परिचय
गुग्गुल (Guggul) क्या है?
गुग्गुल एक तरह का चिपचिपा गम है जो गुग्गुल के पेड़ से प्राप्त किया जाता है। ये वृक्ष के पुराने होने पर उसके तने से तरल पदार्थ की तरह बहता रहता है। ये पौधा अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। कई हर्बल दवाइयों में दूसरी जड़ी बूटियों के साथ मिलाकर इसका उपयोग किया जाता है। गुग्गिल का पेड़ सिर्फ वर्षा ऋतु यानि बारिश के मौसम में ही वृद्धि करता है और इसी समय इसके पेड़ पर पत्ते आते हैं। बाकि, सर्दी और गर्मी के मौसम में इस पेड़ का विकास रूक जाता है। सामान्य तौर पर गुग्गुल का पेड 3 से 4 मीटर तक लंबा होता है। इसके तने से सफेद रंग का दूध निकलता है जो स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभकारी होता है। प्राकृतिक रूप से गुग्गुल भारत के कर्नाटक, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में अधिक पाया जाता है। गुग्गुल गम आमतौर पर हाई कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने और मोटापे को दूर करने के लिए लाभकारी होता है। गुग्गुल के फायदे इस आर्टिकल में दिए जा रहें हैं।
गुग्गुल का उपयोग किसलिए किया जाता है?
गुग्गुल के फायदे: हाई कोलेस्ट्रॉल कम करेः
भारत में हाई कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए गुग्गुल का मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है। साल 2009 में किए गए अध्ययन में इसकी पुष्टि भी की गई है। इस अध्ययन में मिडियम हाई कोलेस्ट्रॉल के 43 वयस्कों को शामिल किया था। अध्ययन के दौरान उन्हें गुग्गुल के कैप्सूल दिए गए, जिसमें पाया गया कि अन्य दवाओं के मुकाबले गुग्गुल उनके कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में ज्यादा कारगर है। गुग्गुल के फायदे बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कम करने में किया जाता है।
गुग्गुल के फायदे: वजन कम करेः
हालांकि, अभी तक इस तथ्य की पुष्टि नहीं हुई है कि गुग्गुल मेटाबॉल्जिम को बढ़ावा देता है या फैट बर्न करने का काम करता है, लेकिन यह मोटापा कम करने में लाभकारी हो सकता है। साल 2008 में, जॉर्जिया विश्वविद्यालय में किए गए अध्ययन के मुताबिक, गुग्गुलस्टेरोन कुछ प्रकार की फैट सेल्स में लिपोलिसिस (Lipolysis) (फैट सेल्स का टूटना) और एपोप्टोसिस (Apoptosis) को ट्रिगर करने में सक्षम पाया गया। वहीं, साल 2017 में भारत में किए गए एक शोध के मुताबिक, फैट मेटाबॉल्जिम के नियंत्रित करने वाले हार्मोन एडिपोनेक्टिन (Adiponectin) पर गुग्गुलस्टेरोन का कोई प्रभाव नहीं होता है।
इसके अलावा गुग्गुल के फायदे निम्न स्थितियों के उपयोग के लिए भी गुग्गुल का उपयोग करना लाभकारी होता हैः
- डिटॉक्सिफिकेशन और रेजुवेनेशन को बढ़ावा देना में गुग्गुल के फायदे होते हैं।
- खून को साफ करने में भी गुग्गुल के फायदे देखे जाते हैं।
- गुग्गुल के फायदे मेंस्ट्रुअल साइकिल को रेगुलेट करना।
- इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग करने में भी गुग्गुल के फायदे होते हैं।
- स्किन डिजीज को कंट्रोल करने में भी गुग्गुल के फायदे होते हैं।
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कैसे काम करता है गुग्गुल?
यह हर्बल सप्लिमेंट कैसे काम करता है, इस बारे में ज्यादा स्टडीज नहीं किए गए हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें। हालांकी कुछ स्टडीज के मुताबिक
- 2009 में 43 एडल्टस पर एक एक्सपेरिमेंट किया गया जिसमें पाया गया कि जो लोग कैप्सूल के फॉर्म में 2160 मिलीग्राम गुग्गुल लेते हैं उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल, प्लेसिबो दवाई लेने वाले लोगों की तुलना में काफी हद तक कम हुए।
- 2007 में ह्यूमन सेल्स पर हुई स्टडीज के मुताबिक गुग्गुलस्टेरोन (गुग्गुल में पाया जाने वाला एक कंपाउड) प्रोस्टेट कैंसर के सेल्स को कम करता है।
- हेल्दी स्किन, जोड़ों में फ्रीली मूवमेंट, सूजन में कमी, और टिश्यूज के डिटॉक्सिफिकेशन को बढ़ावा देने के लिए शरीर के बाहरी हिस्से पर गुग्गुल का पेस्ट लगाया जा सकता है। इसको गार्गल के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दांत और मसूड़ों को हेल्दी रखता है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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उपयोग
कितना सुरक्षित है गुग्गुल का उपयोग?
- अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट या हर्बलिस्ट से सलाह लें, यदि:
आप प्रेग्नेंट हैं या ब्रेस्ट फीडिंग करा रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान गर्भवती मां की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है, ऐसे में किसी भी तरह की दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए।
- आप पहले से ही दूसरी दवाइयां ले रहे हैं या बिना डॉक्टर के प्रिसक्रीप्शन वाली दवाइयां ले रहे हैं।
- आपको किसी दवाओं या फिर हर्ब्स से एलर्जी है।
- आपको कोई दूसरी तरह की बीमारी, डिसऑर्डर या मेडिकल कंडीशन है।
- गुग्गुल खून का जमना धीमा कर सकता है इसलिए इस डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों में इसका इस्तेमाल रिस्की हो सकता है।
- हॉर्मोन सेंसेटिव कंडीशन जैसे कि ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर या एंडोमेट्रियोसिस: गुग्गुल शरीर में एस्ट्रोजन की तरह काम कर सकता है। यदि आपकी कोई ऐसी कंडीशन है जो एस्ट्रोजेन के कॉन्टैक्ट में आने से खराब हो सकती है, तो गुग्गुल का इस्तेमाल न करें।
- यदि आपको थायरॉयड है, तो अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर की निगरानी के बिना गुग्गुल का इस्तेमाल न करें।
- आपको किसी तरह की एलर्जी है, जैसे किसी खास तरह के खाने से, डाय से , प्रिजर्वेटिव या फिर जानवर से तो भी इसे एवॉइड करें।
दवाइयों की तुलना में हर्ब्स लेने के लिए नियम ज्यादा सख्त नहीं हैं। बहरहाल यह कितना सुरक्षित है इस बात की जानकारी के लिए अभी और भी रिसर्च की जरूरत है। इस हर्ब को इस्तेमाल करने से पहले इसके रिस्क और फायदे को अच्छी तरह से समझ लें। हो सके तो अपने हर्बल स्पेशलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसे यूज करें।
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साइड इफेक्ट्स
गुग्गुल से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
गुग्गुल के फायदे के साथ-साथ इसके साइड इफेक्ट्स निम्नलिखित हो सकते हैं:
- पेट खराब
- सिर दर्द
- उल्टी
- लूज स्टूल
- डायरिया
- डकार
- हिचकी
- एलेरजिक रिएक्शंस (जैसे दाने और खुजली)
- स्किन रैश और इचिंग (यह एलर्जी से रिलेटेड नहीं है)
जरूरी नहीं कि हर कोई इन साइड इफेक्ट्स को महसूस करें। ऊपर बताए गए लिस्ट में हो सकता है कुछ साइड इफेक्ट्स शामिल नहीं भी हो सकते हैं। यदि आपको साइड इफेक्ट्स को लेकर थोड़ी भी चिंता है, तो बेहतर होगा अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
डोसेज
गुग्गुल को लेने की सही खुराक क्या है ?
- कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए: 75 से 150 Mg गुग्गुल स्टेरोन रोजाना।
- एंटी इन्फ्लेमेटरी: 500 Mg गम गुग्गुल रोजाना 3 बार।
- सिवियर (नोडुलोसिस्टिक) मुंहासों के लिए: गुग्गुल की दो बार दैनिक खुराक जिसमें गुग्गुलोस्टेरोन नामक सक्रिय तत्व 25 Mg तक होता है।
- गुग्गुल पाउडर: 1/4 1/2 टीस्पून, रोजाना एक या दो बार।
- गुग्गुल टैबलेट:1-2 गोलियां, रोजाना एक या दो बार ।
इस हर्बल सप्लिमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। कृपया अपने उचित खुराक के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है?
- कैप्सूल
- चूर्ण
- गोलियां
- पेस्ट
अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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