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First time Sex: महिलाओं का पहली बार सेक्स के दौरान होने वाले शारीरिक बदलाव

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Surender aggarwal द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/06/2021

    First time Sex: महिलाओं का पहली बार सेक्स के दौरान होने वाले शारीरिक बदलाव

    सेक्स एक स्वस्थ और दिलचस्प शारीरिक गतिविधि है। जिससे शरीर को कई शारीरिक व मानसिक फायदे प्राप्त होते हैं। हालांकि सेक्स का सभी के लिए एक अलग मतलब हो सकता है। विषमलैंगिक लोगों के लिए दूसरे लिंग के पार्टनर के साथ सेक्शुअल कॉन्टैक्ट सेक्स हो सकता है, तो लेस्बियन या गे लोगों के लिए समान लिंग के पार्टनर के साथ सेक्शुअल कॉन्टैक्ट सेक्स हो सकता है। खैर, किसी भी लिंग के व्यक्ति के लिए सेक्स का कोई भी मतलब हो, लेकिन यह एक्टिविटी समान रूप से खास होती है। इसी तरह, महिलाओं के लिए भी सेक्स खास महत्व और जरूरत रखता है। लड़कियों या महिलाओं के पहली बार सेक्स के दौरान कई तरह के शारीरिक बदलाव, चिंता, सवाल और डर होते हैं, जिससे जुड़ी मेडिकल जानकारी आज आप जानेंगे।

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    महिलाओं का पहली बार सेक्स के दौरान आने वाले शारीरिक बदलाव

    महिलाओं का पहली बार सेक्स के दौरान कई शारीरिक बदलाव होते हैं, जो अमूमन हर बार सेक्स करने के दौरान शरीर में होते हैं। हालांकि इसमें आपके उत्साह संबंधी बदलाव हो सकते हैं। लेकिन मुख्य रूप से महिलाओं के पहली बार सेक्स के दौरान ये बदलाव आते हैं। जैसे-

    1. महिलाओं का पहली बार सेक्स करने के बाद वजायना की इलास्टिसिटी में बदलाव आता है। पहली बार सेक्स करने के बाद वजायना पेनिट्रेशन के लिए अभ्यस्त होने के लिए कुछ समय ले सकती है। लेकिन हर बार सेक्स करने पर यह इलास्टिसिटी बेहतर होती जाती है। इसके साथ ही समय के साथ वजायना नेचुरल ल्यूब्रिकेशन की प्रक्रिया में भी अभ्यस्त होने लगती है।
    2. महिलाओं का पहली बार सेक्स के दौरान उनके ब्रेस्ट में एक तरह की सूजन आ जाती है या वे सामान्य से बड़े नजर आते हैं। ऐसा ब्लड सर्कुलेशन तेज होने की वजह से होता है। हालांकि सेक्स या ऑर्गेज्म (Orgasm) के बाद यह स्थिति सामान्य हो जाती है।
    3. महिलाओं का पहली बार सेक्स करने के बाद सेरोटोनिन, डोपामाइन, ऑक्सीटोसिन आदि हैप्पी हॉर्मोन का उत्पादन होने लगता है। जिससे आपका मूड खुशनुमा होता है और तनाव, डिप्रेशन (Depression) आदि से राहत मिलती है।
    4. महिलाओं में पहली बार सेक्स के बाद क्लिटोरिस भी सामान्य से बड़ा हो जाता है और यूट्रस थोड़ा एक्टिव होने लगता है। जिसके बाद ये शारीरिक अंग सेक्स के दौरान आने वाले बदलावों के अभ्यस्त हो जाते हैं। हालांकि, सेक्स के बाद यह अपनी सामान्य स्थिति में लौट आते हैं।
    5. महिलाओं में पहली बार सेक्स के दौरान ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने से निपल्स ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं।
    6. महिलाओं में पहली बार सेक्स करने के बाद शरीर में हॉर्मोनल चेंज होने की वजह से पीरियड्स में देरी हो सकती है। लेकिन, घबराने की कोई बात नहीं है, यह प्रेग्नेंसी का लक्षण नहीं होता।
    7. महिलाओं के पहली बार सेक्स करने के बाद भावनात्मक बदलाव आ सकते हैं। जिसकी वजह से आप, पहली बार सेक्स करने के बाद खुश और दुखी दोनों हो सकती हैं। लेकिन, ऐसा शरीर में हॉर्मोनल चेंज होने की वजह से होता है। इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है।
    8. असुरक्षित सेक्स की वजह से इंफेक्शन का खतरा महिलाओं में बना रहता है

