जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि अगर आपको कोई बीमारी है, तो उसका समय पर ट्रीटमेंट कराने के साथ ही जरूरी सावधानियों को भी अपनाना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो शरीर में दूसरी बीमारियां भी घर कर सकती हैं। अगर आपको अर्थराइटिस की समस्या (Problem of arthritis) है, तो आपको समय पर दवाओं का सेवन करने के साथ ही खानपान पर भी ध्यान देना चाहिए। आपको खाने में प्रोसेस्ड फूड के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि ये सूजन और दर्द को बढ़ाने का काम कर सकते हैं। ट्रांस फैट से दूरी बनाना आपके लिए बेहतर होगा।
हार्ट की समस्या से बचने के लिए खाने में ट्रांस फैट के सेवन को सीमित करने की जरूरत होती है। यानी अगर आपको अर्थराइटिस की समस्या (Problem of arthritis) है, तो आपको हार्ट संबंधी समस्या का भी खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में प्रोसेस्ड फूड्स के साथ ही शुगर और आर्टिफिशियल स्वीटनर भी आपके लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। आपको पेस्ट्री, चॉकलेट, कैंडी, सोडा, बाजार में मिलने वाले पैक्ड जूस आदि से दूरी बनानी चाहिए। आपको खाने में डेयरी प्रोडक्ट की मात्रा को भी सिमित करने की जरूरत है क्योंकि ये अर्थराइटिस के कारण पैदा हुई सूजन को बढ़ाने का काम करते हैं। अगर आप एल्कोहॉल का सेवन (Alcohol consumption) करते हैं, तो बेहतर होगा कि ये बंद कर दें। सूजन को बढ़ाने और हार्ट से संबंधी रिस्क को इंक्रीज करने में एल्कोहॉल अहम भूमिका निभाता है।
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अर्थराइटिस और हार्ट डिजीज में एक्सरसाइज होती है बहुत जरूरी!
आप चाहे बीमार हो या फिर पूरी तरह से स्वस्थ, एक्सरसाइज सभी के लिए जरूरी होती है। अगर आप एक्सरसाइज नहीं करते हैं, तो कईो बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपको अक्सर जोड़ों में दर्द की समस्या रहती है तो आपको डेली रूटीन में कुछ एक्सरसाइज को जरूर शामिल करना चाहिए। आप ज्वाइंट्स के आसपास की मसल्स को स्ट्रेंथ देने के लिए एक्सरसाइज कर सकते हैं। आप एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic exercise) की हेल्थ से ज्वाइंट्स के दर्द से राहत पाने के साथ ही कार्डियोवस्कुलर हेल्थ को भी बेहतर बना सकते हैं। ये वेट बढ़ने की समस्या को कम करने से लेकर एनर्जी को बनाएं रखने में अहम भूमिका निभाने का काम करता है। आप वॉक के साथ ही सायकलिंग, स्वीमिंग आदि कर सकते हैं। साथ ही आप योग, मेडिटेशन भी कर सकते हैं। ये बॉडी बैलेंस को बेहतर बनाने के साछ ही बॉडी पॉस्चर को भी बेहतर बनाता है। अगर आपको एक्सरसाइज के दौरान दर्द महसूस हो रहा हो, तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से इस बारे में जानकारी जरूर लें।