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Peach: आड़ू क्या है?

Peach: आड़ू क्या है?

परिचय

आड़ू (Peach) क्या है ?

आड़ू को पारसी सेब भी कहा जाता है। ये एक स्वादिष्ट लोकप्रिय फल है। सबसे पहले इसकी खेती चीन में की गई थी। लेकिन आज इसे दुनियाभर में उगाया जाता है। भारत में इसकी खेती कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल में की जाती है। औषधिय गुणों से समृद्ध आड़ू एक रसीला फल है। बाहर से ये पीले रंद का होता है और इसके अंदर कठोर बीज होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, मिनरल और फाइबर पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं। इसमें मौजूद न्यूट्रिएंट्स शरीर के जख्मों को भरने से लेकर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसका प्रयोग जैम, जेली और चटनी बनाने के लिए भी किया जाता है।

आड़ू (Peach) का उपयोग किस लिए किया जाता है?

आड़ू (Peach)

आड़ू यानि पीच में मौजूद पौष्टिक तत्व सेहत के लिए लाभकारी माने जाते हैं। इसलिए कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए या उनसे बचने के लिए आडू का सेवन लाभकारी माना जाता है, जो इस प्रकार हैं:

 एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर:

आड़ू कई विटामिन, मिनरल और अन्य गुणकारी पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-ई, पोटैशियम, मैंगनीज, नियासिन और फॉस्फोरस शामिल होते हैं, जो हमें कई बीमारियों से दूर रखने में मदद करते हैं। ये जितना फ्रेश और पका हुआ होता है, उतने ही ज्यादा इसमें एंटीऑक्सिडेंट शामिल होते हैं। एक शोध के अनुसार, स्वस्थ पुरुषों को जब ताजे आड़ू से निकाला जूस दिया गया तो आधे घंटे के अंदर एंटीऑक्सिडेंट क्रियाओं को काम करते देखा गया। 

इम्यून सिस्टम को बनाए मजबूत:

आड़ू में अच्छी मात्रा में विटामिन-सी होता है, जो एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम करता है। ये हमारे इम्यून सिस्टम (Immune system) को मजबूत बनाने का काम करता है। पीच के फूल भी डायजेशन के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। चाइनीज दवाइयों में इनका इस्तेमाल डायजेस्टिव डिसऑर्डर के लिए किया जाता है। जानवरों पर किए गए एक शोध के अनुसार, पीच के फूलों में कुछ कंपाउंड ऐसे होते हैं जो पेट की जिद्दी चर्बी को कम करने के साथ कब्ज की परेशानी दूर करने में मदद करती है।

किडनी के लिए लाभदायक:

आड़ू में पाए जाने वाला पोटैशियम हमारी किडनी के स्वास्थ के लिए अच्छा होता है। यह यूरिनरी ब्लैडर के लिए एक क्लींजिंग एजेंट की तरह काम करता है। इससे किडनी संबंधित (Kidney disease) परेशानियां कोसों दूर रहती हैं। 

दिल को बनाए स्वस्थ:

आड़ू से दिल संबंधित बीमारियां जैसे कोरोनरी ह्दय रोग और स्ट्रोक होने की संभावना कम होती है। इसमें पोटैशियम, आयरन और फ्लोराइड जैसे जरूरी खनिज होते हैं, जो ह्दय गति (Heart rate) और ब्लड प्रेशर (Blood pressure) को नियंत्रित रखते हैं। 

आंखों के लिए वरदान:

आड़ू आंखों को स्वस्थ रखने के साथ उनकी विजन पॉवर को बढ़ाने का काम करता है। इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी और कैरोटीनॉयड्स पाए जाते हैं, जो ग्लॉकोमा को पास भी नहीं भटकने देते। इसके अलावा विटामिन-ए रेटिना को स्वस्थ रखने में बहुत मदद करता है।

कैंसर से बचाव:

आड़ू में एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं, जो कैंसर से तो बचाते ही हैं साथ ही कुछ अध्ययनों में इस बात की पुष्टि हुई है कि ये कीमोथेरिपी के साइड इफेक्ट से बचने की क्षमता को भी बढ़ाते हैं।

वजन को करे कम:

आड़ू में भरपूर मात्रा में न्यूट्रिएंट्स के अलावा 80% पानी पाया जाता है। इसमें कैलोरी की मात्रा बेहद कम होती है। ये वजन को कम करने में मददगार है।

दांतों और हड्डियों को बनाए मजबूत:

आड़ू में फॉस्फोरस के साथ कैल्शियम भी होता है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है। इसके अलावा ये शरीर में मौजूद टिश्यू को मेंटेन और रिपेयर करता है। 

