बच्चे के जन्म के बाद माता-पिता में यह उत्सुकता होती है कि आखिरकार बच्चा उन्हें देखकर कैसी प्रतिक्रिया देगा? बच्चा कैसे हंसेगा और कैसे खिलखिलाएगा। बच्चे के जन्म के बाद पहला महीना बहुत खास होता है। बच्चे का विकास धीमे-धीमे होता है और इसी तरह 4 सप्ताह के दौरान उसके उसके शरीर में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन भी होते हैं। शुरुआत में बच्चा दूध पीना, हाथों से कुछ पकड़ना या फिर भूख लगने पर रोना आदि प्रतिक्रिया देता है। जन्म के बाद पहले महीने में कुछ बच्चे मुस्कुरा भी सकते हैं लेकिन यह कम ही होता है आइए जानते हैं कि बच्चे के जन्म के 1 माह के अंदर उसके शरीर में क्या परिवर्तन होते हैं। जानिए बेबी का पहला महीना (Baby Month 1) कैसा होता है और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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बेबी का पहला महीना (Baby Month 1)
पहले महीने में बच्चा ध्यान केंद्रित करना शुरू कर देता है। अगर बच्चे के आसपास कोई भी चीज चलती हुई दिखती है, तो बच्चा उसे से ध्यान से देखना शुरू कर देता हैं। अगर बच्चे की आंख से लगभग 45 सेंटीमीटर की दूरी पर कोई वस्तु रखी है, तो बच्चा उसे ध्यान से देखेगा। 1 महीने की उम्र तक बच्चे अपने माता-पिता को पहचानना शुरू कर देते हैं। 1 महीने के बच्चे को आपकी आवाज समझ आने लगती है लेकिन अगर उनसे तेज आवाज में बात की जाए, तो वह चौंक भी सकते हैं या फिर पलके झुका सकते हैं या तेजी से सांस लेना शुरू कर सकते हैं। पहले महीने के आखिरी तक ज्यादातर बच्चे सिर उठा सकते हैं और ऐसा तब होता है। जब आप बच्चे को पेट के बल लिटा देते हैं। बच्चे अपना सिर एक तरफ हल्का मोड़ भी सकते हैं क्योंकि 1 महीने का पूरा होने पर बच्चे की मसल्स थोड़ा बहुत मजबूत होना शुरू हो जाती हैं।
1 महीने की उम्र में भूख लगने पर बच्चा अंगूठा चूसना भी शुरू कर देता है। हालांकि मुंह में अंगूठा डालने की आदत गर्भ में ही शुरू हो जाती है लेकिन बच्चे को भूख लगने पर भी आमतौर पर बच्चे ये आदत अपनाते हैं।
बेबी का पहला महीना: बच्चे के विकास में कैसे कर सकते हैं मदद?
बच्चे का डेवलपमेंट जन्म के बाद धीमे-धीमे होता है। अगर आप बच्चे के विकास के लिए कुछ काम करना चाहते हैं, तो आप उसके लिए एक बेहतरीन वातावरण तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आपको बच्चे के साथ अधिक से अधिक समय बिताना चाहिए। आपको बच्चे की आंखों में गहराई से देखना चाहिए और कुछ एक स्पेशल एक्सप्रेशन देना चाहिए। बच्चे ऐसा देखकर अपनापन महसूस करते हैं और खुद को सुरक्षित भी महसूस करते हैं।
आप बच्चे के साथ समय बिताते समय उससे बातें भी कर सकते हैं। और उन्हें कोई लोरी या गाना भी सुना सकते हैं। बच्चे भले ही आपकी बातों को समझ नहीं पाएंगे लेकिन आपकी आवाज सुनकर उन्हें बहुत अच्छा महसूस होगा और उनके साथ आपका रिश्ता भी मजबूत होगा। आप बच्चे को कुछ समय के लिए पेट के बल लिटा कर उसकी गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं। जब आप बच्चे को पेट के बल लिटाते हैं, तो बच्चा सिर उठाने का प्रयास करता है। जब भी आप ऐसा करें उस पर पूरी नजर बनाए रखें ऐसा। आप कुछ मिनट के लिए ही ऐसा करें। दूध पिलाने के बाद बच्चे को कभी भी पेट के बल ना लिटाएं वरना दूध मुंह से बाहर आ सकता है।
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बेबी का पहला महीना: डेवलपमेंट प्रॉब्लम क्या हो सकती हैं?
