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इसोफैगस: पाचन तंत्र के इस अंग के बारे में कितना जानते हैं आप?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/02/2022

    इसोफैगस: पाचन तंत्र के इस अंग के बारे में कितना जानते हैं आप?

    पाचन तंत्र (Digestive system) हमारे शरीर के सबसे बड़े सिस्टम में से एक है। पाचन तंत्र पर शरीर का पूरा सिस्टम टिका होता है। अगर इसमें किसी प्रकार की खराबी होती है तो शरीर का पूरा तालमेल बिगड़ जाता है। पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में कई अंग मदद करते हैं। जिसमें एक है इसोफैगस (Esophagus)। इसोफैगस एक खाली (Hollow) मस्कुलर ट्यूब होता है जो फूड और लिक्विड को गले से पेट में पहुंचाता है। यह डायजेस्टिव सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस आर्टिकल में हम आपको इसोफैगस और इसके कार्यों से संबंधित जानकारियां दे रहे हैं।

    इसोफैगस (Esophagus)  क्या है?

    इसोफैगस के कार्य में मुख्य रूप से फूड और लिक्विड को गले से पेट तक ले जाना है। जब हम खाना या कोई भी लिक्विड मुंह में डालते हैं तो सबसे पहले यह हमारे मुंह से गले में जाता है। एक छोटा मस्कुलर फ्लैप जिसे एपिग्लोटिस (Epiglottis) कहा जाता है बंद होकर फूड और लिक्विड को गलत पाइप में जाने से रोकता है। जिसे विंडपाइप (Windpipe) कहा जाता है। एक और फ्लैप जिसे उवुला (Uvula) कहते हैं लिक्विड को नेजल कैविटी की ऊपर की तरफ जाने से रोकता है।

    इसोफैगस कैसे काम करता है? (How esophagus works)

    अपर इसोफैगस की ओपनिंग पर एक रिंग शेप मसल होती है जिसे अपर इसोफैजियल स्फिंक्टर कहते हैं। जब फूड और लिक्विड उसकी तरफ आता है तो अपर स्फिंक्टर को पता चल जाता है। जब इसे सिग्नल मिल जाता है तो स्फिंक्टर रिलैक्स करता है और ओपन हो जाता है ताकि फूड इसोफैगस में प्रवेश कर सके। जब कोई फूड या लिक्विड नहीं होता है तो यह बंद रहता है।

    एक बार भोजन इसोफैगस के अंदर आता है तो मांसपेशियों के संकुचन (पेरिस्टलसिस) की तरंगें भोजन को नीचे की ओर धकेलती हैं। भोजन आपके डायाफ्राम से होकर गुजरता है और निचले एसोफैगस तक पहुंचता है। निचले इसोफैगस की ओपनिंग पर एक दूसरी रिंग शेप की मसल होती है जिसे लोअर इसोफेजियल स्फिंक्टर (Lower esophageal sphincter) कहा जाता है। ऊपरी इसोफैगस की तरह ही जब फूड या लिक्विड नीचे आने वाला होता है तो इसे पता चल जाता है और यह ओपन हो जाता है। जिसके जरिए खाना पेट में पहुंच जाता है। जब कोई फूड या लिक्विड नहीं आता है तो यह आमतौर पर बंद होते हैं ताकि स्टमक एसिड और डायजेस्टिव जूस इसोफैगस में ना जा सके।

    इसोफैगस (Esophagus) कहां स्थित रहता है?

    इसोफैगस आपकी छाती के केंद्र में मीडियास्टिनम (Mediastinum) नामक क्षेत्र में स्थित है। यह आपकी श्वासनली (श्वासनली) के पीछे और आपकी रीढ़ के सामने स्थित होता है। औसत वयस्क अन्नप्रणाली लगभग 10 से 13 इंच लंबी होती है। यह अपने सबसे छोटे बिंदु पर लगभग तीन-चौथाई इंच मोटा होता है।

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    इसोफैगस और ट्रैकिया में क्या अंतर है? (Difference between the trachea and the esophagus)

    ट्रैकिया और इसोफैगस दोनों मस्कुलर ट्यूब्स है जो कि गले में स्थित रहते हैं। हालांकि दोनों के कार्य अलग हैं। ट्रैकिया हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम का हिस्सा है। वहीं इसोफैगस डायजेस्टिव सिस्टम का। ट्रैकिया फेफड़ों में हवा को ट्रांसपोर्ट करता है। वही इसोफैगस फूड और लिक्विड को गले से पेट में पहुंचाता है।

    इसोफैगस को प्रभावित करने वाली स्थितियां (Conditions affecting the esophagus)

    इसोफैगस को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली स्थितियां एसिड रिफ्लक्स है। एसिड रिफ्लक्स की समस्या तब होती है जब लोअर इसोफेजियल स्फिंक्चर उस समय खुल जाता है जब इसे नहीं खुलना चाहिए। यह पेट के एसिड और पाचक रसों को आपके पेट से वापस आपके अन्नप्रणाली में प्रवाहित करने की अनुमति देता है। यह सूजन और सीने में जलन पैदा कर सकता है।

    गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) एसिड रिफ्लक्स का अधिक गंभीर रूप है। जीईआरडी के साथ, पेट का एसिड लगातार अन्नप्रणाली में वापस आ जाता है। सीने में जलन के अलावा, कुछ लोगों को खांसी, सीने में दर्द, स्वर बैठना, सांसों की दुर्गंध और/या निगलने में परेशानी होती है। आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपके गले के पिछले हिस्से में गांठ है। समय के साथ, जीईआरडी इसोफैगस को महत्वपूर्ण नुकसान पहुंचा सकता है।

    अन्य समस्याएं जो इसोफैगस को प्रभावित कर सकती हैं उनमें शामिल हैं:

    एकालैजिया (Achalasia)

    एकालैजिया एक दुर्लभ विकार है जिसमें आपका निचला एसोफेजियल स्फिंक्टर तब नहीं खुलता है जब इसको खुलना चाहिए। यह भोजन को आपके पेट में जाने से रोकता है।

    एसोफैजियल डायवर्टीकुलम (Esophageal diverticulum)

    एक एसोफैजियल डायवर्टीकुलम एक थैली है जो आपके एसोफेजियल लाइनिंग के कमजोर हिस्से में बाहर की ओर उभरी होती है। यदि डायवर्टीकुलम रुकावट का कारण बनता है तो आप निगलने में असमर्थ हो सकते हैं।

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    इसोफेजियल वेरिसेज (Esophageal varices)

    इसोफेजियल वेरिसेज लंबी पर बड़ी या सूजी हुई नसें होती हैं। यदि ये टूट जाएं या इनसे खून निकलने लगे तो ये घातक हो सकती हैं।

    एसोफैजाइटिस (Esophagitis)

    एसोफैगिटिस एसोफैगस की लाइनिंग की सूजन और इंफ्लामेशन है। एसिड रिफ्लक्स, संक्रमण, उल्टी, कुछ दवाएं या विकिरण उपचार से यह परेशानी हो सकती है।

    ईओसिनोफिलिक एसोफैजाइटिस (Eosinophilic esophagitis)

    एसोफैगस में ईओसिनोफिल नामक कुछ सफेद रक्त कोशिकाओं का निर्माण इस प्रकार के एसोफैगिटिस का कारण बनता है। खाद्य एलर्जी आपके अन्नप्रणाली में ईओसिनोफिल के निर्माण का कारण बन सकती है।

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    बैरेट्स एसोफैगस (Barrett’s esophagus)

    बैरेट्स एसोफैगस निचले एसोफैगस की लाइनिंग वाले टिशूज में होने वाला परिवर्तन है। दीर्घकालिक (क्रोनिक) जीईआरडी परिवर्तन का कारण बन सकता है। बैरेट इसोफैगस से एसोफैगल कैंसर esophageal cancer होने का खतरा बढ़ सकता है।

    अन्नप्रणाली की समस्याओं के लक्षण (Symptoms of esophagus problems) क्या हैं?

    इसोफैगस (Esophagus)

    अन्नप्रणाली की समस्याओं के सबसे आम लक्षणों में से एक नाराज़गी है। लोग नाराज़गी का वर्णन आपकी छाती के केंद्र में आपके ब्रेस्टबोन (उरोस्थि) के पीछे जलन के रूप में करते हैं। अन्नप्रणाली की समस्याओं के अन्य लक्षण कारण पर निर्भर करते हैं। वे शामिल कर सकते हैं:

    इसोफैगस से जुड़ी परेशानियों का निदान कैसे किया जाता है?

    आपका डॉक्टर यह निर्धारित करने के लिए निम्न परीक्षणों में से एक या अधिक की सिफारिश कर सकता है कि क्या आपके पास इसोफैगस से जुड़ी स्थितियां है:

    • अपर एंडोस्कोपी (Upper endoscopy)
    • बायोप्सी (Biopsy)
    • बैरियम सोलो (Barium swallow)
    • इसोफेजियल पीएच टेस्ट (Esophageal pH test)

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    इसोफैगस से जुड़ी स्थितियों का इलाज कैसे किया जाता है?

    अन्नप्रणाली की समस्याओं का उपचार कारण पर निर्भर करता है। कुछ घुटकी की समस्याओं का इलाज ओवर-द-काउंटर दवा या आहार में परिवर्तन के साथ किया जा सकता है। अन्य स्थितियों में डॉक्टर के पर्चे की दवा, प्रक्रियाओं या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

    अन्नप्रणाली की स्थिति के लिए सामान्य दवाओं में शामिल हैं:

    • एंटासिड्स (Antacids)
    • एच-2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (H-2 receptor blockers)
    • प्रोटोन पंप इंहिबिटर्स (Proton Pump inhibitors)

    कुछ स्थितियों में समस्या को ठीक करने के लिए विशेष प्रक्रियाओं या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। इनमें शामिल हो सकते हैं:

    • इसोफेजियल डायलेशन (Esophageal dilation)
    • लैप्रोस्कोपिक एंटायरफ्लक्स सर्जरी (Laparoscopic antireflux surgery)
    • लिंक्स डिवाइस इंप्लांटेशन (LINX device implantation)
    • इसोफैगेक्टॉमी (Esophagectomy)

    उम्मीद करते हैं कि आपको इसोफैगस से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

     

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