सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर क्या है?
कभी-कभी कुछ जगहों पर नर्वस महसूस करना सामान्य होता है। जैसे आप किसी के साथ डेट पर जा रहे हों या फिर काम के सिलसिले में प्रजेंटेशन के दौरान भी परेशानी महसूस हो सकती है। लेकिन, सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर ऐसी समस्या है जिसमें किसी से भी और कभी भी मिलने पर घबराहट महसूस होती हो या शर्मिंदगी महसूस हो। सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर क्रोनिक मेंटल हेल्थ कंडीशन माना जाता है जिसका इलाज साइकोलॉजिकल काउंस्लिंग, दवा और पीड़ित व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ा कर किया जा सकता है।
सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर कितना सामान्य है?
सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर (सोशल फोबिया) दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम है। गवर्मेंट एपिडेमीओलॉजिकल के आंकड़ों के अनुसार सोशल एंग्जाइटी दुनिया की पूरी आवादी की 7 % लोग इस समस्या से पीड़ित हैं। सोशल एंग्जाइटी कभी-भी कहीं पर हो सकती है। अगर ऐसी समस्या है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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किन कारणों से हो सकता है सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर?
कुछ स्थितियों में शर्म या बेचैनी की भावना हो सकती है वैसे ऐसा खासकर बच्चों में देखा जाता है। ऐसी स्थिति को सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर के साइन पर देखा जा सकता है। सामाजिक स्थितियों के अनुसार हर व्यक्ति का स्वभाव अलग होता है। देखा जाये तो सोशल एंग्जाइटी डेली रूटीन, काम, स्कूल या फिर किसी अन्य एक्टिविटी के दौरान सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर हो सकता है।
भावनात्मक और व्यवहार संबंधी लक्षण
सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर के लक्षणों में शामिल है:
- ऐसी परिस्थितयों से डरना जिसमे उनका नाम शामिल हो।
- खुद को शर्मिंदा या अपमानित होने का डर।
- किसी को नाराज न होने देना।
- अनजान लोगों के साथ बातचीत करने से डरना।
- अपनी चिंता किसी के सामने जाहिर होने न देना।
- शारीरिक लक्षण जैसे कि शरमाना, पसीना आना, कांपना या कर्कश आवाज की वजह से शर्मिंदगी महसूस होना।
- शर्मिंदगी के डर से लोगों से बातें करने या बोलने से डरना।
- ऐसे जगहों पर जाने से बचना जहां सिर्फ उनकी ही चर्चा हो।
- हमेशा किसी होने वाले हादसों का डर सतना।
बच्चों में एंग्जाइटी तब होती है जब उन्हें किसी से बात करनी हो, हमेशा ही माता-पिता के पास रहना या फिर जब उन्हें किसी दूसरे सदस्यों से बात करने की सलाह दी जाती है। सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर तब होता है जब आप केवल सार्वजनिक रूप से बोलने के दौरान ज्यादा डर और चिंता महसूस करते हैं, लेकिन अन्य प्रकार की सामाजिक स्थितियों में ऐसा नहीं होता है।
सामाजिक परिस्थितियों से बचना
- शारीरिक लक्षण
- लक्षण कभी-कभी सामाजिक चिंता की वजह से भी हो सकती है जैसे:
- तेजी से दिल धड़कना।
- पेट में दर्द या मतली।
- सांस लेने में पेरशानी होना।
- चक्कर आना।
- भ्रम में रहना।
- डायरिया होना।
- मांसपेशियों का खिंचाव।
सामाजिक परिस्थितियों से बचना
सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर होने पर पीड़ित ज्यादा से ज्यादा वक्त अकेले रहना चाहता है और कुछ ऐसे भी कारण हैं जिन्हें करने से बचता है जैसे:-
- पब्लिक रेस्टरूम का बेवजह इस्तेमाल करना
- अपरचित से बातचीत करना
- किसी अन्य लोगों के सामने खाने से बचना
- नजरे चुराना
- बातचीत शुरू नहीं करना
- किसी भी कार्यक्रम में जाने से बचना
- वैसे जगह पर जाने से बचना जहां पहले से लोगों रह रहें हों
सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर वक्त के साथ सकता है। लेकिन, अगर पीड़ित तनाव में रहता है तो स्थिति फिर से ख़राब भी हो सकती है। इसलिए तनाव को जितना हो सके कम करना चाहिए। ऊपर बताए गए लक्षणों के अलावा और भी कई अन्य कारण हो सकते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि डॉक्टर से संपर्क करें।
हमें डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
स्थिति के अनुसार डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर किसी भी तरह की परेशानी होती है तो एक्सपर्ट से मिलना चाहिए और तनाव से बचना चाहिए। खुद से इलाज न करें क्योंकि हर व्यक्ति के शरीर की बनावट अलग होती है।
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क्या सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर का कारण बनता है?
अन्य मेंटल डिसऑर्डर की तरह सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर वातावरण और जेनेटिक्स के कारण हो सकता है। सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर होने के कारण:
- ब्लड रिलेशन की वजह
- वातावरण के कारण
किन कारणों से बढ़ सकता है सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर?
सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
- परिवार में किसी को सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर है या हुआ है, तब आपको भी होने की संभावना हो सकती है।
- वैसे बच्चों में सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर होने की संभावना ज्यादा होती है जिनमे नकारात्मक स्वभाव ज्यादा हो जैसे, बच्चें के बार-बार चिढ़ना, अत्यधिक शरारत करना और लोगों से ठीक तरह बात न करना।
- नए लोगों से मिलना या फिर सार्वजनिक जगहों पर भाषण देना।
- किसी बीमारी को होना।
निदान और उपचार
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर का इलाज कैसे किया जाता है?
सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर का इलाज करने के लिए डॉक्टर आपके हेल्थ की जानकारी लेंगे, आपसे बात करेंगे। ब्लड और यूरिन टेस्ट भी करवाने का आदेश दे सकतें हैं। जिससे इलाज करना आसान हो सकता है। इस दौरान पीड़ित व्यक्ति से कई सवाल भी किये जा सकते हैं।
सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर का इलाज कैसे किया जाता है?
सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर इलाज दवा और साइकोथेरेपी से किया जाता है। कभी-कभी बेहतर इलाज के लिए दवा और साइकोथेरेपी एकसाथ की जा सकती है।
साइकोथेरेपी
कई लोगों में साइकोथेरेपी से सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर इलाज किया जाता है। साइकोथेरेपी की मदद से पीड़ित को मानसिक तौर से मजबूत बनाने की कोशिश की जाती है और साथ ही उन्हें सकारात्मक सोंच के साथ रहने की सलाह दी जाती है।
एंग्जाइटी के लिए कॉग्निटिव वेहेवरियल थेरेपी (Cognitive behavioral therapy) सबसे सामान्य काउंसलिंग थेरेपी है। इस थेरेपी की मदद से पीड़ित को उन परिस्थितियों का कैसे सामना करें जिनसे उन्हें घबराहट या फिर परेशानी होती है।
दवा का डोज
सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर ठीक करने के लिए कई तरह की दवा दी जाती हैं। लेकिन, सलेक्टिव सेरटोनिन रीअपटेक इनहिबीटर्स (selective serotonin reuptake inhibitors) सोशल एंग्जाइटी होने पर सबसे पहले दी जाती है। आपके डॉक्टर आपको परोक्सेटिन (Paroxetine) या सरट्रालिन (Sertraline) की सलाह दे सकते हैं।
सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर दूर करने के लिए सेरोटिन (serotonin) और नोरिपिनेप्रिन रीअपटेक इनहिबीटर्स (norepinephrine reuptake inhibitor), वेलनाफेक्सीन (venlafaxine) जैसी दवाएं दी ज्यादा परेशानी होने पर दी जा सकती है।थेरेपी और दवा शुरू होने के बाद भी ठीक होने में वक्त लग सकता है।
कुछ अन्य दवाएं
आपके डॉक्टर आपकी परेशानी और लक्षण समझते हुए दवा या थेरेपी बता सकते हैं, जैसे:
- अन्य एंटी-डिपेंटेंट्स- आपको कई अलग-अलग एंटीडिप्रेसेंट दी जा सकती है, जो आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं लेकिन, इन दवाओं के कुछ साइडइफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
- एंटी-एंग्जाइटी- बेंजोडाईजेपिन (Benzodiazepines) एंग्जाइटी के लेवल को कम करने में सहायक हो सकता है। बेंजोडाईजेपिन डॉक्टर के आदेश के अनुसार ही लेना चाहिए और जिस तरह से सलाह दी जाये वैसे ही लेना चाहिए।
- बीटा ब्लोकर- एपिनेफ्रिन (एड्रेनालाईन) को बढ़ने में मदद नहीं करती है। इससे हृदय गति, रक्तचाप, दिल की धड़कन कम हो सकती है। डॉक्टर के सलह अनुसार ही इसे लेना बेहतर होगा और स्वास्थ के लिए भी अच्छा होगा।
इलाज में कभी-कभी ज्यादा वक्त लग सकता है। ऐसी स्थिति में इलाज करवाना बंद न करें।
Lifestyle changes & home remedies
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर से निपटने में मदद कर सकते हैं:
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर से निपटने में मदद कर सकते हैं:
- नियमित एक्सरसाइज की आदत डालें। सप्ताह में दो से ढ़ाई घंटे या फिर प्रत्येक दिन कम से कम 10 मिनट एक्सरसाइज करने की आदत डालें।
- 7-8 घंटे सोने की आदत डालें। कोशिश करें अपने बेड रूम को डार्क रखें इससे तनाव भी कम होगा और नींद भी अच्छी आएगी।
- कम फैट और हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थों को नियमितरूप से अपने आहार में शामिल करें।
- कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन न करें इससे एंजाएटी बढ़ सकती है।
- सकारात्मक सोंच रखना बेहद जरूरी है।
यदि आपका कोई प्रश्न हैं, तो अपन बेहतर इलाज के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार की सलाह नहीं देता है।
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