बहुत तरह का तनाव और चिंता
कई बच्चो में टीचर का सिर्फ उन पर फोकस होना स्ट्रेस का कराण बनता है। कई बच्चे इसमें कंफर्टेबल नहीं होते जिस वजह से तनाव और चिंता में रहने लगते हैं।
बच्चों का बचपन खो जाता है
बच्चे सारा दिन स्कूल में पढाई करने के बाद घर आकर कुछ देर आराम या खेलना पसंद करते है लेकिन ट्यूशन की वजह से उन्हें यह सब करने का समय नहीं मिलता है। सुबह उठकर पहले स्कूल और फिर शाम को ट्यूशन ऐसे में बच्चो को अपने खेलने का समय नहीं मिलता जिससे उनका बचपन इन सब के बीच कही खो जाता है।
आज के समय में बच्चों में नंबर को लेकर कॉम्पीटिशन बहुत अधिक है। इसके साथ ही मां बाप भी बच्चों पर बहुत प्रेशर बनाकर रखते हैं। इस चक्कर में कई मां बाप बच्चों की दो होम ट्यूशन लगा देते हैं। इससे बच्चा स्कूल से आते ही दो ट्यूशन फिर स्कूल का हॉमवर्क फिर दोनों ट्यूश्न का हॉमवर्क करता रह जाता है। अपने बच्चे पर कभी जबरदस्ती न करें। जितना प्रेशर वह हैंडल कर सकें उतना ही बनाएं। बच्चा यदि किसी ट्यूटर से पढ़ना न चाहे तो उसके साथ जबरदस्ती न करें। हो सकता है उसे उसका पढ़ाया समझ में नहीं आता हो या उसकी इच्छा किसी ओर से पढ़ने की हो। ऐसी स्थिति में उसके लिए किसी दूसरे ट्यूटर की तलाश करें। बच्चे का कंफर्ट का भी ख्याल रखें। ध्यान रखें आपका बच्चा स्ट्रेस का शिकार तो नहीं हो रहा।
उम्मीद करते हैं कि आपको होम ट्यूशन के फायदे (Benefits of Home tuition) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।