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बाइल डक्ट (पित्त नली) का ब्लॉक होना
ये पतली नलिकाएं होती हैं, जो लिवर (Liver) और गॉलब्लेडर (Gallbladder) से होते हुए स्मॉल इंटेस्टाइन (छोटी आंत) तक जाती है। कभी-कभी गॉल्स्टोन, कैंसर या लिवर की बीमारी के कारण ब्लॉक हो जाते हैं। ब्लॉक होने पर जॉन्डिस हो जाता है।
पैंक्रियाज कैंसर (Pancreatic cancer)
यह पुरुषों में 10वां सबसे आम कैंसर है और महिलाओं में नौवां। यह बाइल डक्ट को ब्लॉक कर सकता है, जिससे जॉन्डिस (Jaundice) होता है।
कुछ दवाएं
एसिटामिनोफेन (Acetaminophen), पेनिसिलिन (Penicillin), गर्भनिरोधक गोलियां और स्टेरॉयड (Steroids) जैसे ड्रग्स को लिवर की बीमारी से जोड़ा गया है।
वयस्कों में जॉन्डिस से बचने के उपाए और इलाज
वयस्कों में जॉन्डिस को सही वक्त पर इलाज मिलने से कंट्रोल किया जा सकता है। स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर सर्जरी का सुझाव दे सकते हैं।
पीलिया के लक्षण : बच्चों में जॉन्डिस के कारण और उपाए (Cause and treatment for jaundice in kids)
- जॉन्डिस एक ऐसी बीमारी है, जो जन्म के 2-3 दिनों के भीतर नवजात शिशुओं (Newborn baby) में हो सकती है। दरअसल, शिशु के जन्म के दौरान बिलिरुबिन का विकास ठीक से नहीं होता है। इसी कारण जॉन्डिस शिशु के जन्म के कुछ घंटे बाद ही हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह 2 से 3 दिनों के बाद यह बढ़ सकता और एक हफ्ते तक रहसकता सकता है। लेकिन, कभी–कभी स्थिति गंभीर भी हो जाती है।
- प्रीमेच्योर बच्चों में जॉन्डिस का खतरा ज्यादा होता है। क्योंकि प्रीमेच्योर बच्चे का लिवर ठीक से विकसित नहीं होता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार 80 प्रतिशत प्रीमेच्योर बच्चों को जॉन्डिस होता है।
- ब्लड संबंधी परेशानी जैसे ब्लड क्लॉट (Blood clot) होना।
- स्तनपान न होने के कारण। मां के दूध से शिशु को पौष्टिक आहार (Healthy diet) मिलता है और स्तनपान ठीक से नहीं होने की स्थिति में नवजात तक पौष्टिक आहार नहीं पहुंच पाता है।
- इंफेक्शन की वजह से भी जॉन्डिस और अन्य बीमारियों का खतरा बना रहता है।