कई बच्चे जन्म के बाद बहुत कमजोर होते हैं, उन्हें खुद को संभालने और पैरों पर खड़े होने में बहुत वक्त लग जाता है। एक औसत स्वस्थ बच्चा छह से आठ माह की उम्र तक बैठने की कोशिश करने लगता है। वहीं 12 महीने की उम्र बच्चा चलने की भी कोशिश करता है। कई बार कुछ बच्चों के लिए यह भिन्न हो सकता है। जिन बच्चों के शारीरिक विकास में कठिनाई होती है जैसे – बैठने, चलने, खड़ा होने में कुछ समस्या होती है।
जेम्स ड्रेवर के अनुसार “ फंक्शनल डेवलपमेंट (Functional development) का संबंध मांसपेशियों के फंक्शन (Functions of muscles) से है। बच्चे में इस शारीरिक भिन्नता से कई बार पेरेंट्स परेशान हो जाते हैं। इसे मोटर स्किल डिसऑर्डर (Motor Skills Disorder) कहते हैं।”
यह भी पढ़ें : बच्चे की दूसरों से तुलना न करें, नहीं तो हो सकते हैं ये नकारात्मक प्रभाव
मोटर स्किल डिसऑर्डर (Motor Skills Disorder) क्या है?
जब बच्चे आमतौर पर बैठने, खड़े होने, चलने आदि को देर से विकसित करते हैं, तो वह विकास समन्वय विकार की श्रेणी में आता है। यह एक विकासात्मक समस्या के कारण हो सकता है। विकास समन्वय विकार एक ऐसी ही स्थिति है, जिसमे बच्चे खुद के पैरों पर चलने या खुद से उठकर बैठने में देर करते हैं। यह मोटर स्किल डिसऑर्डर के कैटेगरी में आता है। उदाहरण के लिए, आप सोच सकते हैं कि मुझे अपने जूते बांधने की जरूरत है, आपका दिमाग जानता है कि जूते कैसे बांधना है। लेकिन, आपका हाथ आपके दिमाग के निर्देशों का पालन नहीं कर पाता है।
यह भी पढ़ें : बच्चे की दूसरों से तुलना न करें, नहीं तो हो सकते हैं ये नकारात्मक प्रभाव
मोटर स्किल डिसऑर्डर के लक्षण क्या हैं? (Motor Skills Disorder symptoms)
मोटर स्किल डिसऑर्डर (Motor Skills Disorder) के लक्षण जन्म के तुरंत बाद ही दिख जाते हैं। कई बार नवजात शिशुओं को दूध पीने में और निगलने में परेशानी हो सकती है। बाद में बैठने, क्रॉल, चलना और बात करना सीखने में भी धीमा हो सकता है। इनके अलावे कुछ अन्लय क्षण भी हैं, जैसे –
- ऐसे बच्चे खुद से खाना नहीं खा पाते।
- पीड़ित चीजें ठीक से नहीं पकड़ पाते। चाहे वह पेंसिल हो या पानी का गिलास।
- दूसरों का सहारा लेकर चलने में भी परेशानी होती है
- ट्रिपिंग
- जूते की लेस बांधने में कठिनाई, कपड़े पहनने औरखुद की देखभाल से संबंधित गतिविधियों में भी अक्षम
- स्कूल की गतिविधियों जैसे लेखन, रंग, और कैंची का उपयोग करने में कठिनाई
मोटर स्किल डिसऑर्डर से पीड़ित बच्चे डांसिंग, जिमनास्टिक, स्विमिंग, बॉल को पकड़ना और थ्रो करना, लिखना और ड्राइंग को अवॉइड करते हैं। मोटर स्किल डिसऑर्डर के शिकार बच्चे खेल या सोशल एक्टिविटी में पीछे रह सकते हैं। मोटर स्किल डिसऑर्डर की चुनौतियों पर काबू पाने के लिए सामाजिक भागीदारी और अच्छी शारीरिक स्थिति बनाए रखना बहुत जरूरी होता है।
यह भी पढ़ें : बच्चे के अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है परिवार
मोटर स्किल डिसऑर्डर का कारण क्या हैं? (Motor Skills Disorder Causes)
शोधकर्ताओं का मानना है कि मोटर स्किल डिसऑर्डर (Motor Skills Disorder) मस्तिष्क के देर से विकास होने के कारण होता है। इस दौरान आमतौर पर कोई अन्य समस्या नहीं होती है जो विकार की व्याख्या कर सके। कुछ मामलों में, यह अन्य डिसऑर्डर के साथ भी हो सकता है, जैसे कि दिमागी सक्रियता विकार या विकार जो बौद्धिक अक्षमता के कारण होते हैं हालांकि, ये स्थितियां बहुत ज्यादा इनसे जुड़ी नहीं हैं।
यह भी पढ़ें: खाने में आनाकानी करना हो सकता है बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर का लक्षण
