योगा (Yoga) उस प्रैक्टिस को कहा जाता है जो शरीर, ब्रीद और माइंड को कनेक्ट करती है। इसमें फिजिकल पोस्चर, ब्रीदिंग एक्सरसाइजेज और संपूर्ण हेल्थ को सुधारने के लिए मेडिटेशन की जरूरत होती है। योगा का इस्तेमाल सालों से होता आया है। योगा हर उम्र के लोगों को कई फिजिकल और मेंटल हेल्थ बेनिफिट्स प्रदान करता है। अधिकतर लोग स्ट्रेस और एंग्जायटी से छुटकारा पाने के लिए योगा करते हैं। योगा (Yoga) को हार्ट के लिए भी बेहद लाभदायक माना जाता है। आज हम बात करने वाले हैं योगा और हार्ट हेल्थ (Yoga and heart health) के बारे में। योगा और हार्ट हेल्थ (Yoga and heart health) के बारे में बात करने से पहले योगा के बारे में थोड़ा जान लेते हैं।
योगा (Yoga) क्या है?
जैसा कि पहले बताया गया है कि योगा(Yoga) शरीर की हेल्थ को ऑप्टिमाइज करने और माइंड को शांत करने के लिए की जाने वाली एक प्रैक्टिस है। इसमें कई एक्टिविटीज को शामिल किया जाता है जैसे पोस्चर यानी आसन, ब्रीदिंग तकनीक यानी प्राणायाम, मेडिटेशन यानी ध्यान और लाइफस्टाइल प्रैक्टिस आदि। योगा (Yoga) से संपूर्ण फिटनेस लेवल को सुधारने में मदद मिलती है। यही नहीं,इससे पोस्चर और फ्लेक्सिबिलिटी भी सुधरते हैं। इससे निम्नलिखित लाभ भी हो सकते हैं:
- ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को कम करे
- रिलेक्स होने में मदद मिलती है
- सेल्फ-कॉन्फिडेंस बढ़ता है
- स्ट्रेस कम होता है
- कोऑर्डिनेशन सुधरता है
- कंसंट्रेशन इम्प्रूव होता है
- सही नींद आती है
- पाचन में मदद मिलती है
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इसके साथ ही योगा (Yoga) करने से निम्नलिखित कंडिशंस में भी लाभ होता है:
- एंग्जायटी (Anxiety)
- बैक पेन (Back pain)
- डिप्रेशन (Depression)
इसके साथ ही योगा (Yoga) के अन्य कई लाभ भी हैं। अब जानते हैं योगा और हार्ट हेल्थ (Yoga and heart health) के बीच में कनेक्शन के बारे में।
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योगा और हार्ट हेल्थ (Yoga and heart health): क्या हैं योगा के हार्ट के लिए लाभ?
योग को समान्यता मैडिटेशन और रिलेक्शेसन से जोड़ा जाता है, लेकिन दिल के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है। आइये जानें इन फायदों के बारे में:
- इमोशनल स्ट्रेस का हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। स्ट्रेस की वजह से हमारा शरीर कोर्टिसोल नामक हॉर्मोन रिलीज करता है और इस हॉर्मोन के हाय लेवल से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जो हार्ट डिजीज का मुख्य रिस्क फैक्टर है। ऐसे में, योग करने से स्ट्रेस कम होती है। इससे रिलैक्सेशन को प्रमोट करने और ब्रीदिंग तकनीक को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है।
- योग करने से मेटाबॉलिज्म सुधरता है जिससे कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल को सही रखने में मदद मिलती है। योग करने से स्ट्रेस लेवल और रिलैक्सेशन से ब्लड प्रेशर को लो रहने में सहायता होती है।
- हार्ट हेल्थ के लिए सही नींद लेना जरूरी है। ऐसा पाया गया है कि पुअर स्लीप हैबिट्स से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। ऐसे में योग के दौरान ब्रीदिंग और मैडिटेशन तकनीक अपनाने से हार्ट रेट स्लो होता है जिससे ब्लड प्रेशर भी लो रहता है। योगा (Yoga) से नींद भी अच्छे से आती है। यह तो थी जानकारी योगा और हार्ट हेल्थ (Yoga and heart health) के बारे में। अब जान लेते हैं कुछ योगासनों के बारे में जिनसे हार्ट हेल्थ में मदद मिलती है।
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योगा और हार्ट हेल्थ (Yoga and heart health): दिल के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए कौन से योगासन हैं फायदेमंद?
