परिभाषा
अगोराफोबिया क्या है ?
अगोराफोबिया एक तरह का एंग्जाइटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) है और एंग्जाइटी डिसऑर्डर होने पर आप भयभीत महसूस करते हैं, घबराहट होती है, असहाय महसूस करते हैं और कभी-कभी शर्मिंदगी भी महसूस हो सकती है। आप ऐसी जगहों पर जाने से भी घबराते हैं जहां भीड़ हो, कतार में खड़े होना पड़े या फिर पब्लिक ट्रांसपोर्ट में ट्रेवल करना पड़े। अगोराफोबिया वाले लोग अक्सर किसी भी सार्वजनिक स्थान पर सुरक्षित महसूस नहीं करते, खासकर जहां भीड़ इकट्ठा होती है। आप महसूस कर सकते हैं कि सार्वजनिक स्थानों पर आपके साथ जाने के लिए आपको किसी रिश्तेदार या फिर दोस्तों की आवश्यकता होती है। कई बार तो डर इतना ज्यादा हो सकता है कि आप अपने घर से भी बाहर जाने में असमर्थ महसूस कर सकते हैं।
अगोराफोबिया कितना आम है?
अगोराफोबिया की परेशानी होना आम है। पुरुषों की तुलना में यह महिलाओं में ज्यादा होता है और यह आमतौर पर 18 से 35 वर्ष के बीच शुरू होता है।
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लक्षण
अगोराफोबिया के लक्षण क्या हैं?
अगोराफोबिया के लक्षणों में शामिल हैं:
- घर से अकेले निकलने में डर
- भीड़ या कतार में खड़े होने में डर
- बंद स्थान जैसे मूवी थिएटर, लिफ्ट या सकरी जगहों पर डर
- खुले स्थान जैसे पार्किंग एरिया, पुल या मॉल में डर
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा करना जैसे बस, ट्रैन या फ्लाइट में डर
यह स्थितियां चिंता का कारण बनती हैं क्योंकि आप डरते हैं कि अगर आपको घबराहट महसूस होगी या शर्मिंदगी लक्षण महसूस होगी तो आप ऐसी स्थिति से अपने आपको कैसे बचा पाएंगे।
इनके अतिरिक्त:
- डर या चिंता लगभग हमेशा ही हो सकती है
- आपका डर या चिंता स्थिति के अनुसार होता है
- आप स्थिति से बचने की कोशिश करते हैं, आपको अपने साथ जाने के लिए एक साथी की जरूरत होती है, या आप स्थिति को सहन करते भी हैं, लेकिन आप बेहद परेशान हो जाते हैं
- आप डर या चिंता की वजह से अपने जीवन में सामाजिक परिस्थितियों, कार्य या अन्य क्षेत्रों में परेशानी महसूस करते हैं
- चिंता या डर जैसे स्थिति छह महीने या इससे भी ज्यादा समय तक हो सकती है
ऐसा भी हो सकता है की ऊपर बताए गए लक्षणों के अलावा भी कुछ और लक्षण हो सकते हैं। अगर आप किसी और लक्षणों को महसूस करते हैं तो जल्द से जल्द से डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
हमें डॉक्टर से कब मिलना चाहिए ?
अगोराफोबिया की वजह से आप लोगों से मिलने से भी डरते हैं यही नहीं आप काम, जीवन के कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम जैसे जरूरी गतिविधियों से भी पीछे रह जाते हैं। यदि आप कुछ अलग अनुभव करते हैं या ऊपर के लक्षणों के अलावा भी महसूस करते हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि हर किसी का शरीर अलग तरह से कार्य करता है।
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कारण
अगोराफोबिया किन कारणों से होता है?
- अगोराफोबिया क्यों होता है यह तो अभी साफ नहीं है लेकिन, इतना जरूर है कि मस्तिष्क (ब्रेन) की ओर से जो प्रतिक्रिया मिलती है उसपर असर पड़ता है।
- कोई पुरानी घटना जिससे परेशानी महसूस होती है उनका असर भी पड़ता है।
- परिवार के किसी सदस्यों में एंग्जाइटी डिसऑर्डर होने की वजह से भी एगोराफोबिया और पेनिक डिसऑर्डर होने की संभावना अधिक हो सकती है।
कुछ लोगों में यह तब हो सकता है जब उनके पास एक या एक से अधिक बार डर वाली स्थिति अनुभव कर चुके हो और वे उन परिस्थितियों से डरने लगते हैं जो संभावित रूप से आने वाले जीवन को परेशानी में डालने के लिए काफी है।
किसी और तरह का डर या पेनिक डिसऑर्डर अगोराफोबिया जैसे परेशानी को शुरू करने में मदद कर सकते हैं।
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जोखिम के कारण
किन कारणों से बढ़ता है अगोराफोबिया ?
अगोराफोबिया के बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं जैसे:
- डर या पैनिक डिसऑर्डर होना ।
- जरूरत से ज्यादा डरना ।
- अत्यधिक तनाव महसूस करना जैसे किसी से अपशब्द सुन्ना, माता-पिता की मृत्यु या फिर कोई और घटना।
- चिंता या घबराहट का स्वभाव होना।
- ब्लड रिलेशन में किसी अन्य वक्ती को अगोराफोबिया होना।
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निदान और उपचार
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
अगोराफोबिया का इलाज कैसे किया जाता है?
