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Urine Tests During Pregnancy: प्रेग्नेंसी में यूरिन टेस्ट से घबराएं नहीं, क्योंकि यह गर्भवती महिला एवं गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए है जरूरी!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/04/2022

    Urine Tests During Pregnancy: प्रेग्नेंसी में यूरिन टेस्ट से घबराएं नहीं, क्योंकि यह गर्भवती महिला एवं गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए है जरूरी!

    प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला एवं गर्भ में पल रहे शिशु दोनों की सेहत को डॉक्टर लगातर मॉनिटर करते रहते हैं। इसी क्रम में अलग-अलग टेस्ट भी किये जाते हैं, जिससे गर्भावस्था को समझने में मदद मिल सके। इसलिए आज इस आर्टिकल में प्रेग्नेंसी में यूरिन टेस्ट (Urine Tests During Pregnancy) से जुड़ी जानकारी शेयर करने जा रहें हैं। इसके साथ ही गर्भावस्था में यूरिन टेस्ट क्यों अनिवार्य होता है यह भी समझेंगे। 

    • प्रेग्नेंसी के दौरान यूरिन टेस्ट क्या है?
    • प्रीनेटल यूरिन टेस्ट कैसे किया जाता है?
    • यूरिन में ग्लूकोज की मौजूदगी क्या दर्शाती है?
    • प्रेग्नेंसी के दौरान यूरिन में प्रोटीन की मौजूदगी का क्या अर्थ है?
    • प्रेग्नेंसी के दौरान यूटीआई का क्या अर्थ है?
    • प्रेग्नेंसी में यूरिन टेस्ट के रिस्क फैक्टर क्या हो सकते हैं?       

    चलिए अब गर्भावस्था में यूरिन टेस्ट (Urine Tests During Pregnancy) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं। 

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    प्रेग्नेंसी के दौरान यूरिन टेस्ट (Urine Tests During Pregnancy) क्या है?

    प्रेग्नेंसी के दौरान रेगुलर चेकअप करवाने की सलाह गायनोकोलॉजिस्ट देते हैं। इस चेकअप के दौरान डॉक्टर फिजिकली गर्भवती महिला की हेल्थ मॉनिटर करने के साथ-साथ कुछ टेस्ट भी करते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान अन्य टेस्ट की तुलना में यूरिन टेस्ट तकरीबन हर विजिट में किया ही जाता है। प्रेग्नेंसी में यूरिन टेस्ट (Urine Tests During Pregnancy), जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes), प्रीक्‍लैंप्‍सिया (Preeclampsia), यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary Tract Infection) और डिहाइड्रेशन (Dehydration) की स्थिति को समझने के लिए किया जाता है। 

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    प्रीनेटल यूरिन टेस्ट (Prenatal urine tests)  कैसे किया जाता है?

    प्रेग्नेंसी में यूरिन टेस्ट (Urine Tests During Pregnancy)

    प्रीनेटल यूरिन टेस्ट प्रेग्नेंसी के हर विजिट में की जाती है। इस दौरान निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करने की सलाह दी जाती है। जैसे: 

    • हाथ को अच्छी तरह से क्लीन करें। 
    • अब टिशू की सहायता से लेबिया (Labia) को क्लीन करें (डॉक्टर द्वारा दिए गए वाइप से)।
    • अब टॉयलेट करें और यूरिन सेम्पल बॉटल में यूरिन की कुछ मात्रा कलेक्ट करें।  
    • यूरिन सेम्पल बॉटल नर्स को दें। 

    यूरिन की कुछ डॉर्प टेस्टिंग स्ट्रिप्स पर डाली जाती है, जिससे शुगर (Sugar), प्रोटीन (Protein) एवं ब्लड सेल्स (Blood cells) की जानकारी लेते हैं। अगर यूरिन के कलर में बदलाव आता है, तो इसे पॉजिटिव टेस्ट माना जाता है।  

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    यूरिन में ग्लूकोज की मौजूदगी क्या दर्शाती है? (Presence of Glucose in urine during pregnancy) 

    प्रेग्नेंसी में यूरिन टेस्ट (Urine Tests During Pregnancy) के दौरान ग्लूकोज टेस्ट कई गर्भवती महिलाओं का पॉसिटिव आता है। अगर प्रेग्नेंसी के सेकेंड ट्राइमेस्टर में यूरिन में ग्लूकोज की मौजूदगी को सामान्य माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे गर्भ में पल रहे शिशु को लाभ मिलता है। बॉडी इंसुलिन लेवल (Insulin level) को एडजस्ट करने में सक्षम होती है, जिससे जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) का खतरा ना हो सके। हालांकि पूरे प्रेग्नेंसी पीरियड में यूरिन में ग्लूकोज की मात्रा कभी-कभी जेस्टेशनल डायबिटीज का कारण भी बन सकती है। इसलिए ऐसी स्थिति से बचाव के लिए डॉक्टर ग्लूकोज टॉलरेंस स्क्रीनिंग टेस्ट (Glucose tolerance screening test) की सलाह देते हैं। वहीं शरीर का वजन जरूरत से ज्यादा होने पर, 35 या इससे ज्यादा उम्र में गर्भधारण होने और प्रेग्नेंसी की शुरुआत से ही ग्लूकोज टॉलरेंस स्क्रीनिंग टेस्ट की जाती है। इसके अलावा अगर परिवार में किसी को डायबिटीज है या हो चूका है या पिछली प्रेग्नेंसी में डायबिटीज की समस्या हुई है, तो फिर ग्लूकोज टॉलरेंस स्क्रीनिंग टेस्ट पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

