बच्चे के खड़े होने का पल रिकॉर्ड करें
अपने बच्चे के हर एक पल के बहुत सारे फोटो और वीडियो लेना भी न भूलें क्योंकि इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता हैं और वो आगे बढ़ने की और कोशिश करते हैं।
बच्चों के गोल-मटोल पैरों को चलते हुए देखने के साथ अपने बच्चे के जोश को देखने से बेहतर शायद ही कुछ होगा खासकर जब वह अपना पहला कदम रख रहे हों। यह केवल उनका पहला कदम नहीं होता बल्कि यह उनके लिए अपने आप को स्वतंत्र रुप से चलते हुए देखने का पहला मौका होता है।
आप जितनी ज्यादा यादें अपने बच्चे के बचपन से चुराते हैं उतना ही ज्यादा आप उन्हें बड़ें होने पर सरप्राइज दे सकते हैं। ये यादें आपके साथ-साथ आपके बच्चे के लिए भी खास होती हैंं।
बच्चों को खड़ा होना सीखाना हो, तो थोड़ी प्लानिंग माता-पिता को भी करनी ही पड़ती है, जिससे आने वाले समय में वह अपने बच्चे को उसके द्वारा की गई चीजें दिखा सकें।
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बच्चों को खड़े होना सीखाना है तो ये भी करें
बच्चों को खड़े होना सीखाना है, तो अपने बच्चे को बहुत सारी चीजें देखने और करने के लिए दें। अपने घर के गार्डन और आस-पास घूमें या घर के आसपास बच्चो को खुली जगह पर ले जाएं। घर पर आप तकिए या छोटे डब्बे का रास्ता बनाए और अपने बच्चे को इसके माध्यम से चलने, चढ़ने और क्रॉल करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। बच्चों को खड़े होना सीखाना हो, तो उसे खूब सारी बॉल दें जिसे वह पैर से मार सके और फेंक सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि आप बच्चों को खड़ा होना सिखाने के लिए ये कर सकते हैः
- हर रोज कम से कम 30 मिनट बच्चों को एक्सरसाइज या कोई एक्टिविटी कराएं जैसे कि खेल के मैदान पर खेलना या टहलने जाना।
- हर दिन कम से कम एक घंटे का अनस्ट्रक्चर्ड फ्री प्ले कराएं, जिसमें वो खिलौनों के साथ खेल सकें
- सोते समय को छोड़कर बच्चों को एक घंटे से ज्यादा देर के लिए इनएक्टिव न रहने दें
- इनडोर और आउटडोर प्ले के लिए ऐसे क्षेत्र चुनें जहां बच्चों की सुरक्षा के सही इंतजाम हो
बच्चों को खड़े होना सीखाना हर माता-पिता की पहली और जरूरी जिम्मेदारी है। अगर आप भी इन बातों का ध्यान रखते हैं, तो आपके लिए बच्चे का पहला कदम रखने की शुरुआत आसान हो सकती है।