परिचय
करौंदा (Karonda) क्या है?
करौंदा एक फल है, जिसको आयुर्वेद में कई रोगों का इलाज बताया गया है। इसका वानस्पातिक नाम कैरिसा कैरेंडस (Carissa carandus) है। करौंदे से सब्जी, अचार, चटनी और मुरब्बा बनाया जाता है।
यह एपोसाइनेसी (Apocynaceae) प्रजाति से आता है। कई लोग करौंदे और क्रैनबेरी में फरक नही कर पाते हैं। इसका स्वाद खट्टा होता है और इसमें आयरन और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
एनीमिया के मरीजों के लिए करौंदा बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह पित्त के अत्यधिक स्त्राव को रोक कर लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) के रूप में भी काम करता है।
दिल को स्वस्थ रखने से लेकर दस्त, सर्दी और खांसी से लड़ने के लिए इसे उपयोगी माना जाता है। यह खून को साफ करता है व रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
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करौंदा (Karonda) का उपयोग किस लिए किया जाता है?
- आयरन से भरपूर होने के कारण यह एनीमिया के मरीजों के लिए किसी वरदान से काम नहीं है।
- डायरिया होने पर करौंदा राहत प्रदान करता है।
- इसमें विटामिन-सी होता है जो टिशू के विकास और मरम्मत के लिए लाभदायक होता है। कई बार इसका इस्तेमाल स्कर्वी के इलाज के लिए भी किया जाता है।
- बुखार में इसका इस्तेमाल एंटीपायरेटिक यानि बुखार को कम करने वाली दवा के रूप में किया जाता है।
- इसके फल का सेवन करने से शरीर पर प्रजीविरोधी प्रभाव पड़ता है, जो पैरासिटिक कीड़ों को शरीर से बाहर निकालता है।
- यह शरीर के अंदर सूजन होने से रोक सकता है।
- इसमें दर्द निवारक गुण होते हैं जो किसी भी तरह के दर्द से राहत दिलाने का काम करते हैं।
- कब्ज से राहत पाने के लिए करौंदा खाने की सलाह दी जाती है।
- जख्मों को भरने के लिए इसकी पत्तियों और जड़ का पेस्ट बनाकर लगाया जाता है।
- करौंदा शुगर लेवल को कम कर डायबिटीज से बचाता है।
- यह पाचन तंत्र को मजबूत कर पेट से संबंधित परेशानियों को दूर रखता है। पेट दर्द में अक्सर इसे रिकमेंड किया जाता है।
- साइटो-टॉक्सिक विशेषताओं के कारण करौंदा कैंसर और ट्यूमर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकता है। यही कारण है कि इसे कैंसर और ट्यूमर के रोगियों के लिए लाभकारी माना जाता है।
- करौंदे में खून को साफ करने वाले गुण होते हैं।
- यह एंग्जायटी को दूर करने में मददगार है।
- अपच और पेट एवं पाचन से जुड़े विकारों को दूर करने में भी करौंदा कारगर होता है।
- शरीर के लिए यह एक कार्डियो टॉनिक (हृदय को शक्ति देने वाला) की तरह काम करता है। यह हृदय के कार्यों को नियंत्रित कर हृदय रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है।
- करौंदा कफ को दूर करता है।
- अंदरूनी ब्लीडिंग में इसे उपयोगी बताया गया है।
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कैसे काम करता है करौंदा (Karonda)?
करौंदे में उच्च मात्रा में आयरन और विटामिन-सी होता है। करौंदे में मौजूद पोषक तत्वों के कारण आयुर्वेद में कई दवाओं में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
इसकी जड़ को छाती में दर्द के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसकी पत्तियों के अर्क को बुखार में लेने की सलाह दी जाती है। 100 ग्राम करौंदे में मौजूद पोषक तत्व :
- कैलोरी : फ्रेश करौंदे में 42 और सूखे करौंदे में 364
- प्रोटीन : फ्रेश करौंदे में 1.1 ग्राम और सूखे करौंदे में 2.3 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट : फ्रेश करौंदे में 2.9 ग्राम और सूखे करौंदे में 67.1 ग्राम
- फैट : फ्रेश करौंदे में 2.9 ग्राम और सूखे करौंदे में 9.6 ग्राम
- मिनरल : फ्रेश करौंदे में – और सूखे करौंदे में 2.8 ग्राम
- कैल्शियम : फ्रेश करौंदे में 2.1 ग्राम और सूखे करौंदे में 160 ग्राम
- फासफोरस : फ्रेश करौंदे में 28 ग्राम और सूखे करौंदे में 60 ग्राम
- आयरन : 39 ग्राम
- विटामिन-सी : फ्रेश करौंदे में 200 से 500 ग्राम और सूखे करौंदे में 1 ग्राम
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सावधानियां और चेतावनी
कितना सुरक्षित है करौंदे (Karonda) का उपयोग?
करौंदे का सेवन निम्नलिखित परिस्थितियों में नहीं करना चाहिए :
- प्रेग्नेंट महिलाओं को इसका सेवन करने से बचना चाहिए। गर्भावस्था में किसी भी जड़ी बूटी को लेने से परहेज करना चाहिए।
यह बच्चे और मां दोनों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। यदि आप इसका सेवन कर रही हैं तो डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही करें।
- ब्रेस्टफीडिंग (स्तनपान) कराने वाली महिलाओं को भी पहले डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही करौंदे का सेवन करना चाहिए क्योंकि यह दूध के साथ मिलकर बच्चे तक पहुंच सकता है। बच्चे के लिए यह कितना सुरक्षित है इसकी जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श करें।
- जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल लो रहता है, वो इसका सेवन न करें। इसे खाने से शुगर का स्तर काफी गिर सकता है।
- यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से बात करें।
कभी भी किसी जड़ी बूटी का सेवन अपनी मर्जी से शुरू न करें। बेहतर होगा कि इसका सेवन आप डॉक्टर की देखरेख में ही करें।
इसकी अधिक खुराक के सेवन से भी बचना चाहिए। करौंदे का सेवन उतनी मात्रा में ही करें , जितना आपके डॉक्टर द्वारा निर्देशित किया गया हो।
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साइड इफेक्ट्स
करौंदे (Karonda) से क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
ज्यादातर लोगों के लिए करौंदे का सीमित मात्रा में सेवन करना सुरक्षित है। अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन करने से हाइपर-एसिडिटी की समस्या हो सकता है।
करौंदे के सेवन से होने वाले सभी साइड इफेक्ट यहां नहीं बताए गए हैं। यदि आपको इसकी खुराक लेने के बाद किसी तरह के साइड इफेक्ट्स नजर आते हैं, तो तुरंत इसका सेवन करना बंद कर दें और अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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डोसेज
करौंदे (Karonda) को लेने की सही खुराक क्या है?
डॉक्टर आपको एक औषधि के तौर पर करौंदे की जड़, फूल, फल आदि का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं। करौंदा आपको विभिन्न रूपों में मिल सकता है। हर किसी के लिए इसकी खुराक अलग हो सकती है।
आपकी स्वास्थ्य स्थिति, उम्र और लिंग के आधार पर डॉक्टर द्वारा इसकी मात्रा निर्धारित की जाती है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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उपलब्धता
किन रूपों में उपलब्ध है करौंदा (Karonda) ?
- करौंदे के फूल का पाउडर
- करौंदे का फल
- करौंदे की जड़ का पाउडर
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