तनाव और डिप्रेशन की परेशानी होती है दूर:

नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के आड़ू में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट तनाव कम करने के साथ-साथ मेंटल हेल्थ को स्ट्रॉन्ग बनाने का काम करता है। इसलिए संतुलित मात्रा में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है।

बुढ़ापे को रखे दूर:

आड़ू का सेवन करने से बढ़ती उम्र में होने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता है। एक रिसर्च के अनुसार आड़ू में मौजूद फ्लेवोनोयड्स एंटी एजिंग की तरह काम करते हैं।

स्किन का रखे ख्यान:

आड़ू यानि पीच त्वचा के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। दरअसल आड़ू में मौजूद एंटी माइक्रोबियल और एंटी बैक्टीरियल गुण स्किन इंफेक्शन से बचाने में मदद करते हैं। आईजेपीएसआरआर (International Journal of Pharmaceutical Sciences Review and Research) के रिसर्च अनुसार पीच स्किन कैंसर (Skin cancer) के खतरे को भी कम करने में सहायक होता है। वहीं सूर्य की किरणों से होने वाली स्किन डैमेज की परेशानी को भी कम किया जा सकता है।

कोलेस्ट्रॉल रहे बैलेंस:

अगर आपको हाय ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो एक पीच का सेवन रोजाना करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल को बैलेंस रखने में मदद मिलती है। दरअसल इसमें मौजूद फाइबर एलडीएल (लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन) को कम करने में सक्षम होता है।

ब्रेन को बनायें हेल्दी:

पीच ब्रेन के लिए भी बेहद लाभकारी फलों में से एक है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार आड़ू के नियमित सेवन से साइटोटॉक्सिसिटी लाभकारी माना जाता है, जो सेल्स को डैमेज होने से बचाता है। रिसर्च में यह भी बताया गया है कि आड़ू के सेवन से सेरेब्रल कॉर्टेक्स की तकलीफ से बचा जा सकता है। जैसे जिन लोगों को सुनने, बोलने, समझने, सूंघने या सोचने की क्षमता कम होती है, तो इस परेशानी को पीच के सेवन से दूर किया जा सकता है।

बॉडी से टॉक्सिनदूर करने का गुण है पीच में:

शरीर से विषैले पदार्थ को बहार निकालने के लिए आड़ू फायदेमंद माना जाता है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के रिसर्च के मुताबिक आड़ू में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट प्रभावी होता है, जो बॉडी को डिटॉक्सीफाई करने में मददगार होता है।

प्रेग्नेंसी में खाएं आड़ू:

प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिलाओं को अपने रेग्यूलर डायट में आड़ू को शामिल करना चाहिए। दरअसल इसमें मौजूद फाइबर प्रेग्नेंसी के दौरान डायजेशन को बेहतर बनाये रखने में लाभकारी माना जाता है। यही नहीं इसके सेवन से प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले डायबिटीज (जेस्टेशनल डायबिटीज) की संभावना से बचा जा सकता है।

इम्यून सिस्टम होगा स्ट्रॉन्ग:

आड़ू के सेवन से बॉडी के इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद मिलती है, जिससे आप बार-बार बीमार नहीं पड़ सकते हैं या किसी बीमारी से पीड़ित हैं, तो उस बीमारी से लड़ने में सहायता मिलती है। दरअसल ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इसमें विटामिन-सी की मौजूदगी इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाने में सहायक होती है।

बालों को बनायें आड़ू से स्वस्थ्य:

बालों को घना और मजबूत बनाने का राज छिपा है पीच में। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के रिपोर्ट के अनुसार पीच में विटामिन ए, राइबोफ्लेविन विटामिन सी, नियासिन और आयरन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो बालों को हेल्दी रखने में सहायक होते हैं। यही नहीं बालों से जुड़ी हर परेशानी को पीच के रेग्यूलर सेवन से दूर किया जा सकता है।

एलर्जी की परेशानी भी होगी दूर:

अगर आपको एलर्जी की समस्या है, तो आपकी इस परेशानी को भी दूर करने आड़ू सहायक होता है, क्योंकि यह इंफ्लेमेटरी एलर्जिक रिएक्शन को कम करने में मददगार होता है।

आड़ू के ये अलग-अलग फायदे ही इसे जड़ी बूटियों के लिस्ट में शामिल करता है, लेकिन अगर आपको इसके सेवन से कोई परेशानी महसूस होती है, तो इसका सेवन न करें और डॉक्टर से संपर्क करें।

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 कैसे काम करता है आड़ू (Peach)?

