कॉल’स फ्रैक्चर को डिस्टल रेडियस फ्रैक्चर भी कहा जाता है। टूटी हुई कलाई ही कॉल’स फ्रैक्चर है। टेक्निकली, कॉल’स फ्रैक्चर फोरआर्म की दो हड्डियों के बड़े हिस्से में एक हुई ब्रेक है। इसका नाम कॉल’स फ्रैक्चर उस सर्जन के नाम पर पड़ा है ,जिसने सबसे पहले इसका वर्णन किया है। कॉल’स फ्रैक्चर एक आम फ्रैक्चर है, जो पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक बार होता है। वास्तव में, यह 75 वर्ष की आयु तक महिलाओं में यह समस्या आम है।
डॉक्टर कैसे और कहां आपकी हड्डी टूटी है, इसके अनुसार आपके फ्रैक्चर को वर्गीकृत कर सकते हैं। इससे यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि आपको किस उपचार की आवश्यकता है।
इस फ्रैक्चर के टाइप इस प्रकार हैं:
- ओपन फ्रैक्चर: अगर हड्डी त्वचा के माध्यम से टूटी हो।
- कोमीन्यूटेड फ्रैक्चर: अगर हड्डी दो से अधिक टुकड़ों में टूटी हो।
- इंट्रा-आर्टिकुलर फ्रैक्चर : अगर हड्डी कलाई के जोड़ से टूटी हो।
- एक्स्ट्रा-आर्टिकुलर फ्रैक्चर : अगर आपका जोड़ इससे प्रभावित न हो।
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कॉल’स फ्रैक्चर के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- प्रभावित स्थान पर दर्द होना। यह दर्द किसी को अधिक या कम हो सकती है।
- कलाई में सूजन होना।
- प्रभावित स्थान या आसपास नील पड़ना।
- कोमलता
- विकृत तरीके से लटकी हुई कलाई
- कार एक्सीडेंट के दौरान चोट लगने से।
- खेल के दौरान कलाई पर कुछ भरी चीज का लगना या कलाई के भार गिरना।
- स्किंग, बाइक चलाते हुए या अन्य गतिविधियां करते हुए गिरना।
- व्यक्ति की उम्र भी कॉल’स फ्रैक्चर का कारण बन सकती है।
- ऑस्टियोपोरोसिस होने से कलाई के फ्रैक्चर होने का बड़ा जोखिम रहता है। ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों को भंगुर बनाता है, इसलिए उन्हें तोड़ने के लिए कम बल की आवश्यकता होती है। कभी-कभी कलाई का टूटना हड्डियों के पतले होने का पहला संकेत है।
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- जिन लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या होती है, उनकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। खासतौर पर बुजुर्ग महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या अधिक होती है।
- बुजुर्गों की लौ मसल्स मॉस या मांसपेशियों में ताकत कम होती है ,उनमें भी यह समस्या होने की संभावना अधिक रहती है।
- बर्फ में चलना या इन-लाइन स्केटिंग और स्किंग करना भी इस रोग के रिस्क को बढ़ा देताहैं।
- ट्रॉमा से हाईइंटेंसिटी ब्रेक होता है जो 18 से 25 की उम्र में होना सामान्य है।
कॉल’स फ्रैक्चर की स्थिति में सबसे पहले डॉक्टर रोगी से इसके कारण और लक्षणों के बारे में जानेंगे।
अगर टूटी हुई कलाई स्वस्थ होने की सही स्थिति में नहीं है, तो डॉक्टर इसे रिसेट कर सकते हैं। यह बहुत दर्दनाक हो सकता है इसलिए यह आमतौर पर एनेस्थीसिया के साथ किया जाता है। हालांकि, इसके बाद पेनकिलर मदद करेंगी।
आपको शायद इनकी तरीकों की आवश्यकता भी हो सकती है:
