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जानें क्या है तितली आसन,आपके लिए कैसे है फायदेमंद

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


shalu द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/10/2020

    जानें क्या है तितली आसन,आपके लिए कैसे है फायदेमंद

    योग के बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ के साथ ही तितली आसन सबसे महत्वपूर्ण आसन है। यह आसन तितली की तरह ही मुद्रा बनाकर किया जाता है। इस मुद्रा को बटरफ्लाई पोज भी कहा जाता है। तितली आसन ज्यादातर बच्चों के लिए उपयोगी माना जाता है। इसके अलावा यह आसन प्रेग्नेंट महिलाओं को करने के लिए कहा जाता है। बटरफ्लाई यानि तितली आसन पोज, जिसे बाउंड एंगल पोज भी कहा जाता है,बहुत से बच्चों ने वास्तव में पहले से ही खेल कूद या जिम क्लास में इस मुद्रा का अभ्यास किया होता है। इस मूद्रा को करते समय आप तितली की तरह बैठकर अपने घुटनों को हिलाते हैं। यह मुद्रा छोटे बच्चों के लिए सरल हो सकती है, लेकिन यह बढ़ते उम्र और गतिहीन जीवन शैली के साथ अधिक कठिन हो जाती है। इसलिए तितली आसन को जितनी जल्दी करने शुरू करें उतना बेहतर तरीके से किया जा सकता है, ताकि हम बच्चों को आजीवन आराम से चलने में मदद कर सकें। बटरफ्लाई पोज समय के साथ बैठे हुए अकड़न का सामना करने और गतिशीलता को बनाए रखने का एक शानदार तरीका है।

    तितली आसन आपके प्राइवेट पार्ट, कूल्हे क्षेत्रों में लचीलेपन में सुधार करता है, क्योंकि यह आंतरिक जांघों, जननांगों और घुटनों को फैलाता है। यह कूल्हे और कमर के क्षेत्रों में किसी भी विषाक्त पदार्थों और नकारात्मक ऊर्जा को निकालने में मदद करता है। आपके श्रोणि, पेट और पीठ को भरपूर मात्रा में रक्त की आपूर्ति द्वारा उत्तेजित किया जाता है। ये पुरुषों में स्पर्म काउंट भी बढ़ाता है। महिलाओं में यह अंडाशय को ठीक से काम करने और अनियमित मासिक धर्म को दूर करने के लिए सहायता करता है। यह मुद्रा न केवल प्रजनन स्तर को बढ़ाती है, बल्कि प्रसव से जुड़ी समस्याओं को कम करके एक स्मूद डिलीवरी कराने में मदद करता है।

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    तितली आसन करने के सही तरीके के लिए स्टेप्स फॉलो करें

    • अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा करके बैठें और पैर सीधे बाहर की ओर फैलाएं।
    • अब अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को श्रोणि की ओर लाएं। आपके पैरों के तलवे एक दूसरे को सामने ले जाएं।
    • अपने हाथों से अपने पैरों को कसकर पकड़ें। आप हाथों को पैरों के नीचे सपोर्ट के लिए रख सकते हैं।
    • जितना अधिक से अधिक हो सके अपने एड़ियों को अपने जननांगों के करीब लाने का प्रयास करें। 
    • अब गहरी सांस लें। सांस को बाहर निकालते हुए, जांघों और घुटनों को नीचे की ओर दबाएं। उन्हें नीचे की ओर दबाए रखने के लिए ज्यादा दबाव न डाले बल्कि हल्के से प्रयास करें।
    • अब दोनों पैरों को तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे करना शुरू करें। 
    • ध्यान रखें, इसकी शुरूआत आपको बहुत धीमी-धीमी गति से करना है। जब आप इसको कुशल तरीके से करने लगे फिर इसकी गति को बढ़ा सकते हैं। 

