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बिहेवियर चार्ट्स : छोटे बच्चों में अच्छी आदतें विकसित करने का मजेदार तरीका!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 11/08/2021

    बिहेवियर चार्ट्स : छोटे बच्चों में अच्छी आदतें विकसित करने का मजेदार तरीका!

    वयस्कों की तरह ही बच्चों के लिए भी लक्ष्य अगर स्पष्ट और लिखा हुआ हो, तो बेहतर होता है। बच्चों के साथ इन गोल्स को शेयर करने और उसे अचीव करने के लिए प्रेरित करने का अच्छा तरीका है बिहेवियर चार्ट (Behavior Chart)। इसके जरिए बच्चों की प्रॉग्रेस को भी मॉनिटर किया जा सकता है। कई प्रकार के बिहेवियर चार्ट (Behavior Chart) और रिवार्ड सिस्टम हैं जो बच्चों को उनके व्यवहार में बदलाव करने के साथ ही रूटीन पर स्टिक रहने में मदद करते हैं। इन चार्ट्स की मदद से पेरेंट्स को बच्चों की प्रॉग्रेस पर नजर रखने में आसानी होती है। बिहेवियर चार्ट बच्चों को मोटिवेट करने का एक ऐसा विजुअल तरीका है जिसे वे एंजॉय करते हैं। यहां कुछ खास बिहेवियर चार्ट के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसकी मदद से आप भी अपने बच्चे के लिए बिहेवियर चार्ट बना सकते हैं।

    स्टिकर चार्ट् (Sticker Chart)

    स्टिकर चार्ट्स बच्चों के लिए एक बिहेवियर चार्ट (Behavior Chart) का क्लासिक डीआईवाय उदाहरण है। यह टॉडलर्स और प्रीस्कूलर्स (Toddlers and Preschoolers) को नया बिहेवियर सिखाने के लिए मददगार है। जैसे कि उन्हें ‘पॉट्टी ट्रेनिंग’ देना हो या ‘थैंक्यू कहना’ सिखाना। यह चार्ट उन बच्चों के लिए बेहतरीन है जो कुछ मटेरियल रिवार्ड पाने की जगह तारीफ पाना पसंद करते हैं। कुछ बच्चों के लिए स्टिकर अर्न करना उन्हें अपने व्यवहार में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है।

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    स्टिकर चार्ट कैसे काम करता है? (How sticker chart work)

    एक स्टिकर चार्ट तैयार करें जिसमें बिहेवियर की लिस्ट बनाएं जिन्हें आप बच्चे में ट्रैक करना चाहते हैं। जब भी आपका छोटू पॉजिटिव व्यवहार करे चार्ट पर एक स्टिकर प्लेस करें। अगर आप पॉट्टी ट्रेनिंग (Potty Training) दे रहे हैं और टॉडलर्स जब पॉट्टी के लिए टॉयलेट यूज करता है, तो उसे आपको एक स्टिकर देना होगा।

    स्टिकर चार्ट को सक्सेसफुल बनाने के लिए टिप्स

  • बिहेवियर चार्ट (Behavior Chart) में से एक स्टिकर चार्ट को अपने बच्चे की पसंद के अनुसार सजाएं। उसमें सुपरहीरोज के फोटोज, बटरफ्लाय, कार्टून कैरेक्टर आदि को शामिल करें। साथ ही ऐसे स्टिकर को शामिल करें जो उन्हें बेहद पसंद हों।
  • हो सकता है कि बच्चा स्टिकर चार्ट को जल्दी ना समझें। इसलिए उन्हें अच्छी तरह से और साफ तौर पर समझाएं कि इस चार्ट का उद्देश्य क्या है? उदाहरण के लिए उन्हें बताएं कि अगर वे पॉट्टी के लिए टॉयलेट का उपयोग करेंगे तो उन्हें स्टिकर मिलेगा।
  • कंफ्यूजन से बचने के लिए एक समय पर एक ही बिहेवियर को ट्रैक करें।
  • बच्चों के मनचाहा व्यवहार करने पर उन्हें रिवार्ड (Reward) देने में देर ना करें, नहीं तो छोटा बच्चा यह नहीं समझ पाएगा कि उसे रिवार्ड क्यों दिया जा रहा है।
  • वीकली पॉइंट्स चार्ट (Weekly points chart)