    प्रेग्नेंसी में डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of Diabetes during Pregnancy)-

    • बहुत जल्दी थकान महसूस होना।
    • बार-बार प्यास लगना।
    • जल्दी-जल्दी यूरिन पास करने की जरूरत होना।
    • धुंधला दिखाई देना या देखने में परेशानी महसूस होना।
    • मूत्राशय, वजायना और स्किन में लगातार इंफेक्शन होना।

    ऐसे लक्षण अगर प्रेग्नेंसी में महसूस हो, तो इसकी जानकारी डॉक्टर को जल्द से जल्द दें।

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    प्रेग्नेंसी के दौरान यूरिन में प्रोटीन की मौजूदगी का क्या अर्थ है? (Presence of Protein in urine during pregnancy) 

    प्रेग्नेंसी के दौरान यूरिन में प्रोटीन की मौजूदगी प्रीक्‍लैंप्‍सिया (Preeclampsia) की ओर इशारा करती है। अगर गर्भावस्था के दौरान हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) की समस्या रहती है और अगर प्रेग्नेंसी के 20वें हफ्ते में इसके लक्षण भी महसूस हो रहें, तो प्रीक्‍लैंप्‍सिया की संभावना ज्यादा रहती है। इसलिए डॉक्टर गर्भवती महिला के यूरिन को 24 घंटे के लिए स्टोर करते हैं और इसमें 0.3 ग्राम या इससे ज्यादा प्रोटीन की मात्रा होने पर गर्भवती महिला को प्रीक्‍लैंप्‍सिया से पीड़ित माना जाता है।  

    प्रेग्नेंसी के दौरान यूरिन में प्रोटीन की मौजूदगी के लक्षण (Symptoms of High Protein during Pregnancy)-

    प्रेग्नेंसी में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होने पर महसूस होने वाले लक्षण-

    • एड़ी, कलाई एवं आंखों पर सूजन आना।
    • यूरिनेशन के दौरान जलन महसूस होना।
    • पीठ दर्द होना।
    • यूरिन का रंग ब्राउन या रेड होना और यूरिन से झाग आना।

    ऐसे लक्षण अगर प्रेग्नेंसी में महसूस हो, तो इसकी जानकारी डॉक्टर को जल्द से जल्द दें।

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    प्रेग्नेंसी के दौरान यूटीआई का क्या अर्थ है? (UTI during Pregnancy) 

    प्रेग्नेंसी में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का होना सामान्य माना जाता है। ऐसा यूरेथ्रा (Urethra) में बैक्टीरिया की मौजूदगी के कारण होता है। डॉक्टर यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन को दूर करने के लिए आवश्यक दवा प्रिस्क्राइब करते हैं। 

    प्रेग्नेंसी में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण (Symptoms of Urinary Tract Infection during Pregnancy)-

    • बार-बार यूरिन आना।
    • यूरिनेशन के दौरान दर्द और जलन महसूस होना।
    • पेट के निचले हिस्‍से में ऐंठन और दर्द होना।
    • यूरिन का रंग पीला होना और स्मेल आना।
    • ब्‍लैडर के एरिया में दर्द, प्रेशर या टेंडरनेस महसूस होना।

    ऐसे लक्षण अगर प्रेग्नेंसी में महसूस हो, तो इसकी जानकारी डॉक्टर को जल्द से जल्द दें।

    नोट : प्रेग्नेंसी के दौरान बार-बार यूरिनेशन के लिए जाना सामान्य है। वहीं पीठ दर्द या कमर दर्द की समस्या को भी सामान्य माना गया है। हालांकि अगर अन्य तकलीफ वाले लक्षण महसूस हों या नजर आएं तो इसकी जानकारी अपने गायनोकोलॉजिस्ट को जरूर दें।

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    प्रेग्नेंसी में यूरिन टेस्ट के रिस्क फैक्टर क्या हो सकते हैं? (Risk factor of Urine test during pregnancy)    

    प्रेग्नेंसी में यूरिन टेस्ट के दौरान किसी तरह की कोई भी समस्या नहीं होती है। इसलिए प्रेग्नेंसी में यूरिन टेस्ट (Urine Tests During Pregnancy) से घबराएं नहीं, क्योंकि ये गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए आवश्यक है। 

    नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार प्रेग्नेंसी में यूरिन टेस्ट (Urine Tests During Pregnancy) को रूटीन टेस्ट बताया गया है। वहीं रिसर्च रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर गर्भावस्था में यूरिन टेस्ट रिपोर्ट में बैक्टीरिया लेवल सामान्य से ज्यादा होने की स्थिति में अन्य टेस्ट भी करवाने की सलाह दी जा सकती है।

    प्रेग्नेंसी में यूरिन टेस्ट (Urine Tests During Pregnancy) से जुड़े किसी तरह के सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें फेसबुक पेज पर कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की पूरी कोशिश करेंगे।

    प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला अपना ख्याल तो रखती हैं, लेकिन प्रेग्नेंसी के बाद भी गर्भवती महिला को अपने विशेष ख्याल रखना चाहिए। इसलिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें और एक्पर्ट से जानें न्यू मदर के लिए खास टिप्स यहां।

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