लमाज ब्रीदिंग तकनीक के निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं। जैसे:
- लेबर पेन कम हो सकता है।
- डिलिवरी के दौरान महसूस होने वाली तकलीफ कम हो सकती है।
- बेबी डिलिवरी डेट के एक हफ्ते पहले से गर्भवती महिला डॉक्टर के सलाह अनुसार अपने डेली रूटीन में लमाज ब्रीदिंग तकनीक (Lamaze breathing technique) अपना सकती हैं।
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लमाज ब्रीदिंग के नुकसान क्या हैं? (Side effects of Lamaze breathing)
शिशु के जन्म की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए लमाज ब्रीदिंग तकनीक के बारे में जितना जानना जरूरी है, उतना ही इसे लमाज ब्रीदिंग तकनीक एक्क्सपर्ट की निगरानी में प्रैक्टिकली सीखना जरूरी बताया गया है। इसलिए कपल को लमाज ब्रीदिंग तकनीक (Lamaze breathing technique) अपनाने से पहले और प्रेग्नेंसी के दूसरी तिमाही (Second trimester) से ही इस तकनीक को सीखना शुरू कर देना चाहिए।
कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान फॉल्स लेबर पेन की भी समस्या हो सकती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को फॉल्स प्रेग्नेंसी के बारे में भी जानना आवश्यक होता है।
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कैसे समझें फॉल्स लेबर पेन को? (Symptoms of False labor pain)
फॉल्स लेबर पेन को निम्नलिखित तरह से समझा जा सकता है। जैसे:
- कॉन्ट्रेक्शन यानी संकुचन के दौरान नहीं होना। इस दौरान गर्भवती महिला सिर्फ असहज महसूस कर सकती हैं।
- कॉन्ट्रेक्शन पीरियड्स कुछ वक्त तक ही रहना।
- लेबर पेन पेट के निचले हिस्से में होता है। कई बार कमर दर्द को गर्भवती महिला लेबर पेन समझने लगती हैं।
ये लक्षण फॉल्स लेबर के होते हैं। अगर ऐसी स्थिति में गर्भवती महिला ज्यादा असहज या परेशानी महसूस कर रहीं हैं, तो डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी होता है।
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लेबर पेन के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of labor pain)
बेबी डिलिवरी डेट के दौरान अगर गर्भवती महिला निम्नलिखित लक्षणों को समझ रहीं हैं या महसूस कर रहीं हैं, तो यह ट्रू लेबर पेन है। जैसे:
- तेज संकुचन के साथ-साथ दर्द होना।
- शरीर के पॉश्चर को बदलने के बाद भी दर्द (Pain) कम नहीं होना।
- लेबर पेन पीठ के निचले हिस्से से शुरू होकर पेट के निचले हिस्से में होती है।
- पेट के निचले हिस्से में दर्द (Lower abdomen) के साथ-साथ दस्त होना।
नोट: इन ऊपर बताये लक्षणों के साथ-साथ अगर वॉटर ब्रेक हो जाए, तो जल्द से जल्द गर्भवती महिला को डॉक्टर के पास लेकर जाएं। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें कि अलग-अलग गर्भवती महिला में लेबर पेन (Labour pain) के लक्षण अलग भी हो सकते हैं। इसलिए इनसभी बातों को ध्यान रखें और लमाज ब्रीदिंग तकनीक (Lamaze breathing) फॉलो करें।
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प्रेग्नेंसी के दौरान अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो बेबी डिलिवरी प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है। प्रेग्नेंसी के नौ महीने ये सोचने में न बिताये कि लेबर पेन को मैं कैसे बर्दाश्त करूंगी? आपको सोचने की बजाये शारीरिक क्रियाओं एवं डॉक्टर से सलाह अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान की जाने वाली एक्सरसाइज करनी चाहिए, जिससे डिलिवरी आसान हो सकेगी। बेबी बर्थ (Baby birth) के लिए बढ़ती टेक्नोलॉजी एवं लमाज ब्रीदिंग तकनीक (Lamaze breathing) जैसी अन्य तरीके भी शिशु के जन्म को आसान बनाने में मददगार साबित हो रहें हैं। वहीं लेबर पेन के दौरान अपने पार्टनर का सहारा जरूर लें या फिर पार्टनर को भी इस दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिए।
हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए हेल्दी डायट (Healthy diet) और देखरेख की जरूरत पड़ती है। लेकिन क्या आपने कभी प्रेग्नेंसी और एज यानी उम्र के बारे में जरूरी बातों को जानने की कोशिश की है? दरअसल हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए उम्र का सही पड़ाव भी आवश्यक होता है। नीचे दिए इस क्विज को खेलिए और जानिए प्रेग्नेंसी (Pregnancy) एवं एज (Age) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।