सिस्टाइटिस क्या है ?
सिस्टाइटिस रोग में मूत्राशय और मूत्रमार्ग में सूजन, लालिमा व जलन की समस्या होने लगती है। मूत्राशय का संक्रमण परेशान करने वाली स्थिति होती है। मूत्र त्याग के वक्त जलन की समस्या होती है। इस स्थिति को UTI भी कहा जाता है। मूत्राशय का इंफेक्शन दर्दनाक और कष्टप्रद हो सकता है। ये समस्या किडनी तक भी पहुंच जाती है।
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सिस्टाइटिस कितना आम है?
सिस्टाइटिस किसी को भी हो सकता है, लेकिन पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ये आम है। महिलाओं में छोटा यूरिथ्रा होता है, जो कि बैक्टीरिया के ब्लैडर तक पहुंचने के लिए आसान जगह बना देता है। कभी- कभार सिस्टाइटिस क्रोनिक (बार-बार होने की स्थिति) हो सकता है और इलाज करना भी कठिन हो जाता है। अगर आप बीमारी के जोखिम पर ध्यान देंगे तो इसे मैनेज किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
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लक्षण
सिस्टाइटिस के लक्षण क्या हैं?
सिस्टाइटिस के लक्षण
- पेशाब करते समय दर्द और जलन
- निचले पेट (पेट) में दर्द या दबाव
- यूरिन में बदबू आना
- मूत्र में रक्त आना
- पेशाब करने के लिए लगातार जाने की आवश्यकता
- हल्का बुखार
हो सकता है कि आपको ये लक्षण महसूस न हो। यदि आपको किसी लक्षण के बारे में जानकारी चाहिए, तो कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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मुझे अपने डॉक्टर को कब देखना चाहिए?
अगर आपको किडनी में संक्रमण होने के लक्षण दिख रहे हैं तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- पीठ में दर्द होना
- ठंड लगना और बुखार आना
- उल्टी
- दवा लेने के बाद आराम न मिलना
- बार-बार इंफेक्शन होना
अगर आपको बार-बार पेशाब जाना पड़ रहा है या फिर पेट के निचलें हिस्से में दर्द है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हो सकता है कि आपको पहले भी UTI की समस्या हुई हो। दोबार समस्या होने पर लक्षण भिन्न हो सकते हैं। एंटीबायोटिक मेडिसिन लेने के बाद भी अगर आपको इस बीमारी के लक्षण दोबारा दिखते हैं तो कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
सिस्टाइटिस के अन्य कारण
- कीमोथेरिपी मेडिसिन, साइक्लोफॉस्फेमाइड और आईफोसामाइज
- पेल्विक एरिया का रेडिएशन ट्रीटमेंट
- केमिकल
- कुछ लोग उत्पादों में निहित केमिकल्स के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं, जैसे कि बबल बाथ,फेमेनाइन हाइजीन स्प्रे या शुक्राणुनाशक जेली आदि से मूत्राशय में जलन की स्थिति पैदा हो सकती है
- अन्य विकारों, जैसे मधुमेह, किडनी स्टोन, बढ़े हुए प्रोस्टेट या रीढ़ की हड्डी की चोट की शिकायत
- इसके अलावा, एक प्रकार का सिस्टाइटिस है जिसे इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस (interstitial cystitis) कहा जाता है। महिलाओं में ज्यादातर मामलों का निदान किया जाता है। स्थिति का निदान और उपचार मुश्किल भी हो सकता है।
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सिस्टाइटिस के लिए मेरा जोखिम कब बढ़ जाता है ?
सिस्टाइटिस के लिए मेरा जोखिम कब बढ़ जाता है ?
सिस्टाइटिस के जोखिम
- कुछ लोगों में ब्लैडर इंफेक्शन होने की ज्यादा संभावना होती है। महिलाएं इस इंफेक्शन के लिए अधिक संवेदनशील होती हैं। इसे फिजिकल एनाटमी से जोड़ कर देखा जा सकता है। महिलाओं में छोटा यूरिथ्रा होता है, जो कि बैक्टीरिया के ब्लैडर तक पहुंचने के लिए आसान जगह बना देता है।
- उन महिलाओं में UTI का खतरा अधिक होता है जो, बर्थ कंट्रोल की दवाइयां लेती हैं।
- जो महिलाएं मोनोपॉज से गुजर रही हो, उनमे हार्मोन का लेवल बदलता है। उन्हें इस इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है।
पुरुषों और महिलाओं दोनों में अन्य जोखिम
- यूरिन फ्लो के साथ इंटरफेयर करना।यह स्थिति मूत्राशय में स्टोन या, पुरुषों में, बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण हो सकती है।
- इम्युन सिस्टम में बदलाव होना। कई बार डायबिटीज, HIV इंफेक्शन या कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान ऐसी स्थिति हो सकती है। डिप्रेस्ड इम्युन सिस्टम की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है। कुछ केस में वायरल इंफेक्शन भी हो सकता है।
- ब्लैडर कैथेटर (Bladder catheters) का लंबे समय तक उपयोग से बैक्टीरिया के संक्रमण के साथ-साथ मूत्राशय के ऊतकों की क्षति में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
प्रदान की गई जानकारी किसी भी चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
निदान
सिस्टाइटिस का निदान कैसे किया जाता है?
