के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
शॉक लगना (Shock) या सदमा लगना एक शारीरिक और मानसिक स्थिति होती है। इसके कारण पूरे शरीर में रक्त प्रवाह धीमी हो जाती है, जो जीवन के लिए जोखिम भरा हो सकता है। शॉक अक्सर किसी गंभीर चोट या बीमारी के कारण हो सकता है। मेडिकल शॉक एक मेडिकल इमरजेंसी है और इसके होने पर शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिसके कारण शरीर के टिश्यू (हाइपोक्सिया), हार्ट अटैक (कार्डिएक अरेस्ट) या ऑर्गन डैमेज होने के खतरे बढ़ सकते हैं। इसकी स्थिति होने पर तत्काल प्रभाव से इसका उपचार कराना चाहिए।
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मेडिकल शॉक लगना भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक सदमे से अलग होता है जो एक दर्दनाक या भयावह भावनात्मक घटना के बाद हो सकता है।
शॉक या सदमा 5 प्रकार के हो सकते हैंः
शॉक लगना या सदमे की समस्या बहुत ही सामान्य देखी जा सकती है। इसका खतरा किसी भी उम्र के व्यक्ति में देखा जा सकता है। यह बच्चों के साथ-साथ बूढ़े लोगों के साथ भी हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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शॉक लगने के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
अगर ऊपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण आपमें या आपके किसी करीबी में दिखाई देते हैं या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया करता है।
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जब हमारे शरीर के सभी अंगों और उत्तकों तक उचित मात्रा में खून का प्रवाह नहीं होता जिसके कारण उनके काम करने की प्रक्रिया में बाधा होती है, तो शॉक की समस्या हो सकती है।
यहां पर शॉक लगने के लिए कुछ कारण हैंः
प्रत्येक प्रकार के झटके के लिए जोखिम के कारण अलग-अलग होते हैं।
सेप्टिक शॉक के जोखिम के कारण:
बढ़ती उम्र या कोई ऐसी बीमारी जिसका इलाज आप लंबे समय से करा रहें हैं ये आपके सेप्टिक शॉक के जोखिमों को बढ़ा सकती है। यह स्थिति नवजात शिशुओं, वृद्ध वयस्कों, गर्भवती महिलाओं और एचआईवी, गठिया रोगों से पीड़ित है उनमें इसका खतरा अधिक रहता है।
निम्नलिखित कारक भी सेप्टिक शॉक की अधिक संभावना को बढ़ा सकते हैंः
उत्पन्न कर सकते हैं।
एनाफिलेक्टिक शॉक के जोखिम के कारण:
एनाफिलेक्टिक शॉक के लिए कोई ज्ञात जोखिम कारक नहीं हैं, लेकिन कुछ चीजें आपके जोखिम को बढ़ा सकती हैं उनमें शामिल हैं:
अगर आपको हार्ट अटैक की समस्या है, तो इन स्थितियों में कार्डियोजेनिक शॉक के जोखिम की संभावना भी अधिक हो सकती हैः
इस प्रकार का सदमा किसी बीमारी या चोट के कारण होता है, इसलिए इसके जोखिम वाले कारकों को निर्धारित करना मुश्किल होता है। हाइपोवॉल्मिक शॉक के कुछ मामलों में शरीर में पानी की एक बड़ा कारण हो सकता है। अगर आपको उल्टी या दस्त है, तो लगातार पानी पीते रहें।
रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के कारण न्यूरोजेनिक शॉक के जोखिम बढ़ सकते हैंः
अधिकतर मामलों में रीढ़ की हड्डी में चोट किसी एक्सीडेंट या घटना के कारण ही लगती है और किसी को भी हो सकती है। कुछ कारक आपको रीढ़ की हड्डी की चोट को बनाए रखने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, जैसेः
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
सबसे पहले आपके शरीर के बाहरी लक्षणों को देखते हुए डॉक्टर आपका उपचार कर सकते हैं। जिसके बाद वो कुछ चेकअप भी कर सकते हैं, जैसेः
एक बार जब डॉक्टर सदमे का निदान कर लेते हैं, तो वो आपके शरीर में रक्त संचार को जल्दी से जल्दी बढ़ाने का प्रयास करेंगे। इसके लिए आपको तरल पदार्थ, दवाओं और शरीर में खून बढ़ाने के उत्पादों की खुराक निर्देशित कर सकते हैं। जब तक वे इसके लक्षणों का पता नहीं लगाएंगे तब तक इसका उपचार शुरू नहीं किया जा सकेगा।
जब आपकी स्थिति सामान्य हो जाएगी, तो डॉक्टर आपके सदमे के कारणों का निदान करेंगे। ऐसा करने के लिए, वे एक या कई जरूरी इमेंजिंग या ब्लड टेस्ट कर सकते हैं।
इमेंजिंग टेस्ट
शरीर के अंदरूनी हिस्सों में चोट या आई खराबी का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपका इमेजिंग टेस्ट करेंगे, जैसेः
इसके लिए जरूरी टेस्ट हैंः
ब्लड टेस्ट
आपका डॉक्टर इन लक्षणों का पता लगाने के लिए आपका ब्लड टेस्ट कर सकते हैंः
सदमे के कारण बेहोशी, सांस लेने में तकलीफ और यहां तक कि कार्डियक अरेस्ट तक का खतरा हो सकता है। अगर आपको
ऐसे कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। अगर आपको संदेह है कि कोई अन्य व्यक्ति सदमे में चला गया है, तो 911 पर कॉल करें और सहायता आने तक प्राथमिक उपचार करें।
प्राथमिक उपचार
अगर आपको लगता है कि कोई सदमे में चला गया है, सबसे पहले डॉक्टर को कॉल करके उपचार के लिए सहायता बुलाएं। उसके बाद इन बातों का ध्यान रखेंः
अगर वे बेहोश हैं:
अगर वे सांस ले रहे हैं, तो:
अलग-अलग तरह के झटकों का अलग-अलग तरीके से इलाज किया जाता है।
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लाइफ स्टाइल में बदलाव और घरेलू उपाय अपना कर सदमे के कुछ रूप और मामले रोके जा सकते हैं। उदाहरण के लिए:
अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो उसकी बेहतर समझ के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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