विकास और व्यवहार
मेरे 24 सप्ताह के शिशु का विकास कैसा होना चाहिए?
आपका शिशु अब लगभग सारी चीजें देख सकता है। उसका संवाद कौशल्य भी काफी तेजी से विकसित हो रहा होता है। वह अपनी प्रतिक्रिया अब भिन्न भिन्न तरह की आवाजें निकलकर जताते हैं।
चौबीसवें सप्ताह तक आपका शिशु यह सब कर सकता है;
- बैठी हुई स्थिति से खड़ा हो सकता है
- किसी वास्तु के सहारे खड़ा हो सकता है
- दूर पड़े खिलोने या वस्तु को उठाने के लिए मेहनत करता है
- वस्तु को एक हाथ से दुसरे हाथ में दे सकता है
- उनमे वयस्कों की तरह सुनने और देखने की क्षमता निर्माण हो चुकी होती है
- कुछ शब्दों का उच्चारण एक साथ कर सकता है
मुझे 24 सप्ताह के शिशु के विकास के लिए क्या करना चाहिए?
क्योंकि इस समय शिशु का संवाद कौशल्य तेजी से विकसित हो रहा होता है। वह हर दिन कुछ न कुछ नया सीखते हैं। आप उन्हें ज्यादा बोलने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं। जब भी वह कुछ कहें उसपर प्रतिक्रिया दें। इससे शिशु को हौसला बढ़ता है और वह आपसे ज्यादा बात करने की कोशिश करता है।
स्वास्थ्य और सुरक्षा
मुझे डॉक्टर से क्या बात करनी चाहिए?
इस सप्ताह आपके डॉक्टर आपको अस्पताल नहीं बुलाते हैं। अगर आपके कोई सवाल हो तो अगली मुलाकात पर वह आप अपने डॉक्टर से पूछ सकती हैं।
मुझे किन बातों की जानकारी होनी चाहिए?
यहां कुछ चीजें हैं जिनकी जानकारी आपको होनी चाहिए।
टीकाकरण:
डॉक्टर इस सप्ताह हेपेटाइटिस बी, टेटनस, पोलियो, खांसी और रोटावायरस के टीके लगवाने की सलाह दे सकते हैं। जहां न्यूमोकोकल के टीके उन्हें बैक्टीरिया मेनिन्जाइटिस, निमोनिया और कान के संक्रमण से लड़ने में मदद करेंगे; वहीं हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी और रोटावायरस वैक्सीन पेट की बिमारियों को पैदा करने वाले कीटाणुओं से लड़ेंगे। इसके अलावा वे इन्फ्लूएंजा का टीका भी ले सकते हैं।
शिशु को टीके के लिए कैसे तैयार करें?
कई बार डॉक्टर और इंजेक्शन को देखकर शिशु दर सकता है। इसलिए शांत रहें और शिशु का ध्यान बटाने के लिए शिशु से बातें करते रहें। ताकि उसका ध्यान आपकी और लगा रहे और डॉक्टर को टीके लगाने में आसानी हो। टीकाकरण के बाद रोते शिशु को चुप कराने के लिए उसे बोतल या पेसिफायर दे दें। कई अध्ययन बताते हैं की स्तनपान करने से शिशु जल्दी शांत हो जाते हैं।
लेकिन टीकाकरण इस बात की पूरी जमानत नहीं देता कि आपका शिशु उस बीमारी से सुरक्षित रहेगा। लेकिन यह उन बीमारियों से लड़ने के लिए आपके शिशु के शरीर को तैयार करने में मदत करता है। टीकाकरण के बाद अपने शिशु का निरिक्षण करें और किसी भी तरह के असाधारण बदलाव दिखाई देने पर अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
फ़ूड एलेर्जी:
अगर परिवार में किसी को एलेर्जी की शिकायत हो तो डॉक्टर शिशु के लिए कुछ सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं;
- अगर आपके परिवार में एलेर्जी की हिस्ट्री रही है तो अधिकांश डॉक्टर वीनिंग में देरी करने की सलाह देते हैं।
- स्तनपान करने वाले शिशुओं में बोतल से दूध पीने वाले शिशुओं की तुलना में एलेर्जी होने की संभावना काफी कम होती है। आपको अपने शिशु को पूरे एक वर्ष तक स्तनपान करना चाहिए।
- अगर आप शिशु को बाहरी आहार भी दे रही हैं तो उन्हें हर सप्ताह कुछ नया खिलाएं। अगर उन्हें किसी सप्ताह खाने से तकलीफ होती है तो आप आसानी से अंदाजा लगा सकती हैं कि किस आहार से शिशु को एलेर्जी है। वह आहार शिशु तो तुरंत रोक देना चाहिए।
- शिशु को सबसे पहले चावल, जौ इत्यादि के सेवन से शुरुवात कराएं। कई जानकारों के मुताबिक इन आहारों से एलेर्जी की संभावना काफी कम हो जाती है
- अपने शिशु को घुमाने के लिए अपनी पीठ का इस्तेमाल करें
जब आपका शिशु बैठने लायक हो जाता है तब आप उसे बाहर घुमाने ले जा सकते हैं। इसके लिए आप बेबी स्लिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रहे बेबी स्लिंग में अपने शिशु को सही से क्लिप से बांधकर बैठाएं ताकि वह वहां से गिरे नहीं। आपका शिशु इस सैर को बेहद पसंद करेगा।
महत्वपूर्ण बातें
मुझे किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
यहां कई चीजें हैं जिनका ख्याल आपको रखना चाहिए।
शिशु को कप का इस्तेमाल करना सिखाएं:
शिशु को कप का इस्तेमाल करना सिखाने के कई फायदे हैं। जैसे कि, उसे यह पता चलता है कि स्तनपान के अलावा भी कई और आहार के विकल्प हैं। वह बोतल से खुद दूध पी सकता है। दूध के अलावा जूस या अन्य पेय भी वह खुद ही पी सकता है। यह कुछ नुस्खें हैं जो शिशु को कप पकड़ना सीखने के लिए काम आते हैं;
- जब तक आपका शिशु सही से बैठ न सके इंतजार करें
- उनके लिए सही कप का चयन करें
- मजबूत कप चुनें। ताकि गिरने पर भी वह न टूटे
- अगर आपका शिशु कोई गलती करता है तो गुस्सा न हो उसे थोड़ा समय दें
- अपने बच्चे पर जल्दबाजी का दबाव न डालें
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