बेबी का पहला महीना बहुत खास होता है। इस दौरान शरीर विकास कर रहा होता है और बच्चा भी अपने आसपास की चीजों को समझने की कोशिश कर रहा होता है। हर बच्चे का डेवलपमेंट रेट अलग-अलग हो सकता है और हर बच्चे की जरूरत भी कुछ अलग हो सकती है। अगर आपका बच्चा निम्न प्रकार से रिएक्ट कर रहा है या फिर आपको निम्न परेशानियां दिखाई देती हैं, तो ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- अगर बचा सही से दूध नहीं पी रहा है।
- अगर बच्चा 16 घंटे से ज्यादा सो रहा है।
- अगर बच्चा हाथ या पैर नहीं हिला रहा है।
- अगर बच्चा आपको देखने के बाद या किसी भी वस्तु को देखने के बाद रिस्पांस नहीं कर रहा है।
- अगर बच्चा मुंह से आवाज नहीं निकाल रहा है।
- अगर बच्चा तेज आवाज होने पर भी रिएक्ट नहीं कर रहा है।
- बच्चे के अधिक रोना या अधिक सोना परेशानी वाली बात हो सकती है।
दी गई समस्या महसूस करने पर आपको तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए क्योंकि यह परेशानियां किसी गंभीर समस्या से भी जुड़ी हो सकती हैं। अगर बच्चे एक या 2 दिन ज्यादा देर तक सो जाता है, तो इसमें परेशान होने की बात नहीं है लेकिन अगर यह बच्चे की आदत बन चुकी है, तो ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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बेबी का पहला महीना: बच्चे की नींद को लेकर कहीं परेशान तो नहीं है आप?
हो सकता है कि आप नवजात शिशु के सोने के घंटों को लेकर दुविधा में हो? हम आपको बता दें कि बच्चे जन्म के कुछ समय बाद तक अधिक मात्रा में नींद लेते हैं लेकिन वह एक साथ नहीं सोते हैं। बच्चे 14 से 17 घंटे सो सकते हैं लेकिन 1 से 2 घंटे के अंतराल पर वह फीड करते हैं और उसके बाद सोते हैं। नेशनल स्लीप फाउंडेशन का कहना है कि नवजात शिशुओं को 14 से 17 घंटे सोना चाहिए। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा भले ही 14 घंटे तक सोए लेकिन 1 से 2 घंटे के भीतर वह दूध जरूर पिए। बच्चे की अन्य गतिविधियों पर भी नजर रखें।
बच्चे जन्म के बाद कई बार फीड कर सकते हैं। अक्सर माओं के मन में यह सवाल होता है कि आखिर बच्चा 1 दिन में कितनी बार फीड करेगा। जन्म के पहले सप्ताह में बच्चा 12 से 14 बार फीड कर सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे का पेट छोटा होता है और उन्हें जल्दी भूख लगती है। जैसे जैसे बच्चे का पेट बड़ा होने लगता है, बच्चे का फीड टाइम कम हो जाता है।
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एक दिन में कितनी बार पूप करता है?
1 माह का बच्चा दिन में 5 से 6 बार मल या स्टूल कर सकता है। जब बच्चा पैदा होता है, तो उसके पूप का रंग काला होता है, जो कि 1 से 2 दिन बाद सामान्य हो जाता है। आपको 1 दिन में कम से कम 5 से 6 डायपर बदलने पड़ सकते हैं। बच्चे के पूप के संबंध में आप डॉक्टर से अधिक जानकारी ले सकते हैं।
बच्चे के जन्म के 1 से 2 सप्ताह बाद अंबलिकल कॉर्ड सूख कर अपने आप गिर जाती है। इस दौरान आपको उस जगह की सफाई का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। साथ ही कुछ बच्चों में अंबलिकल हर्निया की भी समस्या हो जाती है। वैसे तो ऐसे खतरनाक नहीं माना जाता है लेकिन आप जरूरत पड़ने पर डॉक्टर को दिखा सकते हैं। अगर आपका बेबी रोजाना 12 से 14 घंटे की नींद ले रहा है और साथ ही पूप भी प्रॉपर कर रहा है, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसका मतलब है कि बेबी की ग्रोथ अच्छी हो रही है। समय पर आप बच्चे के वैक्सिनेशन लगवाएं और अगर आपको किसी भी प्रकार की परेशानी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इस आर्टिकल में हमने आपको बेबी का पहला महीना कैसा होता है, इसके बारे में अहम जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको पेरेंटिंग के संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हैलो हेल्थ की वेबसाइट में आपको अधिक जानकारी मिल जाएगी।
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