नींद के दौरान सांस लेने में परेशानी होना और सोते समय जोर से या भारी सांस लेना शामिल है। साथ ही साथ आप उनके दिन के व्यवहार में बदलाव को भी देख सकते हैं। यदि आपका बच्चा दिन के दौरान ऊंघता हुआ, नींद से भरा हुआ लगता है, तो ऐसे में डॉक्टर से इस बारे में चर्चा करें।
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बेड टाइम रूटिन के लिए खेलना भी है जरूरी
“टू ट्रुथ्स एंड ए फेक’ छोटे होने पर हमारा एक पसंदीदा खेल है, जिसमें प्रत्येक दिन उस दिन की गई तीन चीजों को कहते हैं, जिनमें से केवल दो वास्तविक होती हैं। यह एक मनोरंजक खेल है, जो परिवार में हर किसी को अपने अनुभवों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह बच्चों को अपने दिन के बारे में सोचने, घटनाओं और सोने के लिए अपने दिमाग को आराम देने में मदद करता है। आप बच्चों के बेड टाइम रूटिन में इसी तरह के अन्य खेल या एक्टिविटीज को शामिल कर सकते हैं। ऐसा करने से बच्चों के सोने और जागने का समय निर्धारित करने में मदद मिलती है।
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हर रात ऑन टाइम योजना का पालन करें
एक शोध के अनुसार, बच्चों के बिस्तर की स्थिरता, सोने के घंटों आदि उनका दिमाग विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन में सामने आया कि जो बच्चे बिना बेड टाइम रूटिन के नींद लेते हैं। उनको भविष्य में व्यवहार संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह अच्छी दिनचर्या के साथ शुरू होता है, जो बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए डरने के बजाय सोने के समय की इशारा करता है। बेड टाइम रूटीन को फॉलो करेंगे, तो एक दिन अपने बच्चों को बोलते सुनेंगे “मम्मी, यह सोने का समय है!’