    महिलाओं के पहली बार शारीरिक संबंध के चरण

    पुरुषों और महिलाओं के पहली बार सेक्स के कुछ चरण होते हैं, जिनसे वे गुजरते हैं। हालांकि, इन चरणों से आपको हर बार सेक्स करने के दौरान गुजना होता है। जो कि थोड़े-बहुत भिन्न हो सकते हैं। जैसे-

    पहला चरण- महिलाओं के पहली बार सेक्स करते हुए सबसे उत्तेजना होना शुरू हो जाती है। जो कि सेक्शुअल स्टिमुलेशन के शुरू होने के 10 से 30 सेकेंड के भीतर होने लगता है। इसमें, महिलाओं में वजायनल ल्यूब्रिकेशन होने लगता है और वह एक्सपैंड होने लगती है। इस दौरान, महिलाओं की वजायना के आउटर लिप्स, इनर लिप्स, क्लिटोरिस और कभी-कभी ब्रेस्ट में सूजन आने लगती है।  इस दौरान, महिलाओं की धड़कन, ब्लड प्रेशर और सांसें चढ़ने लगती हैं।

    दूसरा चरण- महिलाओं के पहली बार सेक्स करते हुए इसके बाद दूसरा चरण आता है। जो कि पहले चरण से शुरू होकर बाद तक रहता है। इसमें, वजायनल लिप्स उभर कर दिखने लगते हैं। वजायना की ओपनिंग कम संकरी होने लगती है। इस दौरान महिलाओं के वजायनल लिप्स का रंग भी बदल सकता है, हालांकि इसे नोटिस कर पाना बहुत मुश्किल है।

    तीसरा चरण- महिलाओं के पहली बार सेक्स के दौरान तीसरे चरण में ऑर्गेज्म प्राप्त होता है। यह पूरी प्रक्रिया का सबसे छोटा चरण होता है। इस दौरान महिलाओं की वजायना वॉल का फर्स्ट थर्ड हिस्सा लयबद्ध तरीके से संकुचित होने लगता है। इस दौरान, दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशर (Blood pressure) और सांसे अपने चरम पर होती हैं और मसल्स कठोर हो जाती हैं। हालांकि, महिलाओं का ऑर्गेज्म पुरुषों की तरह नहीं होता। एक्सपर्ट्स यह भी कहते हैं कि ऑर्गेज्म हर महिला को हो ऐसा जरूरी नहीं है।

    चौथा चरण- महिलाओं के पहली बार सेक्स करते हुए चौथे चरण में शरीर सामान्य स्थिति में जाने लगता है। यह चरण थोड़ा लंबा भी हो सकता है, जो कि महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होता है। कुछ महिलाओं को अतिरिक्त स्टिमुलेशन और ऑर्गेज्म भी मिल सकता है।

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    महिलाओं के पहली बार सेक्स के दौरान होने वाले दर्द से संबंधित बातें क्या हैं?

    महिलाओं के पहली बार सेक्स के दौरान होने वाले दर्द को लेकर काफी चिंता होती है। जिसे कम करने या उसे हैंडल करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखा जा सकता है। जैसे-

    1. पहली बात यह है कि, सभी महिलाओं के फर्स्ट टाइस सेक्स का अनुभव अलग-अलग हो सकता है। कुछ को ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ सकता है और इसके विपरीत कुछ महिलाओं को थोड़े-बहुत दर्द का सामना करना पड़ सकता है।
    2. महिलाओं के फर्स्ट टाइस सेक्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करने के लिए पार्टनर को सेक्स प्रक्रिया को धीरे-धीरे शुरू करना चाहिए। क्योंकि, कठोर या तेज पेनिट्रेशन से वजायनल टिश्यू क्षतिग्रस्त हो सकते हैं,  जिससे गंभीर ब्लीडिंग हो सकती है।
    3. महिलाओं के पहली बार सेक्स के दौरान पर्याप्त ल्यूब्रिकेशन का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे, दर्द में राहत मिलेगी और आप पूरा आनंद ले पाएंगी।
    4. अगर महिलाओं के फर्स्ट टाइस सेक्स के बाद ज्यादा ब्लीडिंग या दर्द हो रहा है, तो उन्हें डॉक्टर से बात करनी चाहिए। हालांकि, फर्स्ट टाइम सेक्स के बाद थोड़ी बहुत ब्लीडिंग या दर्द होना स्वाभाविक है। कई बार, यह हाइमन के टूटने की वजह से भी होता है।
    5. महिलाओं के पहली बार सेक्स करने से पहले पर्याप्त फोरप्ले महत्वपूर्ण होता है। फोरप्ले शरीर में ब्लड सर्कुलेशन तेज करने में मदद करता है, जिससे वजायना में नैचुरल ल्यूब्रिकेशन होने लगता है। इससे, सेक्स के दौरान दर्द में राहत मिलती है।
    6. महिलाओं के पहली बार सेक्स करते हुए अगर ज्यादा दर्द हो रहा है, तो सेक्स पुजिशन (Sex position) में बदलाव करने से भी इस दर्द को कम किया जा सकता है।

