के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
रामदाना जिसे राजगिरा भी कहते हैं, उपवास में खाया जाता है और यह हमारे देश में बहुत लोकप्रिय है। रामदाना के लड्डू, खीर और भी बहुत सी चीजें बनाई जाती है। यह आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर होता है। इसका बोटेनिकल नाम अमरांनथस क्रूएनटस (Amaranthus cruentus Linn) है। इसमें ढेर सारे पोषक तत्व होते है जिसकी वजह से यह कई बीमारियों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है। राजगिरा का आटा प्रोटीन और मिनरल्स का अच्छा स्रोत है, इसके कई तरह की डिश भी बनाई जाती है। हालांकि प्रोसेसिंग के बाद इस्तेमाल करने पर इसके मिनरल्स कम हो जाते हैं। रामदाना के पौधे को चौलाई भी कहा जाता है जिसके पत्ते की सब्जी बनाई जाती है।
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रामदाना (राजगिरा) सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
मिनरल्स, विटामिन्स, फोलेट, आयरन और सेलेनियम आदि पोषक तत्वों से भरपूर राजगिरा आपके बालों और त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह बालों को असमय सफेद होने से रोकता है जबकि पुरुषों में गंजेपन की समस्या को कम करने में कारगर है। आप रामदाना के पत्तों का रस या इसका तेल बालों पर लगा सकते हैं। इसी तरह नहाने से पहले इसका तेल त्वचा पर लगाने से न सिर्फ स्किन मॉइश्चराइज होती है, बल्कि यह क्लिंजर का भी काम करता है।
कैल्शियम और आयरन से भरपूर राजगिरा हड्डियों को मजबूत बनाता है और यह कैल्शियम की कमी को दूर करता है जिससे फ्रैक्चर जल्दी ठीक हो जाता है और आपकी मसल्स मजबूत बनती हैं। इंटरनैशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन के मुताबिक, रामदाना उन प्राचीन अनाजों में से एक है जो हड्डियों को स्वस्थ बनाता है। रामदाना को डायट में शामिल करके बॉडी की डेली कैल्शियम, जिंक, आयरन की जरूरत को पूरा किया जा सकता है
अगर आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना चाहते हैं, तो डायट में राजगिरा को जरूर शामिल करें। इसमें विटामिन सी जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं जिससे आपका शरीर किसी भी तरह के इंफेक्शन से लड़ने के लिए तैयार हो जाता है और किसी भी तरह का घाव जल्दी ठीक होता है। यह कोलेजन के प्रोडक्शन में भी मदद करता है। राजगिरा में विटामिन सी,ए, फोलेट, जिंक और विटामिन ई होता है जो इम्यूनिटी बूस्टर हैं।
राजगिरा आपके दिल को भी स्वस्थ रखता है। इसमें पोटैशियम होता है तो आपके ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करता है। दरअसल, यह आर्टरीज और ब्लड वेसल्स पर पड़ने वाले दवाब और टेंशन कम करता है। एक रिसर्च के मुताबिक रामदाना के तेल के सेवन से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है। आपको बता दें कि बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) की वजह से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। राजगिरा का तेल इसका संतुलन बनाए रखकर ब्लड प्रेशर को कम करता है। यह पूरे शरीर में होने वाली किसी भी प्रकार की सूजन को भी कम करता है।
जिन लोगों को कब्ज की समस्या होती है, उनके लिए रामदाना बहुत उपयोगी है। इसमें घुलनशील फाइबर होते हैं जो आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त रखकर कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं। इसके अलावा ब्लोटिंग, क्रैम्पिंग, कोलन कैंसर और गैस्ट्रिक अल्सर का खतरा भी रामदाना के सेवन से कम हो जाता है। राजगिरा में मौजूद डायटरी फाइबर शरीर को अन्य पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है। कुछ रिसर्च के मुताबिक, इसमें प्रोबायोटिक गुण भी होते हैं।
जो लोग वजन कम करना चाहते हैं, उन्हें डायट में किसी न किसी रूप में रामदाना को जरूर शामिल करना चाहिए। दरअसल, इसमें फाइबर होता है जिसकी वजह से इसके सेवन से देर तक पेट भरा होने का एहसास होता है, ऐसे में आप ज्यादा कुछ खाने से बच जाते हैं और वजन कंट्रोल में रहता है।
गर्भवती महिलाओं को अक्सर कब्ज की समस्या हो जाती है ऐसे में रामदाना का सेवन उनके लिए बहुत फायदेमंद होता है। साथ ही इससे उन्हें कैल्शियम और आयरन भी मिल जाता है जो इस दौरान बहुत जरूरी होती है।
एनीमिया रोग शरीर में आयरन की कमी से होता है जिसे राजगिरा के सेवन से दूर किया जा सकता है, क्योंकि राजगिरा में आयरन की भरपूर मात्रा होती है। रिसर्च के मुताबिक, इसके सेवन से एनीमिया के लक्षण कम हो जाते हैं।
रामदाना शरीर में इंसुलिन लेवल को बढ़ाकर शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है। इसमें एंटी डायबेटिक और एंटीऑक्सीडेटिव प्रॉपर्टीज होती है जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है।
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वैसे तो राजगिरा बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन कुछ स्थितियों में इसका सेवन हानिकारक हो सकता है।
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रामदाना को कई रूप में खाया जाता है, इसके पत्तों का भी सेवन किया जाता है। इसके दानों के साथ ही आटा से भी कई चीजें बनाई जाती है। इसकी सही खुराक कई कारकों पर निर्भर करती है जेसे व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और अन्य स्थितियां। फिलहाल रामदाना या अमरंथ (amaranth) की सही खुराक से संबंधित कोई वैज्ञानिक रिसर्च की जानकारी नहीं है। याद रखिए नेचुरल चीजें हमेशा सुरक्षित नहीं होती हैं और उनकी सही खुराक बहुत जरूरी है इसलिए इसके सेवन से पहले अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह अवश्य लें।
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रामदाना को कई तरह से खाया जाता है। इसके पत्ते, जड़ और बीज का भी सेवन किया जाता है।
इसके बीज से कई तरह की डिश बनाई जाती है और हमारे देश में उपवास में रामदाना का खासतौर पर सेवन किया जाता है।
इसके आटे से हलवा बनाया जाता है। कई दवा बनाने में भी इसका इस्तेमाल होता है।
यदि आप इसके जड़, रस या चूर्ण के रूप में सेवन कर रहे हैं, तो डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह अवश्य लें।
अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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