परिचय
पिचर पौधा क्या है?
पिचर पौधा एक विचित्र, बारहमासी पौधा होता है जिसके पत्ते कप के आकार के होते हैं। इसके रंग-बिरंगे पत्तों में पानी भरा होता है और छोटे कीड़े भी पनपते हैं। यह कीड़े धीरे-धीरे एक क्षयकारी द्रव्यमान बनाते हैं, जो एक मजबूत गंध का उत्सर्जन करता है और एक उर्वरक के रूप में कार्य करता है। इस पौधे का इस्तेमाल दवाई बनाने के लिए किया जाता है। यह पेड़ शुष्क वातावरण में उगते हैं। ये पौधे दलदलों के गीले भाग में पाए जाते हैं। इसे ब्रह्मांड का सबसे रहस्यमयी पौधा भी कहा जाता है। ये पौधे कीड़ों को अपने अंदर बंद कर लेते हैं। उन्हीं से इन्हें पोषक तत्व प्राप्त होता है। इसकी कई प्रजातियां होती हैं जो सरकेनिया, नेपेंथेस और डार्लिंगटनिया नामों से पाए जाते हैं।दवाई बनाने के लिए इसकी जड़ों और पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है।
पिचर पौधा को मांसाहारी पौधे के तौर पर जाना जाता है। यह अपने विकास के लिए कीट-पतंगों पर निर्भर होते हैं। अपना आहार पाने के लिए ये एक तरह की तेज दुर्गंध का इस्तेमाल करते हैं, जिससे छोटे-मोटे कीड़े इन पौधे की तरफ आर्कर्षित हो जाते हैं।
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पिचर पौधा का उपयोग किसलिए किया जाता है?
पिचर पौधे को एक उत्तेजक टॉनिक, मूत्रवर्धक और रेचक माना जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल निम्न स्थितियों में भी किया जाता है, जिनमें शामिल हैंः
- यह क्लोरोसिस, गर्भाशय के सिकुड़न, अपच और अन्य गैस्ट्रिक कठिनाइयों के लिए सिरप के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
- इसका प्रयोग ज्यादातार गैस्ट्रिक समस्या की दवाई बनाने में होता है।
- इसकी जड़ें गुर्दे, आंतों, लिवर और सिरदर्द के लिए उपयोगी साबित हो सकती हैं।
- इस पौधे को चेचक का इलाज करने के लिए भी जाना जाता है। हालांकि, अभी भी इस दिशा में उचित शोध की आवश्यकता है।
- वहीं कुछ फिजीशियन इस बात से सहमत नहीं हैं कि यह चेचक का इलाज कर सकता है।
- निश्चित तौर पर यह पौधा गुणों से भरपूर होता है लेकिन किसी बीमारी के लिए इसका प्रयोग करने से पहले डॉक्टरों की सलाह जरूर लें।
दूसरे पौधों से क्यों अलग है पिचर प्लांट?
अन्य जड़ी-बूटियों के पौधे की ही तरही पिचर प्लांट की भी अलग-अलग कई श्रेणियां होती है। हालांकि, बड़े होने पर सभी प्रजातियों के फूल एक जैसी ही हो जाते हैं जिसका पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों के समूह साल 2017 में एक अध्ययन किया था। वैज्ञानिकों का यह अध्ययन नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन पत्रिका में प्रकाशित भी हुआ है।
अध्ययन की मुख्य बातें
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि इस पौधे का मांसाहारी होने के पीछे कुछ चुनिंदा मार्ग शामिल होते हैं। जो इसके सभी प्रजातियों के पौधे में एक जैसे ही होते हैं।
- इस अध्ययन में पिचर पौधा की तीन प्रकार की प्रजातियों पर शोध किया गया था। जिसमें पाया गया कि मांसाहारी बनने की प्रक्रिया इन तीनों की प्रजातियों में लगभग एक समान है। जिन तीन प्रजातियों पर प्रयोग किया गया वे थें– सेफालोटस (ऑस्ट्रेलियन पिचर प्लांट), नेपेनथीस अलाटा (एशियन पिचर प्लांट) और सेरासेनिया परपेरिया (अमेरिकन पिचर प्लांट)।
- सेफालोटस के संपूर्ण जीनोम पर किये जाने वाले प्रयोग में पाया गया कि तीनों प्रजातियों में एक समान आनुवांशिक विश्लेषण शामिल होते हैं। इन विश्लेषण में पाया गया कि यह सभी पौधे मांसाहारी बनने के लिए एक ही आनुवांशिक प्रोटीन का इस्तेमाल करते हैं जिससे वे अपने शिकार को आसानी से पचा पाते हैं। इन पौधों के पाचन एंजाइम खुद को विभिन्न बीमारियों और विषमताओं से बचाने के लिए खुद ही सुरक्षा भी प्रदान करते हैं। इन एंजाइम में चिटिनेस शिकार के शरीर से चीटिन एवं पर्पल एसिड अलग करते हैं।
