के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar
लेमन बाम पुदीने की प्रजाती का पौधा है। देखने में ये पुदीने की तरह ही दिखता है। कई लोग इसे नींबू बाम भी कहते हैं। इसका वैज्ञानिका नाम मेलीसा ऑफिसिनालिस है। इस पौधे में से लेमन की खुशबू आती है और ये बहुत ही गुणकारी होता है। कॉपर, मैंगनीज और जिंक जैसे कई महत्वपूर्ण मिनलरल्स से भरपूर लेमन बाम का इस्तेमाल कई मल्टी हर्ब दवाइयों में किया जाता है। कई जगह पर इसे खाने में फ्लेवर के तौर पर प्रयोग किया जाता है। चाय बनाने से लेकर चिकन और मछली को मेरीनेट करने के लिए लेमन बाम काम आता है। इसमें टैनिन, सिट्रोनेलल, फ्लेवेनॉइड, यूजोनॉस जैसे कई एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।
-लेमन बाम का इस्तेमाल पेट से संबंधित रोग जैसे पेट खराब, पेट का फूलना, आंतों में गैस, उल्टी और पेट दर्द के लिए किया जाता है। इम्यून सिस्टम को मजबूत के साथ ये पीरियड्स में होने वाले दर्द, सिर दर्द, दांतों में दर्द में भी आराम पहुंचाता है। न्यूरो डिजेनरेटिव बीमारियों को कम करने में भी ये मददगार है। कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य, ब्लड शुगर के स्तर को मेंटेन करने के साथ सर्दी और खांसी का इलाज करने के लिए भी ये जाना जाता है।
-लेमन बाम मसल्स के दर्द को कम करता है। इसमें इयूजिनोल नामक एक तत्व पाया जाता है जो दर्द को कम करने में मदद करता है। लेमन बाम में एंटी-स्पाज्मोडिक प्रोपर्टीज होती हैं, जो मसल्स की ऐंठन और दर्द को दूर करने मे कारगर हैं।
इन बीमारियों को भी करें दूर
-घावों
-ट्यूमर
-थायराइड
बहुत सारे लोगों को लगता है लेमन बाम में रिलैक्सिंग प्रॉपर्टीज होती हैं जिस वजह से वे इसे स्ट्रेस, अनिद्रा और बेचैनी के लिए लेते हैं। अरोमाथेरेपी में भी लेमन बाम का इस्तेमाल किया जाता है। यह तनाव को कम करने के साथ मन को शांती प्रदान करने के लिए अच्छा माना जाता है।
लेमन बाम में कुछ ऐसे रसायन होते हैं जो दर्दनाशक होते हैं। इसमें जीवाणुरोधी गुण भी हैं जो शरीर में बैक्टीरिया से स्वाभाविक रूप से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा लेमन बाम में रिलैक्सिंग प्रॉपर्टीज होती हैं, जो तनान को दूर कर मन को शांत करती हैं।
अनिद्रा और स्ट्रेस :
एक स्टडी के अनुसार जिन लोगों को नींद न आने की परेशानी थी, उनमें से 81% लोगों को वेलिरीयन और लेमन बाम का हर्बल कॉम्बीनेशन दिए जाने के बाद 81% लोगों में सुधार देखने को मिला।
हर्पीज :
116 लोगों पर की गई एक स्टडी में देखा गया जिन लोगों ने अपने होठों पर लेमन बाम लगाया उनमें दो दिन में ही इसका असर साफ नजर आया। उनके होठों से सूजन और लालिमा पहले से कम देखने को मिली। इसके अलवा जर्मन हॉस्पीटल और एक डर्मेटोलॉजी क्लिनिक द्वारा किए गए शोध में सामने आया कि लेमन बाम जननांग और मौखिक दाद दोनों को कम करता है।
इम्यूनिटी पवार:
लेमन बाम इम्यून पावर को मजबूत बनाने में मददगार होता है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी-पैरासिटिक जैसे कई लाभकारी तत्व मौजूद होते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार लेमन बाम बैक्टीरिया की वजह से होने वाली बीमारियों से बचाने में सक्षम है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण कीटाणुओं को भी पैदा नहीं होने देता है।
वजन:
अगर आप वजन कम करना चाहते हैं लेकिन, आपका वजन कम नहीं हो रहा है तो लेमन बाम टी वजन कम करने में सहायक हो सकता है।दरअसल लेमन बाम टी में फ्लेवोनोइड होता है, जिससे वजन कम हो सकता है। वैसे बेहतर होगा की आपको इसका सेवन कैसे करना लाभकारी हो सकता है? इसकी जानकारी डॉक्टर से लें।
हेल्दी स्किन:
लेमन बाम स्किन को सॉफ्ट रखता है। रिसर्च के अनुसार सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों से होने वाले नुकसान से बचाने में सहायक है। दरअसल इसमें मौजूद रोजमारिनिक एसिड, साल्विनोलिक एसिड, कैफीक एसिड और ल्यूटोलिन ग्लुकोरोनाइड त्वचा के लिए लाभकारी होता है।
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बच्चों में कोल्ड सोर के इलाज के लिए लेमन बाम का इस्तेमाल बहुत आम है लेकिन, इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
लेमन बाम से नींद और सुस्ती आती है। ऐसे में सीडेटिव दवाइयों के साथ इसका सेवन और ज्यादा नींद का कारण बन सकता है। इसलिए सीडेटिव दवाइयों जैसे क्लोनाजेपम (clonazepam), लोरजेपम (lorazepam), फेनोबार्बिटल (phenobarbital), जोलपिडेम (zolpidem) के साथ लेमन बाम का सेवन न करें।
अल्कोहल का सेवन कर रहे हैं तो भी लेमन बाम से दूरी बना कर रखें। अल्कोहल और लेमन बाम को साथ में लेने से बहुत ज्यादा नींद आती है।
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ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी में ये साइड इफेक्ट्स देखने को मिले। अगर आपको कोई और साइड इफेक्ट्स महसूस हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
आमतौर पर एक व्यक्ति को रोजाना तीन बार 300 से 500 मिलीग्राम लेमन बाम की कैप्सूल ले सकता है। अगर कोई इसे चाय में ले रहा है तो दिनभर में चार बार से ज्यादा चाय न लें। चाय में 1/4 टेबल स्पून से ज्यादा लेमन बाम न लें। स्किन पर लगाने वाले लोग इसे प्रभावित जगह पर दिन में तीन से ज्यादा बार न लगाएं।े
डेमेंटिया के इलाज के लिए एक लोशन जिसमें 10% लेमन बाम हो इससे आप चार हफ्ते तक दिन में एक से दो बार अपने हाथों पर मसाज कर सकते हैं। एरोमाथेरेपी में डेमेंटिया का ये ही इलाज है।
लेमन बाम की कुछ बूंदे अपने नॉर्मल ऑयल में मिलाएं और इससे अपने पूरे शरीर की मसाज करें। ऐसा करने से आप सारी टेंशन भूलकर तरोताजा और रिलैक्सिंग महसूस करेंगे।
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-सूखी पत्तियां
-चाय, कैप्सूल, अर्क, टिंचर, और तेल
-क्रीम
डिस्क्लेमर
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