कोविड-19 के समय से आप लोगों ने एंटीबॉडीज का नाम सुना ही होगा। एंटीबॉडी या सीरोलॉजी टेस्ट (serology test) पुराने वायरल इंफेक्शन और इसके प्रति शरीर की इम्यून रेस्पॉन्स का पता लगाने के लिए किया जाता है। ये कई तरह के होते हैं, उनमें से ही एक है आईजीजी एंटीबॉडीज (IgG antibodies)। जो आपके ब्लड में इम्युनोग्लोबुलिन के लेवल को मापने के लिए एक इम्युनोग्लोबुलिन टेस्ट किया जाता है, जिसे एंटीबॉडी भी कहा जाता है। एंटीबॉडी बैक्टीरिया, वायरस (virus), फंगस, एनिमल डांडेर (animal dander), या कैंसर सेल्स के रेस्पॉन्स में बॉडी की इम्यून सिस्टम द्वारा बनाए गए सब्स्टांसेस हैं। एंटीबॉडी फॉरेन सब्स्टांसेस से अटैच हो जाते हैं इसलिए इम्यून सिस्टम उन्हें डिस्ट्रॉय कर सकती है। लेकिन, अगर इम्यून सिस्टम एंटीबॉडी के लो लेवल बनाती है, तो आपको बार-बार इंफेक्शन होने की अधिक संभावना हो सकती है। इस आर्टिकल के जरिए आपको आईजीजी एंटीबॉडीज के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी, जो आपके लिए बेनेफिशियल साबित होगी। इससे आप समझ सकते हैं कि आईजीजी एंटीबॉडीज के लो लेवल या हाई लेवल से आपका शरीर कैसे प्रभावित होता है ।
आईजीजी एंटीबॉडीज (IgG antibodies) क्या हैं?
आईजीजी एंटीबॉडीज (IgG antibodies) बॉडी फ्लूइड्स में पाए जाते हैं। वे बॉडी में सभी एंटीबॉडी के सबसे छोटे लेकिन सबसे आम एंटीबॉडी (75% से 80%) हैं। दरअसल, शरीर में पांच तरह की एंटीबॉडीज पाई जाती हैं। बैक्टीरिया और वायरल इन्फेक्शन से लड़ने में आईजीजी एंटीबॉडीज बहुत महत्वपूर्ण हैं। आईजीजी एंटीबॉडी ही एकमात्र प्रकार के
एंटीबॉडी हैं जो प्रेग्नेंट महिला में अपने बच्चे (भ्रूण) को प्रोटेक्ट करने में मदद करने के लिए प्लेसेंटा को क्रॉस कर सकते हैं।
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इम्युनोग्लोबुलिन टेस्ट (Immunoglobulin Test) क्या है?
इस टेस्ट के जरिए शरीर में मौजूद इम्युनोग्लोबुलिन नामक कुछ एंटीबॉडी की मात्रा की जांच की जाती है। एंटीबॉडीज प्रोटीन हैं जो आपकी इम्यून सेल्स बैक्टीरिया, वायरस और अन्य हानिकारक इन्वेडर्स से लड़ने के लिए बनाती हैं। इम्युनोग्लोबुलिन टेस्ट से पता चलता है कि आपके इम्यून सिस्टम में कोई समस्या है या नहीं। कुछ स्थितियों के कारण
शरीर बहुत अधिक या बहुत कम इम्युनोग्लोबुलिन बनाता है। ब्लड में बहुत कम इम्युनोग्लोबुलिन होने से इंफेक्शन होने की अधिक संभावना होती है। बहुत अधिक होने का मतलब यह हो सकता है कि आपको एलर्जी या ओवरएक्टिव इम्यून सिस्टम (over active immune system) है।
आईजीजी आपके ब्लड और शरीर के अन्य तरल पदार्थों में सबसे आम प्रकार का एंटीबॉडी है। ये एंटीबॉडी आपको इंफेक्शन से बचाते हैं, जिन जर्म्स के कॉन्टैक्ट में आप पहले आ चुके हैं। अगर वे जर्म्स वापस आ जाते हैं, तो आपका इम्यून सिस्टम उन पर हमला करना जनता है। आपका डॉक्टर आईजीजी के लिए यह पता लगाने के लिए टेस्ट कर सकता है कि क्या आप कुछ प्रकार के बैक्टीरिया या वायरस से संक्रमित हैं।
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आईजीजी एंटीबॉडीज के हाय लेवल (IgG antibodies high level) का क्या मतलब है?
आईजीजी के हाय लेवल का मतलब हो सकता है कि एचआईवी जैसे लॉन्ग-टर्म (क्रोनिक) इंफेक्शन मौजूद है। आईजीजी का स्तर आईजीजी मल्टीपल मायलोमा (IgG multiple myeloma), लॉन्ग-टर्म हेपेटाइटिस (long- term hepatitis) और मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस) में भी अधिक हो जाता है। मल्टीपल मायलोमा में, ट्यूमर
सेल्स (tumour cells) केवल एक प्रकार का आईजीजी एंटीबॉडी (मोनोक्लोनल) बनाती हैं; अन्य स्थितियां कई प्रकार के आईजीजी एंटीबॉडी (पॉलीक्लोनल) में ग्रोथ का कारण बनती हैं।
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आईजीजी एंटीबॉडीज के लो लेवल (IgG antibodies low level) का क्या मतलब है?
