला इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर इंसान की मृत्यु या शरीर को गंभीर क्षति पहुंचती है।
बिजली के वायर, घर में इस्तेमाल होने वाले उपकरण, किसी मशीन, बिजली कड़कने के कारण जब शरीर में इलेक्ट्रिसिटी प्रवेश करती हैं, तो इसे इलेक्ट्रिक शॉक कहते हैं। इलेक्ट्रिक शॉक कितना गंभीर है यह इस बात पर निर्भर करता है शॉक किस तरह का और कितने वॉलटेज का है। इलेक्ट्रिक शॉक की वजह से शरीर जल भी सकता है या शरीर पर परमानेंट निशान छोड़ देता है। जब इलेक्ट्रिक करेंट शरीर से पास होता है तो आंतरिक क्षति भी पहुंचा सकता है जैसे कार्डिएक अरेस्ट या दूसरी इंजरी। कुछ मामलों में हाई वॉलटेज इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। शरीर में करेंट पास होने की वजह से मौत या गंभीर नुकसान होने को इलेक्ट्रोक्यूशन कहा जाता है।
इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर चाहे गंभीर हो या मामूली आपको डॉक्टर के पास जाना जरूरी है। गंभीर इलेक्ट्रिक शॉक की स्थिति में तुरंत उपचार की जरूरत होती है।
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इलेक्ट्रिक शॉक बिजली के किसी खुले तार के संपर्क में आने से, फैक्ट्री में बिजली के उपकरण के इस्तेमाल के दौरान, घर के इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के उपयोग के दौरान लग सकता है। इसलिए बिजली से चलने वाले किसी भी उपकरण का इस्तेमाल बहुत ही सावधानी से करें और कभी भी खुले तार को नंगे हाथों से न छूएं।
इलेक्ट्रिक शॉक के लक्षण उसकी गंभीरता पर निर्भर करते हैं। इलेक्ट्रिक शॉक के संभावित लक्षणों में शामिल हैः
इलेक्ट्रिक शॉक की वजह से कंपार्टमेंट सिंड्रोम की भी समस्या हो सकी है। ऐसा तब होता है जब मांसपेशियों को हुई क्षति के कारण लिंब में सूजन हो जाए। हालांकि कंपार्टमेंट सिंड्रोम के लक्षण इलेक्ट्रिक शॉक के तुरंत बाद नजर नहीं आते हैं, इसलिए शॉक लगने के बाद अपने बांह और पैरों पर नजर रखें।
यदि आपको घर के बिजली के उपकरण जैसे मिक्सर, ओवन आदि ये किसी तरह का मामूली इलेक्ट्रिक शॉक लगता है तो इलाज की जरूरत नहीं है, लेकिन इलेक्ट्रोक्यूशन यानी हाई वॉलटेज इलेक्ट्रिक शॉक की वजह से गंभीर रूप से घायल होने पर तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
यदि आपके आपसाप किसी को हाय वॉलटेज इलेक्ट्रिक शॉक लगता है तो तुरंत अस्पताल के इमरजेंसी नंबर पर संपर्क करें। सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल और प्रिवेंशन के मुताबिक, किसी को गंभीर इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर उसकी मदद के दौरान आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिएः
कुछ इलेक्ट्रिक शॉक का आपकी सेहत पर लंबे समय तक असर रहता है, जैसे गंभीर रूप से जलने पर शरीर पर स्थायी निशान हो जाता है। यदि इलेक्ट्रिक शॉक आपकी आंखों से होकर गुजरता है, तो आपको मोतियाबिंद हो सकता है। कछु इलेक्ट्रिक शॉक की वजह से दर्द, झुनझुनी, अंग सुन्न होने या मांसपेशियों की कमजोरी हो सकती है।
यदि बच्चे ने बिजली का तार चबा लिया है, तो घाव की पपड़ी सूखकर गिरने के बाद भी रक्तस्राव हो सकता है।
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इमरजेंसी डिपार्टमेंट में पेशेंट को लाने के बाद डॉक्टर उसका शारीरिक परीक्षण करता है। बाहरी घाव या चोट तो नजर आ सकती है, लेकिन इलेक्ट्रिक शॉक की वजह से यदि किसी तरह की आंतरिक क्षति हुई है तो उसका पता लगाने के लिए डॉक्टर कई तरह के टेस्ट करता है। जिसमें शामिल हैः
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छोटे-मोटे शॉक जिससे किसी तरह की चोट नहीं लगती, त्वचा चलती नहीं या कोई आंतरिक क्षति नहीं होती है, तो उपचार की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि हाई वोलटेज शॉक की स्थिति में तुरंत अस्पताल के इमरजेंसी नंबर पर फोन करने की जरूरत है।
इलेक्ट्रिक शॉक का इलाज उसकी गंभरीता, इलेक्ट्रिक शॉक किस चीज से लगा है और चोट कितनी गहरी है आदि बातों पर निर्भर करता है।
इलेक्ट्रिक शॉक से बचने के लिए बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल सावधानी से करें और बिजली के तार के सीधे संपर्क में आने से बचें। बच्चों को बिजली के उपकरण और तार से दूर ही रखें।क्
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Accessed on 11th April 2020
Electric Shock
https://www.webmd.com/first-aid/electric-shock#1
What to know about an electric shock
https://www.medicalnewstoday.com/articles/electric-shock
Electrical shock: First aid
https://www.mayoclinic.org/first-aid/first-aid-electrical-shock/basics/art-20056695
First Aid 101: Electric Shocks