परिचय
म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 (Mucopolysaccharidosis type 1) क्या है?
म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 (Mucopolysaccharidosis type 1) एक आनुवांशिक बीमारी है जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित करती है। इस बीमारी को लाइसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर कहा जाता है क्योंकि म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 से पीड़ित व्यक्ति में ऐसे लाइसोसोम होते हैं जो कुछ विशेष प्रकार के कॉम्पलेक्स शुगर को नहीं तोड़ पाते हैं। जिसके कारण पूरे शरीर की कोशिकाओं में हानिकारक पदार्थ बनने लगते हैं और कई तरह की गंभीर बीमारियां होने लगती हैं।
इसके साथ ही ऊतकों में म्यूकोपॉलीसेकेराइड जमने से बच्चे का शारीरिक विकास रुक जाता है और जोड़ों को हिलाने डुलाने में परेशानी होती है एवं बच्चा मानसिक रुप से कमजोर भी हो सकता है। अगर समस्या बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
कितना सामान्य है म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 (Mucopolysaccharidosis type 1) होना?
म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 एक रेयर डिजीज है। एमपीएस अनुवांशिक डिजीज या जेनेटिक डिजीज है और यह उन लड़के या लड़कियों को समान रुप से प्रभावित करती हैं। माता पिता से दो जोड़ी जीन प्राप्त होते हैं। पूरी दुनिया में लगभग लाखों बच्चे म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 से पीड़ित हैं। आमतौर पर 4 में से 1 बच्चा इस बीमारी से प्रभावित होता है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। इस बीमारी से बच्चों का शारीरिक विकास प्रभावित होता है।
और पढ़ें- कोरोना के डर से बच्चों को कैसे रखें स्ट्रेस फ्री?
लक्षण
म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 (Mucopolysaccharidosis type 1) के क्या लक्षण है?
म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 से पीड़ित बच्चे में प्रायः 3 से 8 वर्ष की उम्र में ही लक्षण नजर आने लगते हैं। जबकि गंभीर रुप से एमपीएस से पीड़ित बच्चे में इस बीमारी के लक्षण बहुत जल्दी ही दिखने लगते हैं। जिसके कारण ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
- रीढ़ की हड्डियों में असामान्यता
- हाथ का पंजा और उंगलियां पूरी तरह नहीं फैलना
- कॉर्निया पर धुंधलापन
- बहरापन
- शारीरिक विकास रुकना
- हार्ट वाल्व की समस्या
- जोड़ों का रोग
- मांसपेशियों में ऐंठन और अकड़न
कभी-कभी कुछ बच्चों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से बच्चा कार्पल टनल सिंड्रोम से पीड़ित हो जाता है।।
इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी सामने आते हैं :
- बौनापन
- ग्लूकोमा
- स्लिप एप्निया
- हर्निया
- डिस्प्लेसिया
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें। यदि म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 आपका पारिवारिक इतिहास हो या बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास देरी से होता है और वह जोड़ों के रोग से पीड़ित हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
और पढ़ें- बच्चों में टॉन्सिलाइटिस की परेशानी को दूर करना है आसान
कारण
म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 होने के कारण क्या है?
म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 एक आनुवांशिक बीमारी है लेकिन माता-पिता से बच्चे को मिले टूटे जीन के कारण उसे भी यह बीमारी हो सकती है। यदि माता पिता से बच्चे में आए जीन बिल्कुल काम नहीं करते तो बच्चे को म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 होने की संभावना 25 प्रतिशत होती है।
एमपीएस 1 से पीड़ित लोगों में लाइसोसोमल अल्फा-एल-एजुरोनिडेस नामक एंजाइम नहीं बनते हैं जो शुगर कणों की श्रृंखला को तोड़ने में मदद करते है। ये कण प्रायः म्यूकस, जोड़ों के आसपास के फ्लुइड सहित पूरे शरीर में पाए जाते हैं। इस एंजाइम के अभाव में ग्लाइकोसामिनोग्लाइकन्स का निर्माण होता है जो हृदय सहित शरीर के कई अंगों को डैमेज कर देता है।
और पढ़ें- बच्चों में साइनसाइटिस का कारण: ऐसे पहचाने इसके लक्षण
जोखिम
म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?
म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 से पीड़ित बच्चे आमतौर पर पूरी तरह ठीक नहीं हो पाते हैं और समय के साथ उनकी हालत बिगड़ती जाती है जिसके कारण 10 साल की उम्र तक बच्चे की मौत हो जाती है। म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 के हल्के लक्षणों से पीड़ित बच्चों को स्वास्थ्य समस्याएं कम होती हैं और वो आसानी से सामान्य जीवन जी सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें- बच्चों में साइनसाइटिस का कारण: ऐसे पहचाने इसके लक्षण
उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 का निदान कैसे किया जाता है?
म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
- ईसीजी-इस टेस्ट से बच्चे के शरीर में असामान्यताओं का पता लगाया जाता है।
- जेनेटिक टेस्टिंग- अल्फा-एल-इडुरोनिडेस जीन में बदलाव का पता लगाने के लिए यह जांच की जाती है।
- यूरीन टेस्ट- पेशाब में अतिरिक्त म्यूकोपॉलीसेकेराइड का पता लगाने के लिए यह टेस्ट किया जाता है।
कुछ मरीजों में रीढ़ की हड्डी के एक्स रे द्वारा म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 का पता लगाया जाता है।
म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 का इलाज कैसे होता है?
म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 का कोई सटीक इलाज नहीं है। कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 के असर को कम किया जाता है। म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 के लिए कई तरह की मेडिकेशन की जाती है :
- मरीज को एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी की सलाह दी जाती है। इस मेडिसिन को लारोनिडेस कहा जाता है जो नसों में दी जाती है। यह मिसिंग एंजाइम को रिप्लेस करने में मदद करती है।
- म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 को बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन और अंबिलिकल कॉड ब्लड ट्रांसप्लांटेशन से काफी हद तक कम किया जा सकता है।
- शरीर के दर्द को कम करने, चलने फिरने में शरीर को गतिशील बनाने और जोड़ों में ऐंठन को कम करने के लिए बच्चे को फिजिकल थेरेपी दी जाती है।
इसके अलावा अल्फा-एल-इडुरोनिडेज के लिए एल्डुराजाइम नामक एंजाइमैटिक रिप्लेसमेंट थेरेपी दी जाती है।
और पढ़ें- बच्चों की लार से इंफेक्शन का होता है खतरा, ऐसे समझें इसके लक्षण
घरेलू उपचार
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
अगर आपके बच्चे को म्यूकोपॉलीसैकेरीडोसिस टाइप 1 है तो आपके डॉक्टर उसके साथ अच्छा व्यवहार करने और हमेशा उसकी मदद करने के लिए कहेंगे। इसके साथ ही बच्चे को हमेशा सुरक्षित वातावरण में खेलने या अन्य गतिविधि करनी चाहिए। साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना चाहिए।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
[embed-health-tool-vaccination-tool]