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  • इस क्रिया के साथ तेज सांस भरते रहें।
  • तितली आसन करते समय गति को तेज करें, फिर धीमा करें,इस प्रकार इसकी गति को कम और ज्यादा करते रहें। 
  • सांस अंदर लें और जैसे ही आप सांस छोड़ते हैं, आगे की ओर झुकें, ठोड़ी और रीढ़ को सीधा रखते हुए झुके।
  • अपनी कोहनी को जांघों या घुटनों पर दबाएं, घुटनों और जांघों को फर्श के करीब धकेलें।
  • अपने आंतरिक जांघों में खिंचाव महसूस करें और मांसपेशियों को आराम देते हुए लंबी, गहरी सांस लें।
  • गहरी सांस लें और धड़ को ऊपर लाएं।
  • जैसे ही आप सांस छोड़ते हैं, धीरे से अपनी मुद्रा छोड़ें। अपने सामने पैरों को सीधा करें और आराम करें।
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    तितली आसन के स्वास्थ्य लाभ क्या है?

    तितली आसन के बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ होते हैं, इसके अलावा तितली आसन के कुछ स्वास्थ्य लाभों में जांघ, हिप्स और काल्फ को मजबूत बनाना, पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाना, प्राकृतिक प्रसव को बढ़ावा देना आदि शामिल होते हैं। तो आइए विस्तार से इसके फायदे के बारे में जानें। 

    तितली आसन से जांघ, कूल्हों और काल्फ को मजबूती मिलता है

    विभिन्न अध्ययनों से यह साबित हुआ है, कि तितली आसन के नियमित अभ्यास से आपके कूल्हों, जांघों और कूल्हों की मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है। क्योंकि तितली आसन करते समय, यह इस मांसपेशी पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे इस क्षेत्र में रक्त का प्रवाह बढ़ेगा और मांसपेशियों को ऑक्सीजन और पोषण की अधिक मात्रा मिलती है। जो उन्हें इस आसन को मजबूत करने और नियमित अभ्यास करने में मदद करती है, व्यायाम और अन्य कार्यों के दौरान जांघ, कूल्हों और काल्फ में चोट को रोकने में मदद कर सकती है।

    तितली आसन यौन समस्याओं को ठीक करता है

    नियमित रूप से तितली आसन का अभ्यास आपके यौन शक्ति को बढ़ा सकता है क्योंकि इस योग आसन को करते समय, यह हमारे यौन अंग को निचोड़ने (squeeze) का कार्य करता है, जो उस क्षेत्र में तनाव हार्मोन के उत्पादन में मदद करता है। जो हमारे यौन अंग को उत्तेजित करने में मदद करता है और यह रक्त प्रवाह में सुधार भी करता है। यौन अंग के लिए यौन प्रदर्शन के कार्य को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस आसन के नियमित अभ्यास के साथ-साथ कूल्हों, काल्फ और जांघ की मांसपेशियों की ताकत में सुधार करने में मदद मिलती है, और ये सभी शरीर के यौन प्रदर्शन को बहुत बेहतर बनाता हैं।

    और पढ़ें : बद्ध पद्मासन: जानिए इस योगासन को करने का सही तरीका, फायदा और सावधानियां

    तितली आसन किडनी और लिवर को बेहतर बनाता है

    विभिन्न अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि तितली आसन का नियमित अभ्यास लीवर और किडनी के कार्य को बेहतर बनाने के लिए बहुत फायदेमंद है। क्योंकि इस आसन को करते समय, यह किडनी और लीवर में बहुत दबाव बनाता है। जो तनाव हार्मोन का उत्पादन करने में मदद करता है। इसके साथ ही बेहतर कार्य करने के लिए हमारे किडनी और लिवर को उत्तेजित करता है साथ ही उसमें जमा वसा को कम करने में मदद करते हैं।

    तितली आसन पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है

    तितली आसन के नियमित अभ्यास से हमारे पाचन स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और यह विभिन्न प्रकार के पाचन से संबंधित समस्याओं को रोकने में भी मदद करता है, जैसे कि कब्ज क्योंकि तितली आसन करते समय, यह पेट और आंतरिक आंत पर बहुत दबाव बनाता है, इसके कारण हमारे शरीर में तनाव होता है। वहीं हार्मोन, जो पाचन तंत्र के कार्य को बढ़ावा देने में मदद करता है जो उचित आंत के कार्य को बेहतर बनाता है और यह पाचन कार्य और एंजाइम के उत्पादन को भी बढ़ावा देता है जो हार्ड प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट को पचाने में मदद करता है।