    वीकली पॉइंट्स चार्ट का फोकस बच्चों को नई चीजें सिखाने की जगह अभी के बिहेवियर में बदलाव करना होता है। इस बिहेवियर चार्ट (Behavior Chart) में पॉजिटिव एक्शन करने पर बच्चों को रिवार्ड दिया जाता है। यह चार्ट भी प्री-स्कूलर्स के साथ ही स्कूल एज चिल्ड्रन के लिए भी अच्छा है।

    वीकली पॉइंट्स चार्ट कैसे काम करता है? (How a weekly points chart work)

    हर हफ्ते आप बच्चों में जो बदलाव देखना चाहते हैं उसके अनुसार एक चार्ट बना सकते हैं। जैसे कि टेबल सेट करना, सिबिलिंग्स से झगड़ा नहीं करना, बेड तैयार करना आदि। हर सक्सेसफुल बिहेवियर के लिए बच्चे को पॉइंट्स दें। जब वे एक निश्चित माइलस्टोन्स (Milestones) तक पहुंच जाते हैं और अच्छे पॉइंट्स प्राप्त कर लेते हैं, तो उन्हें रिवार्ड देना होगा। इस रिवार्ड में देर से सोना, पार्क का ट्रिप, नई किताब, एक्सट्रा टीवी टाइम या बाइक राइड हो सकता है।

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    वीकली पॉइंट्स चार्ट (Weekly points chart) के लिए टिप्स

    बिहेवियर चार्ट

    • इस चार्ट को पेरेंट्स अपनी इच्छा के अनुसार कस्टमाइज भी कर सकते हैं।
    • जैसे बच्चों के बुरे व्यवहार पर उनके पॉइंट्स काटे जा सकते हैं या किसी काम को या सभी कामों को 6 बजे से पहले करने पर हर दिन पॉइंट्स मिल सकते हैं।
    • अपने बच्चे से चार्ट के बारे में बात करें और उनकी पसंद के अनुसार रिवार्ड का चयन करें। यह उन्हें सिस्टम को फॉलो करने के लिए मोटिवेट करेगा।

    कलर बिहेवियर चार्ट (Color Behavior Chart)

    बच्चों के लिए कलर चार्ट्स का उपयोग उनके व्यवहार को ट्रैक करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह बिहेवियर चार्ट (Behavior Chart) टॉडलर्स के साथ ही स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए भी उपयोगी है।

    कलर चार्ट कैसे काम करता है? (How Color chart work)

    बिहेवियर चार्ट (Behavior Chart) में से एक इस चार्ट के लिए आप चाहे तो ऑनलाइन मिलने वाले चार्ट का प्रिंट ले सकते हैं या अपने लिए नया कलर चार्ट क्रिएट कर सकते हैं। इसके लिए 6 या 7 कलर्स का चुनाव करें और चार्ट पर वर्टिकली चिपका दें। हर कलर एक निश्चित बिहेवियर को प्रदर्शित करेगा। बुरे बिहेवियर के लिए नीचे से शुरू करते हुए अच्छे बिहेवियर के लिए टॉप को चुनें। आप बच्चे के पूरे दिन के बिहेवियर के अनुसार कलर्स को ऊपर नीचे कर सकते हैं।

