भारत में हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन के अलग-अलग ब्रांड मौजूद हैं, जो इस प्रकार हैं-
- हाइब (Hibe) – 385 रूपए
- क्वॉड्रोवैक्स एसडी वैक्सीन (Quadrovax SD Vaccine) – 490 रूपए
- कोम्बीफाइव इंजेक्शन (Combefive Injection) – 640 रूपए
नोट: Hib वैक्सीन की ऊपर बताई कीमत एवं नाम सिर्फ आपकी जानकारी के लिए साझा की गई है। वैक्सीन के नाम एवं कीमत दोनों अलग-अलग हो सकते हैं।
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Hib वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स क्या हैं? (Side effects of Hib Vaccine)
हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन से कोई गंभीर समस्या नहीं होती है, लेकिन वैक्सीन लगने के बाद शिशु को निम्नलिखित शारीरिक हो सकती है। जैसे:
- वैक्सिनेशन के बाद बुखार (Fever) आना।
- इंजेक्शन लगने वाली जगह पर दर्द (Pain) होना, सूजन (Swelling) होना या लाल (Redness) पड़ना।
- अगर Hib वैक्सीन बड़ों को दी गई है, तो व्यक्ति में बेहोशी जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन (Haemophilus influenzae type b vaccine) के बाद ऊपर बताई गई परेशानी हो सकती है, लेकिन अगर Hib वैक्सिनेशन (Hib Vaccination) के बाद ज्यादा चक्कर आये, देखने में समस्या हो या फिर कानों में टिन-टिन की आवाज सुनाई दे, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से जल्द से जल्द कंसल्ट करना चाहिए।
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हिब टिका (Hib Vaccine) किसे नहीं लगवाना चाहिए?
हिब टिका 6 सप्ताह से कम उम्र के बच्चों को नहीं लगाई जाती है। इसके अलावा निम्नलिखित हेल्थ कंडिशन (Health Condition) होने पर भी हिब टिका (Hib Vaccine) नहीं लेना चाहिए। जैसे:
- हिब टिका लेने पर या पिछली वैक्सिनेशन के बाद गंभीर एलर्जी (Allergy) की समस्या होने पर नहीं दी जाती है।
- अगर वैक्सिनेशन डेट के दौरान कोई शारीरिक परेशानी होने पर डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही हिब टिका लगवाना चाहिए।
इन ऊपर बताये दो शारीरिक स्थितियों में हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन (Haemophilus influenzae type b vaccine) नहीं लगाई जा सकती है।
ये हैं हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी। अगर आप Hib वैक्सीन (Hib Vaccine) या हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (Haemophilus influenzae type b) से जुड़े किसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की पूरी कोशिश करेंगे। वहीं अगर आपके घर में शिशु का जन्म हुआ है या होने वाला है, तो शिशु के जन्म के बाद (After delivery) डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की गई दवाएं एवं वैक्सिनेशन डोज शिशु को समय-समय पर दें।
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