- इसके अलााव चौथी मांसाहारी प्रजाति ड्रोसेरा एडील में भी इसी तरह के विकास मार्ग पाए गए हैं। हालांकि, यह पौधा पिचर प्लांट की प्रजाती से संबंधित नहीं है।
- पिचर प्लांट की एक विशेष प्रकार की पत्तियां होती हैं जिन्हें पिट्फॉल ट्रैप भी कहा जाता है। इस पत्तियों का इस्तेमाल यह पौधा अपने शिकार को फांसने के लिए करता है। जैसे ही कोई शिकार पौधे के अंदर जाता है वो एक डाइजेस्टिव लिक्विड से भर जाता है। और पौधे की पत्ती उसे ऊपर से ढक देती है।
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उपयोग
कितना सुरक्षित है पिचर पौधे का उपयोग?
- कुछ डॉक्टर पिचर पौधे से बनी दवाइयों का इस्तेमाल अलग-अलग बीमारियों का इलाज करने के लिए करते हैं।
- अगर आप इसे दवाई के तौर पर इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह के बिना मत इस्तेमाल करें।
- पिचर पौधे से बने टॉनिक, चार, सीरप आदि बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन जानकारी के बिना लेना खतरनाक हो सकता है।
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कैसे काम करता है पिचर पौधा?
पिचर पौधा के गुणों को कई शोधों में पाया गया है, जिनमें शामिल हैंः
- पिचर पौधे में टैनिन और अन्य रसायन होते हैं जिन्हें पाचन तंत्र की कुछ समस्याओं में मदद करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- वहीं कुछ स्टडी के अनुसार, पिचर पौधे का अर्क दर्द में नसों तक पहुंच राहत पहुंचाता है।
- इसके अलावा पीठ, गर्दन और शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द से राहत के लिए इसका प्रयोग करते हैं।
- यह एक हर्बल दवाई है। फिर भी इसके फायदे और नुकसान जानने के बाद ही इस्तेमाल किया जाए तो अच्छा है।
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साइड इफेक्ट्स
पिचर पौधे से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
पिचर पौधे के निम्न साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
एलर्जी की समस्या
पिचर पौधे को मांसाहारी पौधा कहा जाता है। निश्चित तौर पर यह एक शक्तिशाली दवा के तौर पर काम करता है। बिना सलाह के लेने से यह एलर्जी पैदा कर सकता है।
सांस से जुड़ी समस्या
इस पौधे के कारण सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
सूजन की समस्या
पिचर पौधा के साइड इफेक्ट के कारण चेहरे पर सूजन की समस्या हो सकती है।
मिसकेरिज का खतरा
पिचर पौधे से बनी दवाइयों को इंजेक्शन द्वारा शरीर में डाला जाता है। जिस जगह से यह इंजेक्ट किया गया है, वह भाग गर्म हो सकता है। अगर इसका इस्तेमाल गर्भवती महिला करे तो मिसकैरिज का जोखिम हो सकता है।
बच्चों के लिए असुरक्षित
इसके अलावा इसे बच्चों पर बिल्कुल भी इस्तेमाल ना करें। बच्चों के लिए काफी खतरनाक हो सकता है।
डोसेज
पिचर पौधे को लेने की सही खुराक क्या है?
- अगर आप पिचर पौधे से बनी दवाई का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप से दिन में 3 बार ले सकते हैं।
उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है पिचर पौधा?
- सीरप
- फूलों का अर्क
- कच्चा पिचर पौधा।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकली सलाह या उपचार की सिफारिश नहीं करता है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो कृपया इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
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