डिलिवरी के बाद मां के मन में जो अहम सवाल या फिर यूं कह लें कि परेशानी की वजह होती है, वो है स्तनपान यानी ब्रेस्टफीडिंग। कुछ महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं बन पाता है, तो कुछ केस में बच्चे शुरुआत में ठीक से दूध नहीं पी पाते हैं। ये तो स्तनपान से जुड़ी मामुली समस्याएं हैं, जिनका समाधान भी आसानी से हो जाता है। अब हम आपसे स्तनपान से जुड़ी उस समस्या के बारे में बात करेंगे, जो मामूली नहीं है। जी हां! ये विषय जुड़ा है ब्रेस्ट इम्प्लांट्स के साथ ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding With Breast Implants) कराने से। ब्रेस्ट कैंसर या फिर मैस्टेक्टमी (Mastectomy) के बाद महिलाओं को ब्रेस्ट इम्प्लांट्स की जरूरत पड़ती है। अगर सर्जरी में ज्यादा कॉम्प्लीकेशन न हो, महिलाएं इम्प्लांट्स के बाद भी बच्चे को दूध पिला सकती हैं। कुछ केसेज में ये संभव नहीं होता पाता है लेकिन कुछ में ब्रेस्टफीडिंग की संभावना रहती है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको ब्रेस्ट इम्प्लांट्स के साथ ब्रेस्टफीडिंग के बारे में कुछ अहम जानकारी देंगे।