के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
खसखस एक औषधीय पौधा होता है, जिसके बीज का इस्तेमाल कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है। इसके बीज (Poppy Seeds) का इस्तेमाल आमतौर पर लोग अस्थमा, कब्ज, खांसी, संक्रमण के कारण होने वाले दस्त, नींद न आने और वेसिकोएनेटिक फिस्टुला नामक स्थिति का निदान करने के लिए करते हैं।
इसके बीज से केक, पेस्ट्री और दलिया बना कर उसका सेवन किया जाता है। इसके अलावा इसके बीजों से तेल भी बनाया जा सकता है। इसका इस्तेमाल साबुन बनानें के लिए भी किया जाता है।
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इसके बीज खसखस के पेड़ से मिलते हैं और यह सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं। इसके बीज का इस्तेमाल निम्नलिखित बीमारियों में किया जाता है –
यह बीज शरीर में कैसे काम करता है इस बारे में ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर या हर्बल विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं। हालांकि, कुछ शोध के अनुसार खसखस का बीज कैंसर को बढ़ने से रोकने में मदद करता है।
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खसखस के बीज का इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर या फार्मासिस्ट या फिर हर्बल विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए, यदि
इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरूरत है। इस हर्बल सप्लीमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी होता है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
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ज्यादातर वयस्क अगर खाद्य पदार्थों के रुप में मौजूद खसखस का सेवन करते हैं तो इसका इस्तेमाल करना सुरक्षित माना जाता है।
दवा के रूप में खसखस का बीज का इस्तेमाल करना भी संभवतः सुरक्षित होता है। किसी भी पेय पदार्थों या दही में 35 से 250 ग्राम खसखस का बीज मिलाकर पीना सुरक्षित होता है।
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इस पौधे के बीज का सेवन करने से कुछ लोगों में एलर्जी हो सकती है। इस पौधे के बीज के सेवन से होने वाले साइड इफेक्ट्स इस प्रकार हैं, उल्टी, मुंह के अंदर सूजन, हीव्स, आंखों में सूजन, कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis), सांस लेने में दिक्कत होना। खसखस के बीज को सूंघने से एलर्जी की समस्या जैसे त्वचा का लाल होना और त्वचा के अंदर सूजन होना संभावित है।
हालांकि, हर किसी को यह साइड इफेक्ट्स हों ऐसा जरूरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जो यहां नहीं बताए गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट्स महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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किसी भी तरह की हर्बल औषधि जरूरी नहीं की पूरी तरह से सुरक्षित हो क्योंकि वह आयुर्वेदिक या प्राकृतिक है। इस बीज के इस्तेमाल से आपकी बीमारी या आप जो वतर्मान में दवाइयां खा रहे हैं उनके ऊपर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सेवन से पहले डॉक्टर से इस विषय में परामर्श करें।
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यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प न मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
वैज्ञानिक शोध के आधार पर निम्नलिखित खुराक निर्धारित की गई है –
खाने के रुप में (Oral Route)
वेसिकोइंटेरिक फिस्टुला (vesicoenteric fistula) के डायग्नोसिस के लिए
ड्रिंक या दही के साथ 35 से 250 ग्राम खसखस का बीज मिलाकर पिएं। इसके 48 घंटे बाद यूरिन को मॉनिटर करें।
इस बीज की खुराक हर मरीज के लिए अलग होती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई चीजों पर निर्भर करती हैं। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से परामर्श करें।
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यह बीज निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है –
डिस्क्लेमर
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