मोटर स्किल डिसऑर्डर का इलाज क्या है? (Motor Skills Disorder treatment)
मोटर स्किल डिसऑर्डर (Motor Skills Disorder) का इलाज तब किया जाता है जब मोटर कौशल की समस्याएं शैक्षणिक उपलब्धि या दैनिक जीवन की गतिविधियों में महत्वपूर्ण हस्तक्षेप करती हैं। बच्चों में इसके लक्षणों की वजह से इसे अक्सर अनदेखा किया जाता है और बच्चे को किसी भी एक्टिविटी में शामिल न करने की गलती की जाती है। यह बच्चों को उनकी उम्र के अन्य लोगों की तुलना में काफी नीचे छोड़ देता है। ये बच्चे देखने में अजीब लगते हैं कि उन्हें स्कूल में दरकिनार किया जाता है। ऐसा करना गलत हैं। शारीरिक शिक्षा बच्चे के दिमाग और शरीर के बीच तालमेल, संतुलन करने में उनकी मदद कर सकती है। उनकी शारीरिक गतिविधियों से मोटर स्किल डिसऑर्डर बनाने के बेहतर अवसर बनाया जा सकता है।
आपके शरीर और मस्तिष्क को एक साथ काम करने और मोटापे के जोखिम को कम करने के लिए बच्चे को डेली एक्सरसाइज जरूर कराएं।
यह भी पढ़ें: बच्चों के डिसऑर्डर पेरेंट्स को भी करते हैं परेशान, जानें इनके लक्षण
मोटर स्किल डिसऑर्डर के बारे में जान लें ये बातें भी (Motor Skills Disorder)
गर्भावस्था के दौरान लिपस्टिक और मॉइश्चराइजर जैसे सौंदर्य प्रसाधनों का इस्तेमाल करना महिलाओं और उनके आने वाले बच्चे के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। एक अध्ययन में बताया गया है कि गर्भावस्था के दौरान मॉइश्चराइजर और लिपस्टिक जैसे सौंदर्य प्रसाधनों का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं के बच्चों को किशोरावस्था में ‘मोटर स्किल’ डिसऑर्डर का सामना करना पड़ सकता है।
‘मोटर स्किल’ विकार के पीड़ितों बच्चों को डांस करने, जिमनास्टिक जैसी गतिविधियों और कुछ मामलों में चलने-फिरने में दिक्कतें आती हैं।
‘एन्वायरॉमेंटल रिसर्च’ नाम की पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में थैलेट (प्लास्टिक रसायन की प्रचुर मात्रा वाले उत्पाद) और गर्भावस्था के आखिरी दिनों के दौरान महिलाओं और उनके बच्चों की तीन, पांच एवं सात वर्ष की आयु के वक्त उनके यूरिन के नमूनों में इसके मेटाबोलाइट के स्तर की जांच की गई।
अध्ययन के निष्कर्षों से पता चला कि गर्भावस्था के दौरान मां के थैलेट के संपर्क में आने से बच्चों को किशोरावस्था में चलने-फिरने और जटिल गतिविधियां करने में दिक्कतें पेश आती हैं। ऐसा खासकर लड़कियों में होता है.
इस बात के भी प्रमाण मिले कि बचपन में थैलेट के संपर्क में आने से खासकर लड़कों पर ज्यादा नकारात्मक प्रभाव होता है। अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पाम फैक्टर-लिटवेक ने बताया, ‘‘हमारे अध्ययन में लगभग एक-तिहाई बच्चों का मोटर स्किल औसत से नीचे था। छोटी-मोटी मोटर समस्याओं की चपेट में आए बच्चों को बचपन में रोजमर्रा की गतिविधियों, खासकर खेलने में दिक्कतें आती हैं।’’
मेथमेटिक्स डिसऑर्डर
मोटर स्किल डिसऑर्डर (Motor Skills Disorder) के अलावा बच्चों में दूसरा डिसऑर्डर भी होता है। वह है मेथमेटिक्स डिसऑर्डर। मेथमेटिक्स डिसऑर्डर को लर्निंग डिसेब्लिटी समझा जाता है। जिसमें स्पोकन लेंग्वेज अफेक्ट नहीं होती, लेकिन कम्युनिकेशन मेथ अफेक्ट करता है। इस डिसऑर्डर से पीड़ित बच्चे में मोटर, स्पेटियल, ऑर्गनाइजेशनल और सोशल स्किल कम होती है। ऐसे बच्चों में गणित से जुड़ी परेशानियां देखी जाती हैं जिसमें गणित के फैक्ट्स को याद रखने में देरी। मेथ्स में लगातार गलतियां करना आदि शामिल हैं।
[embed-health-tool-vaccination-tool]