    उदाहरण के लिए पेरेंट्स चॉइस (Parent’s Choice), थिंक अबाउट इट (Think about it), रेडी टू लिसन (Ready to listen), गुड डे (Good day), ग्रेट जॉब (Great job) और आउटस्टैंडिंग (Outstanding) के लिए 6 कलर डिसाइड करें। हर दिन बच्चा अपना दिन रेड टू लिसन जिसमें कोई भी पसंदीदा कलर के साथ शुरू कर सकता है। अगर चाइल्ड आउटस्टैंडिंग के कलर तक पहुंच जाता है, तो उस कुछ रिवार्ड मिलेगा, जिसमें 15 मिनट देर तक सोना हो सकता है, लेकिन अगर वह नीचे पेरेंट चॉइस पर पहुंचता है तो उसे पेरेंट की इच्छा के अनुसार परिणाम झेलने होंगे जिसमें जल्दी उठना, अपने टेबल की सफाई करना हो सकता है।

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    कलर चार्ट (Color chart) के लिए टिप्स

    • जब बच्चा कलर चार्ट में नीचे पहुंचने लगे, तो उन्हें क्लियरली बताएं कि तमने अपनी बहन के खिलौने चुराए हैं इसलिए तुम नीचे आ रहे हो।
    • बच्चे से कलर चार्ट को डेकोरेट करने में मदद लें।
    • चार्ट पर स्टिक रहें। अनुशासन के लिए नियमितता जरूरी है।

    रूटीन चार्ट (Routine Chart)

    बिहेवियर चार्ट

    बच्चे तभी कामयाबी का स्वाद चखते हैं जब उनके लाइफ एक प्रकार के स्ट्रक्चर और रूल्स के साथ चलती है। रूटीन चार्ट का उपयोग करने से घर में एक अच्छा रूटीन डेवलप करने में मदद मिल सकती है। बिहेवियर चार्ट (Behavior Chart) में से एक इस चार्ट का उपयोग सुबह के रूटीन, रात के रूटीन और हर दिन का शेड्यूल बनाने के लिए किया जा सकता है। इस चार्ट को बनाने के लिए आप बच्चे की भी मदद ले सकते हैं।

    रूटीन चार्ट कैसे काम करता है? (How a routine chart works)

    एक शेड्यूल बनाएं जिसमें बच्चे के रूटीन की आउटलाइन्स हों। आप जो रूटीन चार्ट बनाना चाहते हैं बना सकते हैं। जिसमें आपको होमवर्क करना, ब्रश करना, ड्रेसअप होना, पजामा पहनना आदि को शामिल करना होगा। इसके अलावा कोई दूसरा टास्क भी इसमें शामिल किया जा सकता है जो बच्चे स्वंतत्रता पूर्वक करवाना चाहते हैं।

    रूटीन चार्ट (Routine chart) के लिए टिप्स

    • एक स्पष्ट रूटीन आपके बच्चे को अधिक जिम्मेदार बनने में मदद करेगा।
    • प्रीस्कूलर के लिए एक साधारण चार्ट में दो या तीन चीजें शामिल हो सकती हैं जो उन्हें सुबह तैयार होने में मदद करेंगी।
    • बड़े बच्चे के लिए एक नियमित चार्ट संकेत दे सकता है कि कब होमवर्क करने का समय है और कब रात के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स को दूर रखने का समय है।
    • यदि आपका बच्चा पढ़ नहीं सकता है, तो प्रत्येक गतिविधि को दर्शाने के लिए चित्रों का उपयोग करें। अपने रूटीन चार्ट को घर के ऐसे एरिया में लगाएं जहां आपके बच्चे को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होगी- बेडरूम या बाथरूम में।
    • अपने बच्चे को बालों में कंघी करने या अपने दांत ब्रश करने के लिए लगातार याद दिलाने के बजाय, “टू-डू’ लिस्ट के प्रकार के रूप में एक रूटीन चार्ट का उपयोग करें।

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    उम्मीद करते हैं कि आपको बच्चों के लिए बिहेवियर चार्ट (Behavior Chart) कैसे तैयार करना है और इसके फायदे क्या हैं इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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