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Carpal Tunnel Syndrome: कार्पल टनल सिंड्रोम क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/02/2021

Carpal Tunnel Syndrome: कार्पल टनल सिंड्रोम क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज

परिभाषा

कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel Syndrome) क्या है?

कार्पल टनल सिंड्रोम (सीटीएस) हाथ और कलाई को प्रभावित करने वाली एक बीमारी है। कार्पल टनल (कलाई से बांह तक जाने वाली एक नलिका) में किसी नस के दबने से कार्पल टनल सिंड्रोम होता है, जिसकी वजह से आपके हाथ और कलाई में झुनझुनी, सुन्नता हो सकती है या कलाई के मध्य भाग से लेकर आपकी बांह तक में तेज दर्द भी हो सकता है।

क्या कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel Syndrome) एक आम बीमारी है?

यह सिंड्रोम आम है, खासतौर पर जो लोग ट्रांसक्रिप्शन, कैशियर, कसाई और चौकीदारी का काम करते हैं, उनके लिए ये विकार सामान्य है। इसके कारणों को नियंत्रित कर के विकार से निपटा जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।

और पढ़ें : Klinefelter syndrome: क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम क्या है?

लक्षण

कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षण (Carpal Tunnel Syndrome symptoms) क्या हैं?

कार्पल टर्नर सिंड्रोम

दर्द, झुनझुनी, सुन्नता और हाथों में कमजोरी महसूस कार्पल टनल सिंड्रोम के संकेत और लक्षण हैं। कुछ लोगों को ऊपरी बांह और कंधे में असुविधा महसूस होती है। हालत अक्सर रात में ज्यादा खराब हो जाती है और आपकी नींद भी प्रभावित होती है।

कलाई में झनझनाहट: मुझे अपने डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

प्रारंभिक निदान और उपचार इस स्थिति को बिगड़ने से रोक सकते हैं। इसलिए जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से बात करें। यदि आपको निम्न में से कोई भी संकेत हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हर किसी का शरीर अलग तरीके से कार्य करता है। अपनी स्थिति के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा होता है।

और पढ़ें: प्रेग्नेंसी में कार्पल टर्नल सिंड्रोम क्यों होता है?

कारण

कलाई में झनझनाहट के कारण (Carpal Tunnel Syndrome causes) क्या हैं ?

कार्पल टर्नर सिंड्रोम

  • कार्पल टनल सिंड्रोम में कलाई में सूजन के कारण कार्पल टनल पतली हो जाने की वजह से मध्य नाड़ी पर दबाव पड़ता है, जिससे दर्द और अन्य लक्षण दिखाई देते हैं।
  • हाथ और कलाई को एक ही तरीके से बार-बार हिलाना, जैसे कि टाइप करना, लिखना और कंप्यूटर के माउस का उपयोग करना, सीटीएस का कारण बन सकता है। गर्भवती महिलाओं को अक्सर कार्पल टनल सिंड्रोम होता है, क्योंकि उनके हॉर्मोन में बदलाव होते हैं। कई बीमारियां जैसे कि मांसपेशियों और हड्डियों के विकार, अंडरएक्टिव थायरॉइड (हायपोथायराइडिज्म) और मधुमेह आदि सीटीएस का खतरा बढ़ा सकते हैं।

और पढ़ें : Nephrotic syndrome: नेफ्रोटिक सिंड्रोम क्या है?

रिस्क फैक्टर

कार्पल टनल सिंड्रोम का खतरा किन लोगों को ज्यादा होता है? Which people are at greater risk of carpal tunnel syndrome?

कलाई में झनझनाहट के लिए कई जोखिम कारक हैं, जैसे:

  • कार्पल टनल सिंड्रोम आमतौर पर महिलाओं में अधिक आम है।
  • डायबिटीज जैसी पुरानी बीमारियां  मध्य नाड़ी के साथ-साथ अन्य नसों को भी क्षति पहुंचा सकती हैं।
  • सूजन- रूमेटॉइड आर्थराइटिस जैसी सूजन से जुड़ी बीमारियां कलाई के टेंडॉन (हड्डी को मांसपेशियों से जोड़ने वाले टिश्यू ) के आस-पास की परतों को प्रभावित कर सकती हैं और मध्य नाड़ी पर दबाव डाल सकती हैं।
  • शरीर के तरल पदार्थ के संतुलन और बदलाव।
  • रजोनिवृत्ति, मोटापा, थायरॉइड की बीमारी और गुर्दे की विफलता जैसी कुछ स्थितियां, कार्पल टनल सिंड्रोम की संभावना को बढ़ा सकती हैं।
  • यदि आप वाइब्रेटिंग टूल्स (Vibrating Tools) या असेंबली लाइन में काम करते हैं, जहां कलाइयों को बार-बार मोड़ना पड़ता है।

यहां ही गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

और पढ़ें : Turner syndrome: टर्नर सिंड्रोम क्या है?

निदान और उपचार

कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel Syndrome) का इलाज कैसे किया जाता है?

कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel Syndrome)

इसके कारणों को जानने के लिए डॉक्टर आपकी कलाई की जांच कर सकते हैं। कलाई की नसों और मांसपेशियों की जांच के लिए विशेष परीक्षण (ईएमजी) भी किया जा सकता है।

  • जीवन शैली में बदलाव है: सीटीएस (Carpal Tunnel Syndrome) के जो भी कारण हैं उनको करना तुरंत बंद करें। यह परिवर्तन थोड़ा कठिन हो सकता है। इसके लिए काम के बीच-बीच में थोड़ा-सा रेस्ट लें, कलाई पैड का उपयोग करें ताकि आपकी कलाई बेहतर स्थिति में हो सके।
  • उपचार के तौर पर कलाई पर सख्त पट्टी बांधी जा सकती है, दवाएं ली जा सकती हैं या ऑपरेशन किया जा सकता है। रात में कलाई पर पट्टी बांधना ज्यादा फायदेमंद होता है लेकिन कुछ लोग दिन के दौरान भी पट्टी पहनते हैं। दवाएं सूजन को कम करके थोड़े समय के लिए राहत देती हैं। कलाई में दवा इंजेक्ट भी की जा सकती है।
  • कार्पल टनल सिंड्रोम सर्जरी तंत्रिका पर दबाव को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है। आमतौर पर सर्जरी के द्वारा आप जल्दी ठीक हो जाते हैं, लेकिन नए लक्षणों से बचने के लिए अपनी कलाई को कम से कम 6 सप्ताह तक आराम देना चाहिए। कार्पल टनल सिंड्रोम सर्जरी को करने में लगभग 15 से 30 मिनट लगते हैं। जैसा की पहले ही बताया जा चुका है कि कार्पल टनल सिंड्रोम सर्जरी दो प्रकार की है- ओपन कार्पल टनल सर्जरी और एंडोस्कोपी कार्पल टनल सर्जरी। दोनों सर्जरी में सबसे पहले एनेसेथेटिस्ट आपकी कलाई को सुन्न करते हैं। ओपन सर्जरी में सर्जन कलाई पर एक लंबा चीरा या कट लगाते हैं। इसके बाद कलाई के अंदर से फ्लेक्सर रेटिनाक्यूलम को काट कर निकाल देते हैं।

    वहीं, एंडोस्कोपी कार्पल टनल सर्जरी में सर्जन कलाई में एक छोटा सा चीरा लगाते हैं। इसमें एंडोस्कोप (Endoscope) डालते हैं। एंडोस्कोप में एक छोटा कैमरा लगा होता है जो मॉनिटर में तस्वीरों को भेजता है। इसके जरिए ही सर्जन फ्लेक्सर रेटिनाक्यूलम  को काट कर निकाल देते हैं। फिर एंडोस्कोप को बाहर निकाल कर चीरे पर टांका लगा देते हैं। इसके बाद टांके पर ड्रेसिंग कर देते हैं।

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    जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार

    कार्पल टनल सिंड्रोम से निपटने के लिए जीवनशैली में क्या बदलाव या घरेलू उपचार करने चाहिए?

    • डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं को समय से लें। 
    • उपचार में किसी प्रकार की देरी न करें। 
    • कलाई और हाथ की एक्सरसाइज के लिए दिन के दौरान कलाई की पट्टी (splints) को हटा दें।
    • अपनी कलाई को बर्फ से लगभग 10 से 15 मिनट तक एक घंटे में दो बार सिंकाई करें।
    • रात में होने वाले दर्द से बचने के लिए अपने हाथ को बेड के बगल में लटका कर सोएं।
    • कलाइ पर स्पलिंट बांधें। ये आपको रात में होने वाले दर्द से राहत देता है। इसके साथ ही कलाई में लचक आने से भी बचता है। 
    • नॉन स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लमेटरी ड्रग (NSAID) लें, जैसे- आईब्यूप्रोफेन या नैप्रॉक्सेन दवाएं कार्पल टनल सिंड्रोम से दर्द में राहत देती है। 
    • बांह, हाथ और अंगुलियों की मांसपेशियों को स्ट्रॉन्ग और लचीला बनाए रखें।
    • कलाई पर गर्म और ठंडी पट्टी रखें, इससे लाभ मिलेगा।
    • दो से तीन लीटर पानी का सेवन रोजाना करें।
    • कार्पल टनल सिंड्रोम से पीड़ित लोगों को नमक का सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे आपकी तकलीफ ज्यादा बढ़ सकती है।

    कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel Syndrome) की समस्या से बचने के लिए कुछ खास योगासन को नियमित किये जा सकते हैं। जैसे: 

    • ताड़ासन
    • अंजलि मुद्रा या नमस्कारासन
    • गोमुखासन
    • गरुड़ासन
    • धनुरासन

    इन योगासनों को नियमित करने से जल्द लाभ मिल सकता है।

    फिट रहने के लिए नियमित योगासन करें और कैसे योग को अपने दिनचर्या में शामिल करें? जानने के लिए नीचे दिए इस वीडियो पर क्लिक करें:

    उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और कार्पल टर्नर सिंड्रोम से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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