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Indian Long Pepper: पिप्पली क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/07/2020

Indian Long Pepper: पिप्पली क्या है?

परिचय

पिप्पली (Indian Long Pepper) क्या है?

पिप्पली को कई बार लंबी काली मिर्च के नाम से भी बुलाया जाता है। इसका साइंटिफिक नाम Piper longum है। यह पिपरेसा (Piperaceae) प्रजाति की फूलों की बेल है। इसके फल की खेती की जाती है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर मसाला या सूखे मसाले के तौर पर किया जाता है।

इसका स्वाद अपने परिवार के ही सदस्य काली मिर्च के जैसा ही होता है, लेकिन काली मिर्च के मुकाबले यह ज्यादा तीखा होता है। इसके परिवार के सदस्यों में सफेद मिर्च, गोल मिर्च और ग्रीन पैपर भी शामिल हैं। इसके अलावा, अलग-अलग समुदाय में इसका नाम भी अलग-अलग है।

इसमें ऍल्कलॉयड पाइपराइन होता है, जो इसे इसका तीखापन का स्वाद देता है। इसकी अन्य प्रजातियां जावा और इण्डोनेशिया में पाई जाती हैं। मसालों के अलावा इनका इस्तेमाल सुगन्धित तेल बनाने के लिए भी किया जाता है। शहद के साथ इसका सेवन करने से कफ, सांस से जुड़ी समस्याओं और बुखार का उपचार किया जा सकता है। वहीं, गुड़ के साथ इसका सेवन करने से पुराना बुखार और हृदय रोग जैसी समस्याओं का उपचार किया जा सकता है।

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उपयोग

पिप्पली (Indian Long Pepper) का इस्तेमाल किस लिए किया जाता है?

  • इस मिर्च का इस्तेमाल ऐपेटाइट को सुधारने और डाइजेशन ठीक करने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही यह पेट दर्द, सीने की जलन, अपच, आंत में गैस, डायरिया में इस्तेमाल की जाती है।
  • खांसी, दमा और ब्रोंकाइटिस को मिलाकर पिप्पली का इस्तेमाल फेफड़ों की समस्या में भी होता है।
  • इसके अन्य इस्तेमाल में सिर दर्द, दांत दर्द, विटामिन बी1 की कमी (बेरीबेरी), कोमा, मिरगी, बुखार, स्ट्रोक, अनिद्रा, लेप्रोसी, अत्यधिक थकावट, बढ़े हुए प्लीहा, मांसपेशियों का दर्द, नाक बहना, लकवा, सोराइसिस, आंत में कीड़े, सांप काटने, टिटनस, प्यास, टीबी और ट्यूमर शामिल हैं।
  • कुछ महिलाएं इस मिर्च का इस्तेमाल डिलिवरी और शिशु के जन्म के बाद तीन से छह हफ्तों के दौरान करती हैं, उस वक्त यूट्रस अपने सामान्य आकार में पहुंच रहा होता है। इसके अलावा, महिलाएं पिप्पली का इस्तेमाल मासिक धर्म की ऐंठन, इनफर्टिलिटी और सेक्स में खत्म होती रुचि को जगाने के लिए भी करती हैं।
  • इसका और वच चूर्ण को बराबर मात्रा में लेकर नियमित रूप से दो बार दूध या गर्म पानी के साथ सेवन करना चाहिए। इससे माइग्रेन की समस्या से राहत मिल सकती है।
  • सेंधानमक, हल्दी और सरसों के तेल में इसका पाउडर मिलाकर दांत पर लगाने से दांत का दर्द दूर होता है।
  • सौंठ के पाउडर के साथ इसका सेवन करने से जुकाम की समस्या से राहत मिलती है।
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    यह कैसे कार्य करती है?