मैक्रोग्लोबुलिनमिया (macroglobulinemia) में आईजीजी एंटीबॉडीज का लो लेवल होता है। इस बीमारी में आईजीएम (IgM) एंटीबॉडी का हाई लेवल, आईजीजी (IgG) बनाने वाली सेल्स की वृद्धि को रोकता है। अन्य स्थितियां जो आईजीजी के लो लेवल का कारण बन सकती हैं उनमें कुछ प्रकार के ल्यूकेमिया (leukemia) और एक प्रकार का किडनी डैमेज/kidney damage (नेफ्रोटिक सिंड्रोम/nephrotic syndrome) शामिल है। दुर्लभ मामलोंमें कुछ लोग आईजीजी एंटीबॉडी की कमी के साथ पैदा होते हैं। इन लोगों में इंफेक्शन होने की संभावना अधिक होती है।
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आपको इस टेस्ट की आवश्यकता क्यों पड़ सकती है?
यदि आपको बहुत ज्यादा इंफेक्शन – विशेष रूप से साइनस, लंग्स, पेट, या इंटेस्टाइन इंफेक्शन (intestine infection) होते हैं, तो आपका डॉक्टर इम्युनोग्लोबुलिन टेस्ट कराने की सलाह दे सकता है। इसके साथ ही अगर आपको नीचे बताई गई कोई बीमारी है, तो भी डॉक्टर आपको यदि आपके पास है तो भी वे आपको इम्युनोग्लोबुलिन टेस्ट कराने की सलाह
दे सकते हैं:
- डायरिया जो ठीक नहीं हो रहा हो
- असामान्य रूप से वजन घटना
- बुखार जिसका कारण नहीं समझ आ रहा हो
- स्किन रैशेस
- एलर्जी
- ट्रैवलिंग के बाद बीमार पड़ना
- एचआईवी/एड्स या मल्टीपल मायलोमा (एक प्रकार का कैंसर), या कोई अन्य स्थिति जिसकी मॉनिटरिंग जरूरी है
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आईजीजी एंटीबॉडीज टेस्ट को इफेक्ट करने वाले फैक्टर्स क्या हैं?
आईजीजी एंटीबॉडीज टेस्ट के लिए डॉक्टर आपको कुछ स्थितियों में आपको टेस्ट कराने के लिए मना भी कर सकते है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो नीचे बताई गई चीजें अगर हैं तो यह टेस्ट प्रभावित हो सकता है जिसके चलते डॉक्टर आपको उस समय ये टेस्ट कराने के लिए मना कर सकते हैं। जैसे-
- कुछ दवाएं: सुनिश्चित करें कि आपका डॉक्टर आपके द्वारा ली जाने वाली सभी दवाओं के बारे में जानता हो। कुछ दवाएं जो टेस्ट के रिजल्ट्स को प्रभावित करती हैं, उनमें बर्थ कंट्रोल, हार्ट फेलियर, सीजर्स (seizures) और रूमेटॉइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) के लिए उपयोग की जाने वाली मेडिसिन्स शामिल हैं।
- कैंसर ट्रीटमेंट जैसे कीमोथेरेपी (chemotherapy) और रेडिएशन (radiation)
- पिछले 6 महीनों में हुआ ब्लड ट्रांसफ्यूजन (ब्लड transfusion)
- पिछले 6 महीनों में वैक्सीनेशन (टीकाकरण), विशेष रूप से रिपीट (बूस्टर) डोज के साथ।
- एल्कोहॉल या इल्लीगल ड्रग्स का उपयोग करना।
- पिछले 3 दिनों में अगर आपका कोई रेडियोएक्टिव स्कैन (radioactive scan) हुआ है।
आईजीजी एंटीबॉडीज टेस्ट को लेकर अक्सर लोगों के मन में कुछ सवाल आते हैं जैसे-
इम्युनोग्लोबुलिन एंटीबॉडीज टेस्ट (Immunoglobulin Antibodies Test) करने में कितना समय लगता है?ज्यादातर ब्लड टेस्ट में कुछ ही मिनट लगते हैं। हालांकि, कभी-कभी, नस ढूंढने में परेशानी हो सकती है, इसलिए हेल्थ प्रोफेशनल को थोड़ा-सा समय लग सकता है।
आईजीजी एंटीबॉडीज टेस्ट के बाद क्या होता है?
हेल्थ प्रोफेशनल सिरींज को हटाने के बाद उस साइट को कॉटन से कवर कर देगा। आपको माइल्ड ब्रूजिग (mildbruising) हो सकती है, जो कुछ देर में ठीक हो जाएगी।
रिजल्ट आने में कुछ दिन लग सकते हैं। यदि टेस्ट के रिजल्ट किसी तरह की समस्या के सिम्पटम्स दिखाते हैं, तो डॉक्टर यह पता लगाने के लिए अन्य टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं कि समस्या क्या है और इसका इलाज कैसे किया जाए।इम्युनोग्लोबुलिन टेस्ट एक सेफ प्रॉसेस है। ब्लड टेस्ट वाली साइट के आसपास हल्का दर्द होना सामान्य है जो कि खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है।यदि इम्युनोग्लोबुलिन परीक्षण के बारे में आपके कोई प्रश्न हैं, तो अपने डॉक्टर या हेल्थ प्रोफेशनल से बात करें।