अगोराफोबिया का इलाज निम्नलिखित तरह से किया जाता है:
- लक्षणों और कारणों के आधार पर।
- विशेषज्ञों से बात कर या मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स से बात कर।
- शारीरिक जांच की मदद से भी इलाज किया जाता है।
- अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन के अनुसार स्टेटिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसॉर्डर (DSM-5) में एगोराफोबिया सूचीबद्ध है।
अगोराफोबिया का इलाज कैसे किया जाता है?
मनोचिकित्सा
मनोचिकित्सा के अनुसार चिंता के लक्षणों को कम करना आवश्यक है। कॉग्निटिव बिहैव्यरल थेरिपी (संज्ञानात्मक व्यवहार थेरिपी) चिंता विकारों के लिए मनोचिकित्सा के सबसे प्रभावी रूपों में से एक है, जिसमें अगोराफोबिया भी शामिल है। इस थेरिपी की मदद से अगोराफोबिया की परेशानी को ठीक किया जा सकता है।
साथ ही आप इसे बेहतर तरीके से समझ सकते हैं :
- अपनी चिंताओं को सीधे चुनौती देने के तरीके, जैसे कि सामाजिक स्थितियों में होने वाली बुरी चीजों का सामना कैसे किया जाए।
- यदि आपकी परेशानी धीरे-धीरे कम होती है तो आपको लक्षणों को ध्यान में रख कर परेशानी को कम करना चाहिए।
- एक्सपोजर थेरिपी की मदद से परेशानी को कम किया जा सकता है।
यदि आप घर से अकेले थेरेपिस्ट के पास भी जाने से डरते हैं तो आपकी इस परेशानी को अगोराफोबिया थेरेपिस्ट समझते हैं, इसलिए इससे परेशान न हों। अगोराफोबिया की वजह से आप घर में कैद महसूस करते हैं और थेरेपिस्ट के पास जाने से भी असमर्थ हैं तो शुरुआती इलाज में थेरेपिस्ट आपके घर या आपके बताये स्थान पर इलाज करने के लिए आ सकते हैं। कुछ ऐसे भी थेरेपिस्ट होते हैं जो फोन पर बात कर या ईमेल के माध्यम से भी आपकी मदद कर सकते हैं।
यदि अगोराफोबिया इतना गंभीर है कि आप अपनी देखभाल नहीं कर सकते हैं, तो आप स्पेसलाइज्ड अस्पताल में रह कर अपना इलाज करवा सकते हैं।
आप चाहें तो अपने किसी करीबी, रिश्तेदार या फिर अपने दोस्तों की जरूरत पड़ने पर मदद ले सकते हैं।
दवाएं
- कुछ प्रकार के एंटीडिप्रेसेन्ट्स का उपयोग अक्सर अगोराफोबिया के इलाज के लिए किया जाता है, और कभी-कभी एंटी-एंग्जाइटी ड्रग्स का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एगोराफोबिया के इलाज के लिए ऐन्टीडिप्रेसन्ट एंटी-एंग्जाइटी ड्रग्स की तुलना में ज्यादा असरदार होते हैं।
- कुछ ऐन्टीडिप्रेसन्ट जिसे सिलेक्टिव सेरोटॉनिन रीअपटेक इन्हिबिटर्स (selective serotonin reuptake inhibitors, SSRISs) जैसे फ्लुऑक्सेटाइन (fluoxetine) और सेराट्रलीन (Zoloft) जैसे कुछ और एंटीडिप्रेसेंट का उपयोग एगोराफोबिया के लिए किया जाता है। कुछ अलग तरह के एंटीडिप्रेसेन्ट्स भी अगोराफोबिया का इलाज किया जा सकता है।
- लक्षणों को समझकर दवा दी जाती है और विशेषज्ञ आपको अलग-अलग दवा भी दे सकते हैं, जिससे आपका बेहतर इलाज किया जा सके। इन दवाओं के सेवन से होने वाले लाभ में एक सप्ताह से अधिक का समय लग सकता है।
- एंटीडिप्रेसेन्ट्स के सेवन शुरू करने के साथ-साथ बंद करने पर भी साइडइफेक्टस होते हैं। साइडइफेक्ट्स के कारण डॉक्टर दवा की खुराक कम, ज्यादा या बंद भी कर सकते हैं।
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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
अगोराफोबिया से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव और कुछ घरेलू नुस्खे
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको अगोराफोबिया से निपटने में मदद कर सकते हैं:
- इलाज के लिए जो सलाह दी गई है उसे जरूर फॉलो करें
- आराम और शांत रहने की कोशिश करें
- डर की स्थितियों का सामना करने की कोशिश करें, क्योंकि यह डर की वजह से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
- शारीरिक गतिविधि, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद लेने से स्वस्थ रहा जा सकता है
अगर आपके मन में इस बीमारी से जुड़ी किसी तरह के कोई सवाल हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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