के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
रीढ़ की हड्डी में लगने वाली चोट को स्पाइनल कॉर्ड इंजरी कहते हैं। ये चोट गंभीर होती है। रीढ़ की हड्डी चार भागों में बंटी होती है। हर भाग नसों के उन समूहों की सुरक्षा करता है जो शरीर को नियंत्रित करती हैं। रीढ़ की हड्डी की चोट की गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि चोट किस भाग में लगी है। रीढ़ की हड्डी द्वारा ही दिमाग शरीर के अन्य भागों तक संदेश भेजने का काम करता है। साथ ही रीढ़ की हड्डी शरीर द्वारा दिमाग तक संदेश भी भेजती है।
रीढ़ की हड्डी के माध्यम से दिमाग तक संदेश भेजने के कारण हम शरीर में दर्द का अनुभव कर पाते हैं। इसी के द्वारा शरीर के अंगों को हिला पाते हैं। अगर चोट गर्दन के करीब लगती है तो इससे शरीर के निचले हिस्से में लकवा भी मार सकता है।
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी होना कोई आम बीमारी नहीं है। कहीं गिरने या एक्सीडेंट से ऐसा हो सकता है। स्पाइनल कॉर्ड इंजरी होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे गठिया, कैंसर, सूजन, संक्रमण या रीढ़ की हड्डी की डिस्क का समय के साथ घिसना। इसके अलावा पूरी जानकारी के लिए डॉक्टर की
सलाह लें
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स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के सामान्य लक्षण कुछ इस तरह हैं-
यदि आपको लगता है कि किसी अन्य को स्पाइनल कॉर्ड इंजरी है, तो नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन करें:
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रीढ़ की हड्डी की चोट अक्सर दुर्घटना या हिंसक घटना का परिणाम होती है। निम्नलिखित चीजें रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचा सकती हैं:
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स्पाइन कॉर्ड इंजरी के कई जोखिम कारक हो सकते हैं, जैसे:
इसके अलावा डॉक्टर कुछ टेस्ट भी करते हैं
कि इसे और अधिक नुकसान न पहुंचे। अब स्टेम सेल की मदद से इसका इलाज किया जा रहा है।
होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।
डिस्क्लेमर
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