- एक स्प्लिंट: जब सूजन कम हो जाए, तब स्प्लिंट का उपयोग आप कुछ दिनों से एक सप्ताह तक उपयोग कर सकते हैं।
- एक कास्ट: कास्ट की छह से आठ सप्ताह या उससे अधिक समय तक की आवश्यकता हो सकती है।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी कलाई सामान्य रूप से ठीक हो रही है या नहीं, नियमित रूप से एक्स-रे कराएं।
- पहले कुछ दिनों के लिए अपनी कलाई को तकिए या कुर्सी के पीछे अपने दिल के स्तर से ऊपर उठाएं। यह दर्द और सूजन को कम करेगा।
- अपनी कलाई पर बर्फ का प्रयोग करें। हर दो या तीन घंटे में दो या तीन दिन 15-20 मिनटों तक इसे करें। इस बात का ध्यान रखें कि आइसिंग के दौरान स्पलिंट या कास्ट को सूखा रखें।
- दर्द दूर करने के लिए पेनकिलर का प्रयोग करें। अपने डॉक्टर से नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग(NSAIDs) जैसे आइबूप्रोफेन, नेप्रोक्सेन, या एस्पिरिन का प्रयोग करें। इससे दर्द और सूजन कम हो सकती है। हालांकि इन
- दवाईयों के कुछ साइड इफ़ेक्ट भी हैं जैसे इनसे ब्लीडिंग और अलसर की समस्या हो सकती है। इनका प्रयोग तब ही करें अगर डॉक्टर ने इनकी सलाह दी हो।
- अगर डॉक्टर ने सलाह दी हो तो उंगलियों, कोहनियों और कंधे की स्ट्रेचिंग और स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज करें।
- अधिकतर मामलों में, यह उपचार काफी होते हैं। लेकिन कई बार, टूटी हुई कलाई वाले लोगों को सर्जरी की आवश्यकता होती है। । कभी-कभी, पिंस, प्लेट्स, स्क्रू या अन्य उपकरणों को हड्डी को होल्ड करने के लिए जगह की आवश्यकता होती है, इसलिए इनका प्रयोग भी किया जा सकता है।
- चोट की गंभीरता के अनुसार आपको फिजिकल थेरेपिस्ट की आवश्यकता पड सकती है। इससे आपको कलाई में ताकत के लिए और अपनी सामान्य गति को फिर से हासिल करने में मदद मिलेगी।
- प्रभावित स्थान पर बर्फ का पैक लगाना आवश्यक है। सीधेतौर पर बर्फ को लगाने से त्वचा पर नुकसान हो सकता है इसलिए बर्फ को किसी कपडे में लपेट कर ही लगाएं। इससे दर्द और सूजन दोनों से राहत मिलेगी।
- अगर आपको दिल के रोग, ब्लड प्रेशर, किडनी रोग, पेट का अलसर और इंटरनल ब्लीडिंग की समस्या है तो इस समस्या के दौरान पैन किलर लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लें।
- टूटी कलाई का उपचार थोड़ा मुश्किल और दर्दभरा है, और यह समस्या तब होती है जब आप अचानक गिर जाएं। इसलिए, आप जोखिम भरे खेल जैसे इनलाइन स्केटिंग के दौरान रिस्टगार्ड का प्रयोग करें।
- डॉक्टर की बताई गयी दवाई की मात्रा से अधिक दवाई न लें। अधिक मात्रा में इसे लेना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
- बच्चों को एस्पिरिन न दें। बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एस्पिरिन हानिकारक हो सकती है।
- अपनी कलाई की स्थिति और स्लिंग के प्रयोग को लेकर अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन करें।
- यदि आपके पास कोई कास्ट है, तो अपने कास्ट को लेकर डॉक्टर के निर्देशों का भी पालन करें। अपना स्प्लिंट या कास्ट सूखा रखें। उनका गीला होना प्रभावित स्थान को नुकसान पहुंचा सकता है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।