यूएसडीए डेटा के अनुसार, आड़ू में बहुत सारे न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो हमारी सेहत को बनाए रखने में मदद करते हैं। ये पोटैशियम, विटामिन-ए, बीटा-कैरोटीन और विटामिन्स का स्त्रोत है। इसके साथ ही इसमें विटामिन-ई, विटामिन-के, विटामिन-बी1, विटामिन-बी2, विटामिन-बी3, विटामिन-बी6 और फोलेट भी पाया जाता है। इसमें मिनिरल्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीजीयम, आयरन, फॉस्फोरस, जिंक और कॉपर भी शामिल होते हैं। एक मीडियम साइज आड़ू में 59 कैलोरी और जीरो (0) कोलेस्ट्रॉल होता है।

यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ऐग्रिकल्चर में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, आड़ू में फिनोलिक और कैरोटिनॉइड (carotenoid) जैसे तत्व होते हैं, जो कैंसर से बचाव में मदद करते हैं।

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उपयोग

कितना सुरक्षित है आड़ू (Peach) का उपयोग ?

  • सीमित मात्रा में आड़ू का सेवन सेफ माना जाता है। इसका अधिक सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। पुरुषों मे इसको अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal cancer) होने की संभावना ज्यादा होती है। इसको जरूरत से ज्यादा खाने से पेट में ब्लोटिंग की परेशानी भी हो सकती है।
  • इसमें सैलिसिलेट (Salicylates) और एमिग्डालिन (Amygdalin) नामक कंपाउंड होते हैं, जो कुछ लोगों में एलर्जी की प्रतिक्रिया का कारण बन सकते हैं।
  • हाय शुगर वाले लोग इसका सेवन डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही करें।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान इसका सेवन फायदेमंद होता है, लेकिन डॉक्टर से परामर्श के बाद ही इसका सेवन करें। बहुत ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करना मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसमें अधिक मात्रा में फोलिक एसिड होता है, जिससे पेट में दर्द, डायरिया, स्किन रैशेज, उल्टी और पेट खराब जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
  • आड़ू के बीजों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इनमें साइनाइड होता है। जिन उत्पादों में इसके के बीज हो उन्हें लेने से पहले एक बार अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।

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साइड इफेक्ट्स

आड़ू (Peach) से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

आड़ू यानि पीच के सेवन से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जैसे:

  • मुंह, होठों और जीभ में लाली या सूजन आना
  • गले में सूजन
  • पेट में दर्द
  • सांस लेने में परेशानी
  • मतली
  • दस्त
  • चक्कर आना

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डोजेज

आड़ू (Peach) को लेने की सही खुराक क्या है ? 

इस हर्बल सप्लिमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।

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आयुर्वेदिक ब्यूटी रेमेडीज जानने के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें:

उपलब्ध

किन रूपों में उपलब्ध है?

आड़ू यानि पीच निम्नलिखित रूपों  में उपलब्ध है। जैसे:

  • पीच टिंचर
  • पीच इंफ्यूजन
  • पीच टी
  • पीच जूस
  • पीच एक फल के तौर पर
  • आड़ू के फूल, पत्तियां और छाल का भी कई बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

आड़ू यानी पीच का सेवन हर कोई कर सकता है। लेकिन अगर आप किसी शारीरिक परेशानियों को दूर करने के लिए इसका सेवन कर रहें हैं या करना चाहते हैं, तो एक्सपर्ट तो जरूर सलाह लें।

अगर आप आड़ू (Peach) या इसके सेवन से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Health Benefits of Peaches: A Delicious Summer Fruit/https://njaes.rutgers.edu/sshw/message/message.php?p=Health&m=301/Accessed on 31/12/2020

A Review on Pharmacological Activities of Prunus persica/https://globalresearchonline.net/journalcontents/v60-2/07.pdf/Accessed on 31/12/2020

Preliminary characterisation of peach cultivars for their antioxidant capacity/https://www.academia.edu/13957696/Preliminary_characterisation_of_peach_cultivars_for_their_antioxidant_capacity/Accessed on 31/12/2020

Effects of different products of peach (Prunus persica L. Batsch) from a variety developed in southern Brazil on oxidative stress and inflammatory parameters in vitro and ex vivo/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4186376/Accessed on 31/12/2020

Constipation – self-care/https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000120.htm/Accessed on 31/12/2020

Current Version

24/12/2021

Mona narang द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar

Updated by: Nikhil deore


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Dr. Shruthi Shridhar


Mona narang द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/12/2021

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