    महिलाओं के पहली बार सेक्स और यौन संचारित रोग

    महिलाओं के पहली बार सेक्स करने से पहले यौन संचारित रोगों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। जिससे किसी गंभीर समस्या या बीमारी से बचाव किया जा सकता है। इसके बचाव के लिए, आप मेल या फीमेल कॉन्डोम (Female Condom) का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, महिलाओं को कुछ वजायनल इंफेक्शन (Vaginal Infection) से भी फर्स्ट टाइम सेक्स करने में दिक्कत हो सकती है, जिसके बाद उनका यह पहला अनुभव काफी तकलीफदायक हो सकता है। इसलिए, फर्स्ट टाइम सेक्स करने से पहले महिलाओं को अपने और अपने पार्टनर के एसटीडी की जांच करवानी चाहिए और अपनी वजायनल हेल्थ के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।

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    महिलाओं के पहली बार सेक्स और वर्जिनिटी

    भारत जैसे देश में महिलाओं की वर्जिनिटी को लेकर कई तरह के मिथक। महिलाओं की वर्जिनिटी को लेकर काफी मतभेद हो सकते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि महिलाओं के पहली बार सेक्स करने के बाद वो भी वजायनल सेक्स करने के बाद वर्जिनिटी खत्म हो जाती है। हालांकि सबसे ज्यादा प्रचलित बात यह है कि, महिलाओं की वर्जिनिटी (Virginity) को उनके हाइमन से जोड़ा जाता है।

    लेकिन हाइमन और वर्जिनिटी का कोई गहरा संबंध नहीं देखा गया है। क्योंकि, कुछ महिलाओं में जन्म से ही हाइमन नहीं होता, ऐसे में उनकी वर्जिनिटी का पता लगाने का कोई तरीका नहीं है। हाइमन एक मेंब्रेन होता है, जो कि वजायना की ओपनिंग से लगा होता है। हर महिला में इसका आकार, साइज और बनावट अलग-अलग हो सकती है। इसलिए, महिलाओं की वर्जिनिटी की जांच करना या उसके बारे में सोचना बिल्कुल गलत है।

    महिलाओं के पहली बार सेक्स का हेल्दी होना क्या है?

    महिलाओं के पहली बार सेक्स के हेल्दी होने से मतलब किसी भी तरह के यौन संचारित रोग या संक्रमण से बचाव करना है। इसके लिए महिलाएं कुछ टेस्ट की मदद ले सकती हैं, जिससे उनके सेक्शुअल हेल्थ के बारे में जानकारी मिल सकती है।

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    फर्स्ट टाइम सेक्स और प्रेग्नेंसी

    कई बार महिलाओं के पहली बार सेक्स के साथ प्रेग्नेंसी का डर भी आता है। दरअसल, महिलाओं के मासिक धर्म के निश्चित समय पर होने वाले ओव्युलेशन पीरियड के दौरान ओवरी एग रिलीज करती है। जो कि पुरुष पार्टनर के सीमन में मौजूद स्पर्म से फर्टिलाइज होता है और यूट्रस में जाकर शिशु के रूप में विकसित होता है।

    लेकिन, अगर आप कॉन्डम या अन्य बर्थ कंट्रोल तरीकों का उपयोग करती हैं, तो आपको डरने की कोई जरूरत नहीं है। अपने स्वास्थ्य के मुताबिक बर्थ कंट्रोल के बेहतर विकल्प के लिए डॉक्टर से बात कर सकती हैं।

    महिलाओं के पहली बार संबंध बनाने के दौरान होने वाली गलतियां

    महिलाएं अपने फर्स्ट टाइम सेक्स के दौरान कई गलतियां करती हैं, जिससे इसका प्लेजर कम हो सकता है। आइए, जानते हैं इन गलतियों के बारे में-

