परिचय
बिलबेरी क्या है?
बिलबेरी एक हर्बल पौधा है, जो अफ्रीका के पश्चिमी तट पर पाया जाता है। देखने में ये बिल्कुल ब्लूबेरी जैसा दिखता है, लेकिन उससे थोड़ा छोटा और डार्क कलर का होता है। इसके फलों और पत्तियों से दवाइयां बनाई जाती हैं। कई रिसर्च में ये पाया गया है कि इसमें कई ऐसे कंपाउंड्स होते हैं जो ब्लड वेसल्स को मजबूत बनाते हैं। बिलबेरी को आंखों की रोशनी तेज, मोतियाबिंद रोकने और कैटरेक्ट के लिए भी अच्छा माना जाता है। पुराने समय में इसके जूस को दवाई के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर बिलबेरी शरीर को कई बीमारियों से कवच प्रदान करती है। रिसर्च में भी साबित हो चुका है कि बेरीज में सबसे ज्यादा एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं। ब्लूबेरी जैसी दिखने वाली बिलबेरी के भी समान गुण होते हैं। बिलबेरी में विटामिन सी और फिनोलिक एसिड होता है जो स्वास्थय के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है।
बिलबेरी का उपयोग किस लिए किया जाता है?
न्यूट्रिएंट्स से भरपूर:
बिल बेरी में 85 ग्राम कैलोरी, 15 ग्राम नैचुरल शुगर और 4 ग्राम फाइबर होता है। इसमें अच्छी मात्रा में मैंगनीज और विटामिन-सी पाया जाता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभदायक है।
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एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर:
यह एंटी-ऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्त्रोत है, जो शरीर को बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है। इसमें एंथोसियानिनस और पॉलीफिनाॅल्स नामक ऐंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जिसका प्रयोग आंखों से लेकर डायबिटीज की दवाओं में किया जाता है।
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आंखों की रोशनी को करे तेज:
बिलबेरी हमारी आंखों के लिए बेहद फायदेमंद होती है। कई वैज्ञानिक शोध में भी बिलबेरी को आखों की परेशानियां जैसे मोतियाबिंद और रात में न दिखने के लिए अच्छा माना है। हमारी आंखों में ल्यूटिन (Leutin) होता है, जो बिलबेरी में मौजूद कंपाउंड्स से मिलने पर आंखों की रोशनी को तेज करता है।
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मसूड़ों की सूजन को करे दूर:
बिलबेरी मसूड़ों की सूजन को दूर करने में भी मददगार है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मोलिक्यूलर साइंस के अनुसार, कुछ लोगों को एक हफ्ते तक 500 ग्राम बिलबेरी और कुछ लोगों को 250 ग्राम बिलबेरी दी गई। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष में पाया कि जिन लोगों को रोजाना 500 ग्राम बिलबेरी दी गई उनकी मसूड़ों की सूजन कम हो गई।
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शुगर लेवल को करे कम:
ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए यह एक अच्छा हर्बल नुस्खा है। जानवरों पर किए गए एक शोध में पाया गया कि इसमें पाए जाने वाले एंथोसयानिनस (Anthocyanins) इंसुलिन के स्त्राव उत्तेजित करता है, जो शुगर लेवल को हमारे कोशिकाओं के भीतर ले जाने के लिए एक जरूरी हार्मोन है।
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दिल के लिए भी है फायदेमंद:
बिलबेरी हमारे दिल के लिए भी बेहद उपयोगी है। इसमें पाए जाने वाला विटामिन-के ब्लड क्लॉट्स को बनने से रोकता है। साथ ही ये हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को कम करता है। एक शोध के अनुकार, 35 लोगों को रोजाना 8 हफ्ते तक अलग-अलग तरह की बेरी दी गई जिसमें बिलबेरी भी शामिल थी। इन लोगों की प्लेटलेट्स , ब्लड प्रेशर और गुड़ कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार देखने को मिला, जो हार्ट को हेल्दी रखने में मददगार है।
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कैसे काम करता है बिलबेरी?
बिलबेरी में टैनिन्स नामक रसायन होते हैं जो डायरिया के साथ-साथ मुंह और गले संबंधित परेशानियों को दूर करते हैं। इसके अलावा ये सूजन को भी कम करता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि बिलबेरी की पत्तियों में कई ऐसे केमिकल्स होते हैं जो सर्क्युलेशन में सुधार कर डायबिटीज से निजात दिलाते हैं। इसके साथ ही आखों के रेटिना को भी ये किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचे देती।
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इन परेशानियों में भी है मददगार:
- स्किन संबंधित परेशानियां
- यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन
- गाउट
- धमनियों का अकड़ना
- आर्थराइटिस
- सीने में दर्द
- क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम
उपयोग
कितना सुरक्षित है बिलबेरी का उपयोग?
ज्यादातर सभी लोगों के लिए इसका सेवन करना सेफ है। दवाई के तौर पर इसका प्रयोग एक साल तक किया जा सकता है। इसकी पत्तियों का सेवन किसी-किसी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। लंबे समय के लिए इसकी ज्यादा डोसेज लेने से बचें।
- प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाएं इसका सेवन डॉक्टर के परामर्श के बिना न करें।
- लो डायबिटीज के पेशेंट इसका सेवन न करें। इसके सेवन से डायबिटीज और कम हो सकती है जो आपको नुकसान पहुंचा सकती है।
- बिलबेरी बल्ड ग्लुकोज लेवल को बढ़ाता है। इसलिए अगर आपरी सर्जरी होने वाली है तो दो हफ्ते पहले इसका सेवन करना बंद कर दें। सर्जरी के दो हफ्ते बाद तक भी इसका सेवन न करें।
- अगर आप कोई दूसरी दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो उनके साथ इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
साइड इफेक्ट्स
बिलबेरी से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
बिलबेरी के सेवन से निम्नलिखित दुष्प्रभाव हो सकते हैं:
- आखों में ड्रायनेस
- मुंह में ड्रायनेस
- पेट खराब होना
- कब्ज होना
जरूरी नहीं सभी में ये साइड इफेक्ट्स दिखाई दें। इनसे अलग साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। अगर आपको इसकी अधिक जानकारी चाहिए तो एक बार किसी चिकित्सक या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें।
डोसेज
बिलबेरी को लेने की सही खुराक क्या है ?
- सूखे या पके बिलबेरी को रोजाना 20 से 60 ग्राम लिया जाता है। कई लोग 5-10 ग्राम बिलबेरी को पीसकर उसकी चाय बनाकर भी पीते हैं।
- जिन लोगों के रेटिना में दिक्कत होती है उन्हें 160 मिली ग्राम बिलबेरी एक्सट्रेक्ट की दिन में दो खुराक दी जाती हैं।
इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है?
- कैप्सूल
- एक्सट्रेक्ट
- फ्रेश और सूखी बेरी
- लिक्वीड
- टिंचर
- सूखी जड़ व पत्तियां
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