    इसके कार्य करने के संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें। हालांकि, यह माना जाता है कि इस मिर्च में पाइपेरिन (Piperine) नामक केमिकल होता है। पाइपेरिन कुछ परजीवियों से लड़ता है, जो लोगों को संक्रमित करते हैं। यह आंत की लाइनिंग को भी बदल देती है। इस बदलाव से मौखिक रूप से ली जाने वाली दवाइयों के पदार्थ बेहतर तरीके से बॉडी में सोख लिए जाते हैं।

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    सावधानियां और चेतावनी

    पिप्पली (Indian Long Pepper) का इस्तेमाल करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?

    निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:

    • यदि आप प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं। दोनों ही स्थितियों में सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही दवा खानी चाहिए।
    • यदि आप अन्य दवाइयां ले रही हैं। इसमें डॉक्टर की लिखी हुई और गैर लिखी हुई दवाइयां शामिल हैं, जो मार्केट में बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के खरीद के लिए उपलब्ध है।
    • यदि आपको पिप्पली के किसी पदार्थ या अन्य दवा या औषधि से एलर्जी है।
    • यदि आपको कोई बीमारी, डिसऑर्डर या कोई अन्य मेडिकल कंडिशन है।
    • यदि आपको फूड, डाई, प्रिजर्वेटिव्स या जानवरों से अन्य प्रकार की एलर्जी है।

    अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नहीं हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। पिप्पली का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।

    पिप्पली (Indian Long Pepper) कितनी सुरक्षित है?

    औषधि के तौर पर पिप्पली का इस्तेमाल कितना सुरक्षित है, इस संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है।

    विशेष सावधानियां और चेतावनी

    प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग: दोनों ही परिस्थितियों में पिप्पली कितनी सुरक्षित है, इस संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है।

    साइड इफेक्ट्स

    पिप्पली (Indian Long Pepper) से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

    यदि आप इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंतित हैं तो अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर सलाह अवश्य लें।

    रिएक्शन

    पिप्पली (Indian Long Pepper) से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

    यह आपकी मौजूदा दवाइयों के साथ रिएक्शन कर सकता है या दवा का कार्य करने का तरीका परिवर्तित हो सकता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से संपर्क करें।

    निम्नलिखित दवाइयां पिप्पली के साथ रिएक्शन कर सकती हैं:

    फेनटोइन (Phenytoin): पिप्पली बॉडी में फेनटोइन (डिलान्टिन) (Dilantin) की बॉडी में सोखने की मात्रा को बढ़ा सकती है। ऐसे में इन दोनों का एक साथ इस्तेमाल करने से डिलान्टिन का प्रभाव बढ़ जाएगा और इससे गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

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    प्रोप्रानोलोल (Propranolol): पिप्पली बॉडी में प्रोप्रानोलोल (Inderal) की बॉडी में सोखने की मात्रा को बढ़ा सकती है। प्रोप्रानोलोल के साथ पिप्पली का इस्तेमाल करने से इसका प्रभाव बढ़ जाएगा और साइड इफेक्ट्स की संभावना ज्यादा रहेगी।

    थिओफिलाइन (Theophylline): पिप्पली बॉडी में थिओफिलाइन की बॉडी में सोखने की मात्रा को बढ़ा सकती है। पिप्पली के साथ थिओफिलाइन का सेवन करने से इसका प्रभाव बढ़ जाएगा और साइड इफेक्ट्स की संभावना बढ़ जाएगी।

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    डोसेज

    उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। इसका इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।

    पिप्पली (Indian Long Pepper) की सामान्य डोज क्या है?

    हर मरीज के मामले में पिप्पली की डोज अलग हो सकता है। जो डोज आप ले रहे हैं वो आपकी उम्र, हेल्थ और दूसरे अन्य कारकों पर निर्भर करता है। औषधियां हमेशा सुरक्षित नहीं होती हैं। पिप्पली के उपयुक्त डोज के लिए अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।

    पिप्पली (Indian Long Pepper) किन रूपों में आती है?

    पिप्पली निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध हो सकती है:

    • सूखी पिप्पली
    • पिप्पली के कैप्सूल

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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