    तितली आसन प्राकृतिक प्रसव को बढ़ावा देता है

    विभिन्न अध्ययनों से यह साबित हुआ है, कि तितली आसन का नियमित अभ्यास गर्भवती महिला के लिए बहुत फायदेमंद है और यह प्राकृतिक प्रसव को बढ़ावा देने में मदद करता है।गर्भवती महिलाओं को यह आसन करना चाहिए, उनके लिए यह बहुत फायदेमंद हो सकता है। इससे उनके प्राइवेट पार्ट्स स्ट्रेच होते हैं। इस कारण से प्रसव आसानी से होने में मदद मिलती है। ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी आसन,योगा,दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।

    तितली आसन जांघ के फैट को कम करता है

    विभिन्न अध्ययनों से यह साबित हुआ है, कि तितली आसन का नियमित अभ्यास हमारी जांघ की मांसपेशियों के लिए बहुत सहायक होता है और यह जांघ के फैट को कम करने में भी मदद करता है। क्योंकि इस आसन को करते समय यह हमारी जांघ की मांसपेशियों पर बहुत दबाव बनाता है। जो जांघ से अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद करता है।

    योगा के बारे में जानने के लिए खेलें क्विज : Quiz : योग (yoga) के बारे में जानने के लिए खेलें योगा क्विज

    तितली आसन तनाव और चिंता से राहत देता है

    जब हम तितली आसन को कर रहे होते हैं, तो हमारा रक्त संचार बढ़ जाता है, जिससे मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। जिसका अर्थ है कि हमारे मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन युक्त रक्त और पोषण मिलेगा, जो मस्तिष्क के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। विभिन्न प्रकार की समस्याओं को कम करने में मदद करता है, जैसे कि तनाव, चिंता, सिरदर्द, आदि। यह आसन पढ़ाई करने वाले बच्चों  के लिए अत्यधिक अनुशंसित है। यदि वे नियमित रूप से तितली आसन का अभ्यास करते हैं, तो यह पढ़ाई के प्रति उनकी एकाग्रता में सुधार कर सकता है और वे अपने लक्ष्य की ओर अधिक ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।

    मासिक धर्म की समस्या होती है दूर

    तितली आसन नियमित करने से पीरियड्स के दौरान होने वाली परेशानियों से भी राहत मिलती है।

    कॉन्स्टिपेशन की समस्या से मिलती है राहत

    अगर आप कब्ज या पाइल्स की समस्या से परेशान रहते हैं, तो तितली आसन आपके लिए रामबाण है। इस आसन को नियम पूर्वक रोजाना करने से कॉन्स्टिपेशन की समस्या या गट से संबंधित परेशानियों से राहत मिल सकती है।

    और पढ़ें : रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद ऊर्ध्व मुख श्वानासन को कैसे करें, क्या हैं इसे करने के फायदे जानें

    तितली आसन के लिए सावधानियां 

    इस आसन को करने के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:

    • तितली आसन का अभ्यास करने से पहले बाद में किसी भी जटिलता से बचने के लिए सावधानी बरतना बेहद आवश्यक है। 
    • अभ्यास करते समय अपनी रीढ़ को सीधा रखें।
    • सुनिश्चित करें कि आप इस आसन का अभ्यास करते समय घुटनों पर बल का प्रयोग न करें। केवल जांघों को नीचे धकेलें।
    • यदि आप घुटनों में असुविधा का अनुभव करते हैं तो समर्थन के लिए जांघों के नीचे एक कंबल रख सकते हैं।
    • यदि आप इस स्थिति में से किसी से पीड़ित हैं,जैसे,घुटने या कमर में चोट, साइटिका, सेक्रल कंडिशन तो बटरफ्लाई पोज का अभ्यास करने से बचें।

    किसी भी आसन को करने से पहले एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें और योगासन को करने का सही तरीका समझें।

    ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी आसन, दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

    डिस्क्लेमर

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