प्राणायाम को लंग कैंसर के पेशेंट्स के लिए बेहद लाभदायक माना गया है। क्योंकि, लंग कैंसर (Lung cancer) के पेशेंट्स को सांस लेने में समस्या हो सकती है। ऐसे में प्राणायाम को करने से उन्हें इस समस्या से राहत मिल सकती है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले किसी आरामदायक पोजीशन में बैठ जाएं जैसे सुखासन। अब अपनी पीठ को सीधा और आंखों को बंद कर लें। अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर ऊपर की ओर रखें। सांस को अंदर ले जाएं और अपने लंग्स को हवा से भर लें। अब पूरी तरह से सांस को छोड़ दें। इंहेल और एक्सहेल 1:1 रेशो में होनी चाहिए।
यानी, अगर आप छह बार इंहेल करते हैं, तो आपको छह बार ही एक्सहेल करना है। ब्रीदिंग तकनीक की शुरुआत आपको दिन में पांच मिनट से करनी चाहिए और समय के साथ इसे बढ़ा देना चाहिए। इसे पोज में 10-15 सेकंड्स तक रहें और दो या तीन बार इसे दोहराएं। इससे आपको शरीर की इम्यूनिटी को स्ट्रांग करने, ट्रीटमेंट और हीलिंग को सुधारने में मदद मिलेगी। यह तो थी लंग कैंसर के लिए योगा (Yoga for lung cancer) के बारे में जानकारी।

उम्मीद है कि लंग कैंसर के लिए योगा (Yoga for lung cancer) के बारे में यह इंफॉर्मेशन आपको पसंद आई होगी। जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि लंग कैंसर (Lung cancer) की स्थिति में फिजिकल एक्टिविटीज और योगा से लाभ होता है। लेकिन, किसी भी एक्सरसाइज प्रोग्राम या योगा शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। क्योंकि हो सकता है कि कुछ तरह की एक्सरसाइजेज या योगासन लंग कैंसर के पेशेंट्स के लिए एप्रोप्रियेट न हों। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से अवश्य बात करें।
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