    • महिलाएं फर्स्ट टाइम सेक्स के दौरान खुद शुरुआत न करने की गलती करती हैं। इसके पीछे उनकी अन्य चिंता हो सकती है, जैसे कि पार्टनर के मन में उनकी क्या इमेज बनेगी या अन्य।
    • महिलाओं के पहली बार सेक्स के दौरान कुछ नया करने में हिचकिचाहट होती है। जबकि, ऐसा करने से आपके प्लेजर में कमी हो सकती है। इसके विपरीत, अगर आपका पार्टनर कुछ नया करने के लिए बोले, तो उसे मना न करें।

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    महिलाओं के पहली बार सेक्स करने के लिए सेक्स पोजीशन

    महिलाओं के पहली बार सेक्स करने के दौरान यह सेक्स पोजीशन फायदेमंद साबित हो सकती हैं। जिससे, उनके संवेदनशील अंगों को पर्याप्त उत्तेजना प्राप्त होती हैं।

    • मिशनरी पोजीशन
    • पिलो टॉप पोजीशन
    • सनसेट पोजीशन
    • साइड कडल पोजीशन

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    महिलाओं के पहली बार सेक्स को यादगार बनाने के लिए टिप्स

    महिलाओं के पहली बार सेक्स को यादगार बनाने के लिए निम्नलिखित टिप्स मददगार साबित हो सकते हैं। जैसे-

    1. महिलाओं के पहली बार सेक्स के दौरान जल्दबाजी न करें। जल्दबाजी करने से पार्टनर को सेक्शुअल एक्टिविटी में पर्याप्त समय नहीं मिलता, जिससे यह पल यादगार बनने से चूक सकता है।
    2. महिलाएं कुछ भी ट्राई करने या बोलने से कतराती हैं, जिससे उनकी यौन इच्छाएं मन में ही रह जाती हैं। इसलिए, किसी भी चीज को ट्राई करने के लिए बोलने में हिचकिचाएं नहीं।
    3. महिलाओं के पहली बार सेक्स की बात हो या कभी भी सेक्स करने की, डायट और एक्सरसाइज महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। कुछ खास खाद्य पदार्थ महिलाओं में लिबिडो (Libido) बढ़ाने में मदद करते हैं, वहीं एक्सरसाइज से शरीर में ब्लड फ्लो सुधरता है। जिससे, सेक्स का पूरा मजा उठाया जा सकता है।
    4. महिलाओं के पहली बार सेक्स के दौरान शरीर में कुछ अनजाने बदलाव आ सकते हैं। इनकी वजह से चिंता न करें, क्योंकि यह बदलाव कुछ ही देर के लिए होते हैं और आपके आनंद को बढ़ाने के लिए हॉर्मोनल चेंज होने की वजह से आते हैं। इसलिए, सबकुछ भूलकर सेक्स का प्लेजर लें।

    महिलाओं की सेक्स ड्राइव पुरुषों से कैसे अलग है?

    1. महिला हो या पुरुष सेक्स सभी की शारीरिक जरूरत है। लेकिन, पुरुषों और महिलाओं की सेक्स ड्राइव (Sex drive) में अंतर होता है। आइए, महिलाओं और पुरुष की सेक्स ड्राइव के बारे में भिन्नता जानते हैं।
    2. महिलाएं पुरुषों के मुकाबले सेक्स के बारे में कम सोचती हैं। क्योंकि, अनुमान के मुताबिक पुरुष दिन में कम से कम एक बार सेक्स के बारे में जरूर सोचते हैं। जबकि, सिर्फ एक चौथाई महिलाएं ही पुरुषों की इस फ्रीक्वेंसी को मैच कर पाती हैं। उम्र के साथ महिला और पुरुषों में सेक्स के बारे में सोचने की फ्रीक्वेंसी में कमी आती है। लेकिन, फिर वह महिलाओं पुरुषों के मुकाबले आधा सेक्स के बारे में सोचती हैं।
    3. किसी भी रिलेशनशिप की शुरुआत में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं सेक्स की चाह कम रखती हैं। इसी वजह से महिलाओं के पहली बार सेक्स को लेकर उत्साह से ज्यादा चिंता दिखती है।
    4. महिलाओं के पहली बार सेक्स के दौरान या कभी भी सेक्शुअल टर्न ऑन करने वाले फैक्टर पुरुषों के मुकाबले ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड होते हैं।
    5. पुरुषों से अलग महिलाओं की सेक्स ड्राइव सोशल और कल्चरल फैक्टर से प्रभावित होती है।
    6. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ऑर्गेज्म प्राप्त करने में ज्यादा समय लगता है। एक अनुमान के मुताबिक, पुरुषों को औसतन पेनिट्रेशन से स्खलित होने में 4 मिनट का समय लगता है, जबकि महिलाओं को औसतन 10 मिनट तक लग जाता है।

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