हार्ट हेल्थ को सुधारने के लिए कुछ योगासन बेहद लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं। यह आसन इस प्रकार हैं:
उत्थित त्रिकोणासन (Utthita Trikonasana)
उत्थित त्रिकोणासन को एक्सटेंडेड ट्रायंगल पोज (Extended triangle pose) के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक मैट पर सीधा इस तरह से खड़े हो जाएं कि आपके पैरों के बीच में उचित अंतर हो। अब अपने बाएं पैर को बाहर की ओर मोड़ें और अपने दाहिने पैर को थोड़ा अंदर की ओर मोड़ें। अब अपने फेस को आगे की तरफ करें और अपनी बाजुओं को ऊपर की ओर उठाते हुए एक गहरी सांस लें। इस दौरान बाजुओं को इस तरह से ऊपर उठाएं ताकि वे आपके धड़ के साथ एक टी बना लें।
अब सांस को बाहर छोड़ें अपने बाएं हाथ को टखने के करीब अपनी एंकल यानी एड़ी तक पहुंचाएं। जितना हो सके उतना झुकें। इसके साथ ही अपने दाहिने हाथ को ऊपर उठाएं ताकि आपकी उंगलियों की टिप्स छत की ओर पॉइंटेड हों। अपने धड़ के साइड्स को फर्श के पैरेलल लाएं। अब अपने दाहिने हाथ को देखें और 2-3 गहरी सांसें लें। फिर अपनी दूसरी साइड से भी इसे दोहराएं।
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योगा और हार्ट हेल्थ (Yoga and heart health): गोमुखासन (Gomukhasana)
गोमुखासन (Gomukhasana) को काऊ फेस पोज (Cow face pose) भी कहा जाता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले किसी आरामदायक जगह पर दरी बिछा कर बैठ जाएं। अपने घुटनों को मोड़ लें। अब अपने दाहिने घुटने को सीधे अपने बाएं घुटने के ऊपर रखें। आपका पैर जितना हो सके,आपके बटलॉक के करीब होने चाहिए। अपने बाएं हाथ को पीछे ले जाएं और अपनी कोहनी को मोड़ें। अब अपने हाथ को कंधों तक पहुंचाने की कोशिश करें। अब अपने दाहिने हाथ को ऊपर की ओर ले जाएं, कोहनी को मोड़ें और दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ने की कोशिश करें। कम से कम 30 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और फिर दूसरी तरफ भी ऐसा ही दोहराएं।
योगा और हार्ट हेल्थ (Yoga and heart health): सेतुबंधासन (Setu Bandhasana)
सेतुबंधासन को करने वाले की पोजीशन एक ब्रिज यानी सेतु की तरह लगती है। इसलिए इसका नाम सेतुबंधासन या ब्रिज पोज (Bridge pose) है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले किसी शांत जगह पर दरी या मैट बिछा कर लेट जाएं। अब इस पर अपने घुटनों को मोड़कर और पैरों को जमीन पर टिकाकर पीठ के बल लेट जाएं। आपके पैर एक दूसरे से कुछ अंतर पर होने चाहिए। आपकी बाजुएं आपके शरीर की साइड में रेस्टिंग मोड में होनी चाहिए। अब पैरों को फर्श से दबाएं, गहरी सांस लें और धीरे से अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं। अपनी चेस्ट को ऊपर उठाने के लिए अपनी बाजुओं और कंधों को ग्राउंड पर प्रेस करें। इस पोजीशन कुछ देर रहें और फिर वापस अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएं। इस आसन को दोहराएं।
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योगा और हार्ट हेल्थ (Yoga and heart health): भुजंगासना (Bhujangasana)
भुजंगासना (Bhujangasana) यानी कोबरा पोज (Cobra pose) को हार्ट के लिए फायदेमंद माना जाता है। इस आसन को करने के लिए किसी आरामदायक जगह पर पेट के बल लेट जाएं। आपकी हथेलियां कंधे के नीचे होनी चाहिए। अब सांस को अंदर ले जाएं और अपनी सांस को रोक कर रखें। अब अपने सिर, छाती और कंधों को ऊपर उठायें। इस पोजीशन में स्थिति के कोबरा की तरह लगती है इसलिए इसे कोबरा पोज कहा जाता है। कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद अपनी शुरुआती पोजीशन में आ जाएं। इस आसन को दोहराएं।
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यह तो थी जानकारी योगा और हार्ट हेल्थ (Yoga and heart health) के बारे में। यह तो आप जान ही गए होंगे कि योगा (Yoga) के कई लाभ हैं। यह आपके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को सुधार सकता है। लेकिन, अगर आप किसी हार्ट डिजीज से पीड़ित हैं, तो सही उपचार कराना बेहद आवश्यक है। यही नहीं, अगर आप योगा की शुरुआत कर रहे हैं, तो भी पहले डॉक्टर से जान लें कि योगा (Yoga) करना आपके लिए कितना लाभदायक हो सकता है। अपनी मर्जी से योगा न करें, बल्कि किसी एक्सपर्ट का मार्गदर्शन लें। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से बात करना न भूलें।
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