यदि आपको सिस्टाइटिस के लक्षण दिख रहे हैं, तो जल्द ही अपने डॉक्टर से बात करें। आपके संकेतों और लक्षणों को देखने के बाद डॉक्टर कुछ टेस्ट करेगा जैसे,
यूरिन ऐनालिसिस
एक संदिग्ध मूत्राशय के संक्रमण के लिए, आपका डॉक्टर यह निर्धारित करने के लिए मूत्र के नमूने के लिए पूछ सकता है कि आपके मूत्र में बैक्टीरिया, रक्त या मवाद है। यदि हां, तो वह मूत्र बैक्टीरिया की संस्कृति का अनुरोध कर सकता है।
सिस्टोस्कोपी ( Cystoscopy)
इस परीक्षण के दौरान, आपका डॉक्टर एक सिस्टोस्कोप की सहायता से एक पतली ट्यूब (जिसके साथ प्रकाश और कैमरा जुड़ा हुआ है ) मूत्रमार्ग के माध्यम से अंदर डालता है। यूरीनरी ट्रेक में इंफेक्शन के लक्षण दिखाई पड़ते है। इस दौरान डॉक्टर बायोप्सी के लिए टिश्यू का छोटा टुकड़ा भी निकाल सकता है।
इमेजिंग
इमेजिंग परीक्षण आमतौर पर आवश्यक नहीं है, लेकिन इंफेक्शन के बारे में जानकारी न मिलने पर इसकी सहायता ली जा सकती है। उदाहरण के लिए, एक एक्स-रे या अल्ट्रासाउंड से मूत्राशय की सूजन के अन्य कारणों जैसे ट्यूमर या स्ट्रक्चरल एबनॉर्मलटी के बारे में जानकारी मिलती है।
सिस्टाइटिस का इलाज कैसे किया जाता है?
सिस्टाइटिस का इलाज कैसे किया जाता है?
- सिस्टाइटिस के लिए सबसे आम उपचार एंटीबायोटिक दवा का उपयोग कर रहा है। जीवाणु संक्रमण को रोकने के लिए 3 से 10 दिनों के डॉक्टर मेडिसिन देता है। 1 से 2 सप्ताह तक मेडिसिन चलती है। परिक्षण के बाद अगर इंफेक्शन दोबारा पाया जाता है तो मेडिसिन 6 महीने तक बढ़ाई जा सकती है।
- डॉक्टर कुछ चीजों से परहेज के लिए भी कहेगा जैसे बबल बाथ और नर्व इंस्टीमुलेशन सहित अन्य दवाओं को मना किया जा सकता है।
- इंटरस्टीशियल सिस्टिटिस के साथ सूजन का कारण नही पता चला है, इसलिए कोई भी उपचार उपलब्ध नहीं है। कुछ थेरिपी का यूज किया जा सकता है।
- मौखिक रूप से खायी जाने वाली दवा या फिर ब्लैडर में डालने वाली दवा या सर्जरी की सहायता लेना।
- नर्व स्टीमुलेशन, पेल्विक दर्द को दूर करने के लिए इलेक्ट्रिकल पल्स का यूज करना। ये यूरीनरी फ्रीक्वेंसी को कम करता है।
- जीवनशैली में बदलाव या घरेलू उपचार क्या इस बीमारी से निपटने में मदद कर सकते है ?
- निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको सिस्टाइटिस से निपटने में मदद कर सकते हैं,
- अपनी दवाई सही समय पर खाएं।
- तरल पदार्थ का अधिक सेवन करें।
- सेक्स करने के तुरंत बाद यूरिन करें।
- सूती कपड़े पहनें। महिलाओं को सूती पैंटी पहननी चाहिए। तंग कपड़े पहनने से बचें।
- अपने जननांग को साफ और सूखा रखें।
- जननांग क्षेत्र में किसी भी प्रकार का स्प्रे लगाने से बचें।
- डायबिटीज है तो उसे नियंत्रण में रखें।
- अगर बुखार कम नहीं हो रहा है तो डॉक्टर से संपर्क करें।
यदि आपका कोई प्रश्न हैं, तो बेहतर समाधान के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।